शनिवार, 17 सितंबर 2011

हत्या के आरोपियों को उम्रकैद

हत्या के आरोपियों को उम्रकैद

जैसलमेर। जिला व सेशन न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह हाडा ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में 14 जनवरी 2010 को रामगढ़ थाने में हाजी खां ने रिपोर्ट पेश कर बताया था कि वह अपने मुरबा चक संख्या तीन में काश्त कर ट्रैक्टर पर आ रहा था। इस दौरान जब वह अपने साले चाचड़ खां के मुरबे के पास पहुंचा, तब उसे चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। मौके पर जाकर देखा तो पाया कि चाचड़ खां के मुरबे के किनारे पर ट्रैक्टर खड़ा था व उसके पीछे की लाइट जल रही थी।

उसने कुछ लोगों के भागने की आवाज सुनी और मौके पर पहुंचा तो देखा कि ट्रैक्टर के पिछले बड़े टायर के नीचे चाचड़ खां दबा हुआ था और बेहोशी की हालत में था। चाचड़ खां को गाड़ी में डालकर ढाणी लाए, जहां उसकी मौत हो गई थी। इस दौरान वहां पहुंचे हलीम ने बताया कि उसके पास रामेश्वर व ओमाराम आए थे, जिन्होंने कहा है कि उनसे गलती हो गई है और उन्होंने चाचड़ खां को ट्रैक्टर के नीचे दबा कर मार दिया है।

हलीम ने बताया कि ये लोग उसके मुरबे पर काश्तकार हैं। पानी की बारी को लेकर चाचड़ खां व इन लोगों के बीच में झगड़ा था और इन लोगों ने चाचड़ खां को जान से मारने की धमकी भी दी थी।

इस रिपोर्ट पर आरोपी ओमप्रकाश, रामेश्वर व सहअभियुक्त दौलतराम, जेठाराम, सरजीतसिंह निवासी सामरदा जिला बीकानेर के विरूद्ध पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। प्रकरण में राज्य की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक महेन्द्र चौधरी ने अभियोजन की ओर से 24 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। न्यायालय ने बहस सुनने के बाद निर्णय सुनाते हुए आरोपी रामेश्वरलाल व ओमप्रकाश को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 500-500 रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया व शेष आरोपियों दौलतराम, जेठाराम व सरजीतसिंह को दोषमुक्त किया गया।

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