शनिवार, 17 सितंबर 2011

मिस कॉल से हुए प्रेम संबंध का अंत हत्या

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने बहन के प्रेमी की हत्या के आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायाधीश संदीप मेहता ने प्रार्थी रामलाल के जमानत आवेदन की सुनवाई में दिए।


पुलिस थाना गोटन पर थानाधिकारी रामस्वरूप ने कैलाश मीणा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पूछताछ में पता चला कि पिछले तीन माह से उसकी बातचीत नागौर जिले की एक युवती से हो रही थी। इस पर पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल जांच की तो अंतिम कॉल सिरोही जिले में युवती के भाई रामलाल से बात होना पायी गई।


रामलाल ने पूछताछ में बताया कि कैलाश ने मिस कॉल देकर और फिर बातचीत कर उसकी बहन सुमन से प्रेम प्रसंग बढ़ाया। इसके बाद युवती के भाई ने कैलाश से दोस्ती की फिर उसे शादी की बातचीत करने के लिए गोटन बुलाया। अपने मित्रों के सहयोग से उसकी हत्या कर लाश को कुएं में डाल दिया।



अदालत में सरकारी वकील अनिल जोशी ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अपनी बहन के प्रेमी की जघन्य इस तरह झांसे में फंसा कर हत्या करना ऑनर किलिंग के समान है व आरोपी के एक बार पहले हाईकोर्ट जमानत खारिज कर चुकी है।

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