शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास, आरोपी को सात साल की सजा


बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास, आरोपी को सात साल की सजा


हनुमानगढ़. पांच साल की बच्ची के गवाही को अहम मानते हुए अदालत ने दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी सरदारी राम को सात साल की सजा सुनाई। साथ ही तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक संख्या एक) सोहन लाल शर्मा ने शुक्रवार को सुनाया।


खास बात यह है कि पीडि़त बच्ची के माता-पिता के पक्षद्रोही होने के बाद अदालत ने बच्ची के बयान को अहम मानते हुए यह फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में लिखा है कि किसी बच्ची के साथ गलत काम करना घृणितकृत्य की श्रेणी में आता है तथा गंभीर अपराध भी है। ऐसे मुल्जिम के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता है।


अपर लोक अभियोजक जयपाल झोरड़ ने बताया कि यह अपनी तरह का अलग मामला है जिसमें पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामले में माता-पिता के पक्षद्रोही होने के बाद भी अदालत ने बच्ची की गवाही को अहम मानते हुए आरोपी को सजा सुनाया है।


पीडि़ता की माता-पिता के पक्षद्रोही होने के बाद सरकारी वकील जयपाल झोरड़ ने बच्ची को पुलिस सुरक्षा में गवाही दिलवाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र लगाया था कि पीडि़ता के माता-पिता का पक्षद्रोही होना अत्यंत गंभीर है।


यह एक छोटी बच्ची को बहला-फुसलाकर बलात्कार के प्रयास का मामला है। उसकी माता-पिता के पक्षद्रोही होने की स्थिति में बच्ची पर भी दबाव की आशंका है। इस लिए बच्ची को घर से लाने व ले जाने के लिए पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।


अदालत ने बच्ची को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बच्ची को गवाही के लिए अदालत में लाया गया था जहां बच्ची ने आरोपी के खिलाफ गवाही दी थी जबकि इस मामले में सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे।


यह था मामला: सुरेशिया में रहने वाले एक व्यक्ति ने 24 अप्रैल 2011 को महिला पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाया था कि उसकी पांच वर्षीय बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। इस दौरान सरदारी राम वहां आया और उसकी बच्ची को चॉकलेट दिलाने का लालच देकर राजीव गांधी स्टेडियम में ले गया। वहां उसने उसके साथ गलत काम करने का प्रयास किया।



वह अपने गलत मंसूबों में कामयाब होता इससे पहले ही बच्ची को खोजते हुए उसके परिजन वहां पहुंच गए। परिजनों को आते देख सरदारी राम वहां से फरार हो गया।

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