नई दिल्ली ।। ' पीएम इन वेटिंग ' कहे जाने वाले बीजेपीके वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज परोक्ष रूप सेमोदी को पीएम पद का उम्मीदवार मान लिया। उन्होंनेअमेरिकी कांग्रेस की उस रिपोर्ट का समर्थन किया जिसमेंगुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद काप्रबल दावेदार बताया गया है।
अगले महीने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जन समर्थन जुटाने केइरादे से देशव्यापी रथयात्रा पर निकलने जा रहे आडवाणीने अपने ब्लॉग में लिखा है , ' अब अमेरिकी सांसदों औरविदेश विभाग को भी लग रहा है कि प्रधानमंत्री के रूप मेंमोदी की अगुवाई में बीजेपी केन्द्र की सत्ता में वापसी करसकती है। ' उन्होंने कहा कि अमेरिकी विश्लेषकों के इसआंकलन का आधार एक के बाद एक घोटालों के चलतेकांग्रेस पार्टी का सीधी ढलान से लुढ़कना है।
आडवाणी हालांकि अपनी ओर से सीधे तौर पर यह कहनेसे बचे हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। लेकिन ,मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रबल उम्मीदवार बताने वाली अमेरिकी रिपोर्ट को उद्धृत करके परोक्ष रूप सेउन्होंने इससे सहमति जता दी है। बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष ने उक्त रिपोर्ट के हवाले से ही लिखा , ' यूं तो2011 में पार्टी कुछ अव्यवस्थित है , लेकिन इस बात के संकेत हैं कि बीजेपी ने 2014 में निर्धारित आम चुनाव मेंस्वयं को अजेय बनाने के लिए आवश्यक बदलाव किए हैं। इनमें हिन्दुत्व संबंधी भावनात्मक मुद्दों की बजाए पार्टीको विकास और सुशासन के ब्रांड पर ढालना शामिल है। कई लोगों का मोदी पर आरोप है कि गोधरा घटना केबाद गुजरात में 2002 में भड़के दंगों को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने उचित कदम नहीं उठाए। लेकिन , इसदंगे के बाद मोदी ने अपने को ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने का सतत प्रयास किया है जो विकास औरसुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। '
ब्लॉगः ‘मोदी द ग्रेट’ के तीन संदेश
अमेरिकी कांग्रेस के विशलेषक आज मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रबल उम्मीदवार बता रहे हैं , लेकिन अमेरिकाने ही धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर 2005 में उन्हें अमेरिका आने का वीज़ा देने से इनकार कर दिया था। वीज़ाविवाद पर आडवाणी ने ब्लॉग में लिखा कि उन्होंने 2009 में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के सामने यहमुद्दा उठाया था। आडवाणी ने क्लिंटन से कहा , ' मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि आपकी सरकार ने कैसे और क्यों यहघोषणा कर डाली कि मोदी को वीज़ा देने से इनकार कर दिया गया है , जबकि मोदी ने इसके लिए आवेदन हीनहीं किया। '
बकौल आडवाणी , हैरान क्लिंटन ने तब अपने अधिकारियों से पूछा कि क्या यह सच है। इस पर एक अधिकारीने कहा कि यह सच है। उस अधिकारी के अनुसार एक अमेरिकी सांसद ने मोदी की प्रस्तावित यात्रा के बारे मेंसरकार से जानना चाहा था और आधिकारिक जवाब में कहा गया था कि वीज़ा देने से इनकार किया जाएगा। इसजवाब को प्रचारित कर दिया गया।
आडवाणी के अनुसार उन्होंने क्लिंटन से कहा कि यह बहुत अनुचित है कि मोदी ने ऐसा कोई आवेदन किया हीनहीं और एक सवाल के जवाब में इस तरह की बात कह कर उसे प्रचारित भी कर दिया गया।
गुजरात दंगों की चपेट में आई गुलबर्ग सोसायटी के मामले में उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले को मोदी केलिए बड़ी राहत माना। आडवाणी ने उन्हें कुशल प्रशासक बताते हुए कहा , ' मैंने ऐसा कोई अन्य राजनीतिकव्यक्ति नहीं देखा जिसे इतना बदनाम किया गया हो , जितना कि मोदी को। भारत के राजनीतिक इतिहास मेंकिसी अन्य राजनीतिक नेता के विरूद्ध ऐसा दुष्प्रचार कभी नहीं हुआ। '
अगले महीने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जन समर्थन जुटाने केइरादे से देशव्यापी रथयात्रा पर निकलने जा रहे आडवाणीने अपने ब्लॉग में लिखा है , ' अब अमेरिकी सांसदों औरविदेश विभाग को भी लग रहा है कि प्रधानमंत्री के रूप मेंमोदी की अगुवाई में बीजेपी केन्द्र की सत्ता में वापसी करसकती है। ' उन्होंने कहा कि अमेरिकी विश्लेषकों के इसआंकलन का आधार एक के बाद एक घोटालों के चलतेकांग्रेस पार्टी का सीधी ढलान से लुढ़कना है।
आडवाणी हालांकि अपनी ओर से सीधे तौर पर यह कहनेसे बचे हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। लेकिन ,मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रबल उम्मीदवार बताने वाली अमेरिकी रिपोर्ट को उद्धृत करके परोक्ष रूप सेउन्होंने इससे सहमति जता दी है। बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष ने उक्त रिपोर्ट के हवाले से ही लिखा , ' यूं तो2011 में पार्टी कुछ अव्यवस्थित है , लेकिन इस बात के संकेत हैं कि बीजेपी ने 2014 में निर्धारित आम चुनाव मेंस्वयं को अजेय बनाने के लिए आवश्यक बदलाव किए हैं। इनमें हिन्दुत्व संबंधी भावनात्मक मुद्दों की बजाए पार्टीको विकास और सुशासन के ब्रांड पर ढालना शामिल है। कई लोगों का मोदी पर आरोप है कि गोधरा घटना केबाद गुजरात में 2002 में भड़के दंगों को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने उचित कदम नहीं उठाए। लेकिन , इसदंगे के बाद मोदी ने अपने को ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने का सतत प्रयास किया है जो विकास औरसुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। '
ब्लॉगः ‘मोदी द ग्रेट’ के तीन संदेश
अमेरिकी कांग्रेस के विशलेषक आज मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रबल उम्मीदवार बता रहे हैं , लेकिन अमेरिकाने ही धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर 2005 में उन्हें अमेरिका आने का वीज़ा देने से इनकार कर दिया था। वीज़ाविवाद पर आडवाणी ने ब्लॉग में लिखा कि उन्होंने 2009 में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के सामने यहमुद्दा उठाया था। आडवाणी ने क्लिंटन से कहा , ' मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि आपकी सरकार ने कैसे और क्यों यहघोषणा कर डाली कि मोदी को वीज़ा देने से इनकार कर दिया गया है , जबकि मोदी ने इसके लिए आवेदन हीनहीं किया। '
बकौल आडवाणी , हैरान क्लिंटन ने तब अपने अधिकारियों से पूछा कि क्या यह सच है। इस पर एक अधिकारीने कहा कि यह सच है। उस अधिकारी के अनुसार एक अमेरिकी सांसद ने मोदी की प्रस्तावित यात्रा के बारे मेंसरकार से जानना चाहा था और आधिकारिक जवाब में कहा गया था कि वीज़ा देने से इनकार किया जाएगा। इसजवाब को प्रचारित कर दिया गया।
आडवाणी के अनुसार उन्होंने क्लिंटन से कहा कि यह बहुत अनुचित है कि मोदी ने ऐसा कोई आवेदन किया हीनहीं और एक सवाल के जवाब में इस तरह की बात कह कर उसे प्रचारित भी कर दिया गया।
गुजरात दंगों की चपेट में आई गुलबर्ग सोसायटी के मामले में उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले को मोदी केलिए बड़ी राहत माना। आडवाणी ने उन्हें कुशल प्रशासक बताते हुए कहा , ' मैंने ऐसा कोई अन्य राजनीतिकव्यक्ति नहीं देखा जिसे इतना बदनाम किया गया हो , जितना कि मोदी को। भारत के राजनीतिक इतिहास मेंकिसी अन्य राजनीतिक नेता के विरूद्ध ऐसा दुष्प्रचार कभी नहीं हुआ। '
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