बाबा पर फेमा के उल्लंघन का केस
नई दिल्ली। काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ना योग गुरू बाबा रामदेव को भारी पड़ रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन के आरोप में बाबा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि बाबा रामदेव और उनके न्यासों को अमरीका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड से वित्तीय सहायता मिलने का साक्ष्य मिला है।
बाबा रामदेव और उनके न्यासों को सात करोड़ रूपये मिलने की खबर है। निदेशालय ने इसके मद्देनजर फेमा के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक निदेशालय की जांच में बाबा रामदेव और उनके न्यासों पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट एवं दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट को विदेशी राशि मिलने का साक्ष्य मिला है। बाबा रामदेव के स्काटलैंड स्थित द लिटिल कुंब्रेस आईलैंड की भी जांच की गई है। यह आईलैंड बाबा के विदेशी कैंप और वेलनेस केन्द्र के रूप में काम कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार यह आईलैंड बाबा के एक भक्त दंपति ने उन्हें उपहार में दिया था। निदेशालय कंपनी पंजीयक और कंपनी मामलों के मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुरूप कंपनियों की शेयरधारिता और अन्य जानकारियों की जांच भी कर रहा है। निदेशालय ने ब्रिटेन के अधिकारियों से आईलैंड को लेकर जांच में मदद मांगी है।
इसके अतिरिक्त भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य नियामक संस्थाओं के दिशा निर्देश के अनुरूप बाबा रामदेव के निवेश और लेनदेन की जांच भी की जा रही है। दूसरी और बाबा रामदेव के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने कहा कि प्रर्वतन निदेशालय द्वारा बाबा रामदेव के न्यासों के विरूद्ध मामला दर्ज करने संबंधी मीडिया में आई खबरों के बारे में उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
हाल ही में खबर आई थी कि बाबा ने 3 लाख डॉलर विदेश भेजे हैं। 2 लाख डॉलर लंदन और 80 हजार डॉलर मेडागास्कर द्वीप भेजे हैं। ईडी ने इस पैसों की जानकारी के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र भी लिखा था। इस बीच, दिल्ली पुलिस बाबा और उनके चेले आचार्य बालकृष्ण को समन भेजने की तैयारी में हैं। दोनों को 4 जून को रामलीला मैदान में पुलिस से झड़प के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
नई दिल्ली। काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ना योग गुरू बाबा रामदेव को भारी पड़ रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन के आरोप में बाबा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि बाबा रामदेव और उनके न्यासों को अमरीका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड से वित्तीय सहायता मिलने का साक्ष्य मिला है।
बाबा रामदेव और उनके न्यासों को सात करोड़ रूपये मिलने की खबर है। निदेशालय ने इसके मद्देनजर फेमा के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक निदेशालय की जांच में बाबा रामदेव और उनके न्यासों पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट एवं दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट को विदेशी राशि मिलने का साक्ष्य मिला है। बाबा रामदेव के स्काटलैंड स्थित द लिटिल कुंब्रेस आईलैंड की भी जांच की गई है। यह आईलैंड बाबा के विदेशी कैंप और वेलनेस केन्द्र के रूप में काम कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार यह आईलैंड बाबा के एक भक्त दंपति ने उन्हें उपहार में दिया था। निदेशालय कंपनी पंजीयक और कंपनी मामलों के मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुरूप कंपनियों की शेयरधारिता और अन्य जानकारियों की जांच भी कर रहा है। निदेशालय ने ब्रिटेन के अधिकारियों से आईलैंड को लेकर जांच में मदद मांगी है।
इसके अतिरिक्त भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य नियामक संस्थाओं के दिशा निर्देश के अनुरूप बाबा रामदेव के निवेश और लेनदेन की जांच भी की जा रही है। दूसरी और बाबा रामदेव के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने कहा कि प्रर्वतन निदेशालय द्वारा बाबा रामदेव के न्यासों के विरूद्ध मामला दर्ज करने संबंधी मीडिया में आई खबरों के बारे में उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
हाल ही में खबर आई थी कि बाबा ने 3 लाख डॉलर विदेश भेजे हैं। 2 लाख डॉलर लंदन और 80 हजार डॉलर मेडागास्कर द्वीप भेजे हैं। ईडी ने इस पैसों की जानकारी के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र भी लिखा था। इस बीच, दिल्ली पुलिस बाबा और उनके चेले आचार्य बालकृष्ण को समन भेजने की तैयारी में हैं। दोनों को 4 जून को रामलीला मैदान में पुलिस से झड़प के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
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