चेन्नई. शंकररमन हत्याकांड में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और उनके शिष्य विजयेंद्र सरस्वती पर मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट के जज को रिश्वत देने की कोशिश करने का आरोप लगा है।
मद्रास हाईकोर्ट के जज के सुगुना ने इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई आठ हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है। पी सुदरराजन ने इस याचिका में कहा है कि फोन पर बातचीत के हाल में सामने आए टेप में शंकराचार्य द्वारा मामले की सुनवाई कर रहे जज को रिश्वत देने की कोशिश करने के संकेत मिलते हैं।
पुडुचेरी सेशंस कोर्ट में हत्या के मामले की सुनवाई चल रही है।
कांचीपुरम के वर्दराज पेरुमल मंदिर के प्रबंधक शंकररमन की 3 सितंबर 2004 में हत्या कर दी गई थी। पांच लोगों ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए समर्पण किया था लेकिन जांच में पता चला कि वे दोषी नहीं हैं।
हत्या के दो माह बाद जयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद विजयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि शंकररमन पहले कांची मठ में काम करता था और मठ में चल रही वित्तीय गड़बड़ियों की उसे जानकारी थी। उसकी हत्या इसलिए कर दी गई कि कहीं वह इन्हें उजागर न कर दे। शंकराचार्य ने तमिलनाडु में निष्पक्ष सुनवाई पर संदेह जताया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हत्या का मुकदमा चेंगलपेट से पुडुचेरी स्थानांतरित कर दिया था।
मद्रास हाईकोर्ट के जज के सुगुना ने इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई आठ हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है। पी सुदरराजन ने इस याचिका में कहा है कि फोन पर बातचीत के हाल में सामने आए टेप में शंकराचार्य द्वारा मामले की सुनवाई कर रहे जज को रिश्वत देने की कोशिश करने के संकेत मिलते हैं।
पुडुचेरी सेशंस कोर्ट में हत्या के मामले की सुनवाई चल रही है।
कांचीपुरम के वर्दराज पेरुमल मंदिर के प्रबंधक शंकररमन की 3 सितंबर 2004 में हत्या कर दी गई थी। पांच लोगों ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए समर्पण किया था लेकिन जांच में पता चला कि वे दोषी नहीं हैं।
हत्या के दो माह बाद जयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद विजयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि शंकररमन पहले कांची मठ में काम करता था और मठ में चल रही वित्तीय गड़बड़ियों की उसे जानकारी थी। उसकी हत्या इसलिए कर दी गई कि कहीं वह इन्हें उजागर न कर दे। शंकराचार्य ने तमिलनाडु में निष्पक्ष सुनवाई पर संदेह जताया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हत्या का मुकदमा चेंगलपेट से पुडुचेरी स्थानांतरित कर दिया था।
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