देर से हुई बारिश ने बुवाई के रिकॉर्ड तोड़े
बालोतरा। जिले में इस वर्ष देरी से जोर की हुई मानसून वर्षा ने किसानों के भाग्य खोल दिए हैं। वर्षा की बाट देख रहे किसानों ने बगैर एक पल की देरी किए अपने खेतों की जुताई की, जिस पर इन दिनों खेतो मे खड़ी फसलें हवा के साथ झूम रही है। आने वाले दिनो मे हल्की वर्षा होने पर अच्छा जमाना आने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके चलते इन दिनों किसानो के जीवन में खुशियां छा गई है।
इस वर्ष वर्षा ने किसानों को खूब तरसाया। किसानो ने बगैर कोई एक पल की देरी किए महंगे बीजों से खेतों की जुताई की। लेकिन इसके एक दो रोज बाद फिर जोर से वर्षा होने पर बुवाई के बीज पानी के संग बह गए। किसानो को दुबारा खेतों की जुताई करनी पड़ी। इस जुताई के बाद किसान कुछ राहत की सांस महसूस कर रहे थे,लेकिन बीते कई दिनो बाद दूर-दूर तक वर्षा नहीं होने के नजर नहीं आते आसार से किसानो की हिम्मत टूट गई थी। वर्षा के अभाव में फसले जल रही थी। वर्षा न होने से अकाल की बढ़ी आशंकाओं के चलते ग्रामीणों की खुशियां काफूर हो गई थी।
एक माह के लंबे इंतजार के बाद क्षेत्र मे जब जोर की बारिश हुई तो किसानो के घरों मे खुशियां लौट आई। जल रही फसलों को मिले बरसाती पानी पर इन्हे नया जीवनदान मिला। इसके चलते इन दिनों खेतों मे बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, तिल, ग्वार अरंडी की फसलें हवा के साथ झूमती हुई खिलखिला रही है। इन्हें अच्छी अवस्था में देख किसानों के चेहरे पर भी खुशी लौट आई है।
इसके साथ किसान परिवार सदस्यों के साथ खेतों मे से खरपतवार निकालने के काम में जुट गए हैं। हर कई खरपतवार निकालने के हो रहे इस कार्य से खेतों में पूरे दिन रौनक बनी रहती है। सूर्यास्त बाद किसान खेतो से लकड़ी व पशुओं के लिए चारा लेकर घरो को लौट रहे हैं।
इतनी हुई बुवाई
जानकारी के अनुसार 8 लाख 45 हजार 764 हेक्टयर में बाजरा, 97 हजार 8 सौ हेक्टयर में मूंग, 1 लाख 94 हजार 70 हेक्टयर में मोठ, 1225 हेक्टयर में ग्वार, 3 लाख 80 हजार 397 हेक्टयर में ग्वार, 6105 हेक्टयर में तिल, 28 हजार 232 हेक्टयर मे अरंडी, 4 सौ हेक्टयर में मूंगफली की बुवाई हुई है। कुल 15 लाख 54 हजार 578 हेक्टयर में रबी की बुवाई हुई है। कृषि विभाग के लक्ष्य से इस वर्ष अच्छी वर्षा पर करीब 2 लाख हेक्टयर अधिक बुवाई हुई है।
बालोतरा। जिले में इस वर्ष देरी से जोर की हुई मानसून वर्षा ने किसानों के भाग्य खोल दिए हैं। वर्षा की बाट देख रहे किसानों ने बगैर एक पल की देरी किए अपने खेतों की जुताई की, जिस पर इन दिनों खेतो मे खड़ी फसलें हवा के साथ झूम रही है। आने वाले दिनो मे हल्की वर्षा होने पर अच्छा जमाना आने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके चलते इन दिनों किसानो के जीवन में खुशियां छा गई है।
इस वर्ष वर्षा ने किसानों को खूब तरसाया। किसानो ने बगैर कोई एक पल की देरी किए महंगे बीजों से खेतों की जुताई की। लेकिन इसके एक दो रोज बाद फिर जोर से वर्षा होने पर बुवाई के बीज पानी के संग बह गए। किसानो को दुबारा खेतों की जुताई करनी पड़ी। इस जुताई के बाद किसान कुछ राहत की सांस महसूस कर रहे थे,लेकिन बीते कई दिनो बाद दूर-दूर तक वर्षा नहीं होने के नजर नहीं आते आसार से किसानो की हिम्मत टूट गई थी। वर्षा के अभाव में फसले जल रही थी। वर्षा न होने से अकाल की बढ़ी आशंकाओं के चलते ग्रामीणों की खुशियां काफूर हो गई थी।
एक माह के लंबे इंतजार के बाद क्षेत्र मे जब जोर की बारिश हुई तो किसानो के घरों मे खुशियां लौट आई। जल रही फसलों को मिले बरसाती पानी पर इन्हे नया जीवनदान मिला। इसके चलते इन दिनों खेतों मे बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, तिल, ग्वार अरंडी की फसलें हवा के साथ झूमती हुई खिलखिला रही है। इन्हें अच्छी अवस्था में देख किसानों के चेहरे पर भी खुशी लौट आई है।
इसके साथ किसान परिवार सदस्यों के साथ खेतों मे से खरपतवार निकालने के काम में जुट गए हैं। हर कई खरपतवार निकालने के हो रहे इस कार्य से खेतों में पूरे दिन रौनक बनी रहती है। सूर्यास्त बाद किसान खेतो से लकड़ी व पशुओं के लिए चारा लेकर घरो को लौट रहे हैं।
इतनी हुई बुवाई
जानकारी के अनुसार 8 लाख 45 हजार 764 हेक्टयर में बाजरा, 97 हजार 8 सौ हेक्टयर में मूंग, 1 लाख 94 हजार 70 हेक्टयर में मोठ, 1225 हेक्टयर में ग्वार, 3 लाख 80 हजार 397 हेक्टयर में ग्वार, 6105 हेक्टयर में तिल, 28 हजार 232 हेक्टयर मे अरंडी, 4 सौ हेक्टयर में मूंगफली की बुवाई हुई है। कुल 15 लाख 54 हजार 578 हेक्टयर में रबी की बुवाई हुई है। कृषि विभाग के लक्ष्य से इस वर्ष अच्छी वर्षा पर करीब 2 लाख हेक्टयर अधिक बुवाई हुई है।
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