अन्ना की मांग पर कल संसद में बहस
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार अन्ना हजारे की तीन मांगों को कल से संसद में चर्चा के लिए रख सकती है। निजी चैनलों के हवाले से यह खबर आई है कि सरकार अन्ना की मांगे मान चुकी है। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अन्ना की मांग को लेकर सरकार कल संसद में बहस कराने को तैयार हो गई है।
लोकपाल के तीनों प्रारूपों पर होगी चर्चा
प्रणब के साथ बैठक से पहले संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने भी कहा कि शुक्रवार को संसद में लोकपाल विधेयक के सभी प्रारूपों पर चर्चा होगी जिसमें जन लोकपाल विधेयक का प्रारूप भी शामिल है। उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा के लिए विपक्ष से सहमति बनाई जाएगी। तथा नियम 184 के तहत चर्चा हो सकती है। इसमें चर्चा के बाद वोटिंग का प्रावधान है। यह चर्चा अन्ना की तीन शर्तों पर होगी। हालांकि नियम 184 के तहत चर्चा के लिए स्पीकर की मंजूरी जरूरी है। बंसल ने आशा जताई की अन्ना का अनशन जल्द टूटेगा।
अन्ना ने मांगा लिखित आश्वासन
लोकसभा की अपील के बाद अन्ना हजारे ने तय समय में सिटीजन चार्टर लाने, सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने, और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्तों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कल से संसद में चर्चा का लिखित आश्वासन मांगा था। अन्ना ने कहा था कि अगर उनकी यह मांग मान ली जाती है तो वह अपना अनशन तोड़ने के बारे में सोचेंगे।
अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जनलोकपाल बिल सहित तीन बिलों पर संसद में चर्चा कराने के प्रस्ताव के जवाब में उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है। पत्र का जवाब आने के बाद ही अनशन खत्म करने या नहीं करने के बारे में फैसला होगा।
केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख ने अन्ना हजारे से मुलाकात की। उन्होंने अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की। देशमुख की मुलाकात के बाद सिविल सोसायटी की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद अन्ना ने देशमुख को अपने जवाब के रूप में एक पत्र सौंपा।
देशमुख यह पत्र प्रधानमंत्री को दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने आवास पर एक बैठक बुलाई। इसमें प्रणव मुखर्जी, एंटनी, पवन बंसल, सलमान खुर्शीद और राजीव शुक्ला भी शामिल हुए हैं। हालांकि इस बैठक के बाद सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार अन्ना हजारे की तीन मांगों को कल से संसद में चर्चा के लिए रख सकती है। निजी चैनलों के हवाले से यह खबर आई है कि सरकार अन्ना की मांगे मान चुकी है। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अन्ना की मांग को लेकर सरकार कल संसद में बहस कराने को तैयार हो गई है।
लोकपाल के तीनों प्रारूपों पर होगी चर्चा
प्रणब के साथ बैठक से पहले संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने भी कहा कि शुक्रवार को संसद में लोकपाल विधेयक के सभी प्रारूपों पर चर्चा होगी जिसमें जन लोकपाल विधेयक का प्रारूप भी शामिल है। उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा के लिए विपक्ष से सहमति बनाई जाएगी। तथा नियम 184 के तहत चर्चा हो सकती है। इसमें चर्चा के बाद वोटिंग का प्रावधान है। यह चर्चा अन्ना की तीन शर्तों पर होगी। हालांकि नियम 184 के तहत चर्चा के लिए स्पीकर की मंजूरी जरूरी है। बंसल ने आशा जताई की अन्ना का अनशन जल्द टूटेगा।
अन्ना ने मांगा लिखित आश्वासन
लोकसभा की अपील के बाद अन्ना हजारे ने तय समय में सिटीजन चार्टर लाने, सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने, और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्तों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कल से संसद में चर्चा का लिखित आश्वासन मांगा था। अन्ना ने कहा था कि अगर उनकी यह मांग मान ली जाती है तो वह अपना अनशन तोड़ने के बारे में सोचेंगे।
अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जनलोकपाल बिल सहित तीन बिलों पर संसद में चर्चा कराने के प्रस्ताव के जवाब में उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है। पत्र का जवाब आने के बाद ही अनशन खत्म करने या नहीं करने के बारे में फैसला होगा।
केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख ने अन्ना हजारे से मुलाकात की। उन्होंने अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की। देशमुख की मुलाकात के बाद सिविल सोसायटी की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद अन्ना ने देशमुख को अपने जवाब के रूप में एक पत्र सौंपा।
देशमुख यह पत्र प्रधानमंत्री को दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने आवास पर एक बैठक बुलाई। इसमें प्रणव मुखर्जी, एंटनी, पवन बंसल, सलमान खुर्शीद और राजीव शुक्ला भी शामिल हुए हैं। हालांकि इस बैठक के बाद सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
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