प्रशासन की भूमाफियो से मिलीभगत..सरकारी जमीनों पर करवा रहे हें अतिक्रमण
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में जिला प्रशासन के आला अधिकारी की जिले के भू माफियो के साथ गहरी दोस्ती के चलते राज्य सर्कार को करोडो रुपयों की चपत लग गई है भू माफिया आला अधिकारी की दोस्ती की आड़ में करोडो रुपयों की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर अवैध नियमन करा कोलोनियो के रूप में बेच रहे है ,सूत्रों के अनुसार बाड़मेर जिले में निजी कंपनियों द्वारा भूमि अधिग्रहित करने के बाद जमीनों के दाम आसमान छु रहे हें ,चालीस गुना साथ का एक प्लाट की कीमत चालीस से पचास लाख रुपये तक हो जाने से भू माफियो की चंडी हो गई है ,हालांकि हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा तीन आवासीय कोलोनियो को खालसा करने के आदेश भी जारी किये ,इन आदेशो के बाद जिला अधिकारी पर शक की सुइन्य घूमनी शुरू हुई की वार्स २००८ में जिन आवासीय कोलोनियो को भूमि रूपांतरण कराये बिना आवासीय उपयोग करने पर नोटिस जारी किये थे उन कोलोनियो को आज तक खालसा घोषित क्यों नहीं किया गया ,हाल ही में सिटी सेंटर परियोजना से जुड़े भू माफियो की एक कोलोनी महाबार गाँव के समीप काटी गयी जो एक सौ दस बीघा में है के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई क्योंकि इस परियोजना क स्कीम से जुड़े भू माफिया जिले के आला अधिकारी के ख़ास लोग हें साथ ही पुख्ता सबूत हे की इश सी स्कीम में जिला अधिकारी की परोक्ष अपरोक्ष भागीदारी है .उक=नके रिश्तेदार इस स्कीम में भागीदार है जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में भूमि रूपांतरण की पच्चासो फाईलो को भूमि रूपांतरण के लिए राज्य सरकार को भेजने की बजाय आपतिया लिख रोक के राखी हें जबकि सिटी सेंटर स्कीम सी की भूमि रूपांतरण हाथों हाथ कैसे हो गया यह रहस्य किसी को समझ में नहीं आ रहा सूत्रों की माने तो बाड़मेर में रिंग रोड की काल्पनिक चर्चा करा नाकसे सोची समझी रणनीति के तहत समछार पत्रों में प्रकाशित करा भू माफियो को रिंग रोड के चारों और सक्रिय कर दिया बाड़मेर में भू माफियो को जिला प्रशासन द्वारा खुला सरंक्सन देने के कारण राज्य सरकार को करोडो रुपरो के राजस्व का नुक्सान हो रहा है,राज्य सरकार को चाहिए की पुरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाये ताकि एक बहूत बड़ा भूमि घोटाला सामने आये,जिला प्रशासन की भू माफियो के साथ सीधी सांठ गांठ इंगित कराती हें की आला अधिकारियो की भू माफियो के साथ भागीदारी हें जिसका खुलासा किया जाना जरूरी हें
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में जिला प्रशासन के आला अधिकारी की जिले के भू माफियो के साथ गहरी दोस्ती के चलते राज्य सर्कार को करोडो रुपयों की चपत लग गई है भू माफिया आला अधिकारी की दोस्ती की आड़ में करोडो रुपयों की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर अवैध नियमन करा कोलोनियो के रूप में बेच रहे है ,सूत्रों के अनुसार बाड़मेर जिले में निजी कंपनियों द्वारा भूमि अधिग्रहित करने के बाद जमीनों के दाम आसमान छु रहे हें ,चालीस गुना साथ का एक प्लाट की कीमत चालीस से पचास लाख रुपये तक हो जाने से भू माफियो की चंडी हो गई है ,हालांकि हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा तीन आवासीय कोलोनियो को खालसा करने के आदेश भी जारी किये ,इन आदेशो के बाद जिला अधिकारी पर शक की सुइन्य घूमनी शुरू हुई की वार्स २००८ में जिन आवासीय कोलोनियो को भूमि रूपांतरण कराये बिना आवासीय उपयोग करने पर नोटिस जारी किये थे उन कोलोनियो को आज तक खालसा घोषित क्यों नहीं किया गया ,हाल ही में सिटी सेंटर परियोजना से जुड़े भू माफियो की एक कोलोनी महाबार गाँव के समीप काटी गयी जो एक सौ दस बीघा में है के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई क्योंकि इस परियोजना क स्कीम से जुड़े भू माफिया जिले के आला अधिकारी के ख़ास लोग हें साथ ही पुख्ता सबूत हे की इश सी स्कीम में जिला अधिकारी की परोक्ष अपरोक्ष भागीदारी है .उक=नके रिश्तेदार इस स्कीम में भागीदार है जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में भूमि रूपांतरण की पच्चासो फाईलो को भूमि रूपांतरण के लिए राज्य सरकार को भेजने की बजाय आपतिया लिख रोक के राखी हें जबकि सिटी सेंटर स्कीम सी की भूमि रूपांतरण हाथों हाथ कैसे हो गया यह रहस्य किसी को समझ में नहीं आ रहा सूत्रों की माने तो बाड़मेर में रिंग रोड की काल्पनिक चर्चा करा नाकसे सोची समझी रणनीति के तहत समछार पत्रों में प्रकाशित करा भू माफियो को रिंग रोड के चारों और सक्रिय कर दिया बाड़मेर में भू माफियो को जिला प्रशासन द्वारा खुला सरंक्सन देने के कारण राज्य सरकार को करोडो रुपरो के राजस्व का नुक्सान हो रहा है,राज्य सरकार को चाहिए की पुरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाये ताकि एक बहूत बड़ा भूमि घोटाला सामने आये,जिला प्रशासन की भू माफियो के साथ सीधी सांठ गांठ इंगित कराती हें की आला अधिकारियो की भू माफियो के साथ भागीदारी हें जिसका खुलासा किया जाना जरूरी हें
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