गुरुवार, 25 अगस्त 2011

नाव से खेत का सफर

नाव से खेत का सफर

सांचौर। नर्मदा नहर का ओवरफ्लो पानी आने से केरिया गांव की करीब दस हजार खातेदारी भूमि दो साल से जलमग्न है। वहीं दो हजार बीघा भूमि बांध के पानी के बीच टापू बनी हुई है। चारों ओर पानी होने से ग्रामीणों को अपने खेत तक जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।

वर्तमान में इन्द्रदेव क्षेत्र में पूरी तरह से मेहरबान है, लेकिन केरिया गांव में कई किसानों के खेत पानी से घिरने के कारण वे नाखुश नजर आ रहे हैं। किसान खेत में खड़ाई के लिए ट्रैक्टर नहीं ले जा पा रहे हैं।

बांध से लगाकर गांधव पुल तक हजारो बीघा खातेदारी भूमि में पानी का भराव होने से काश्तकारों को लाखोें का नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने दो नावे खरीद रखी हैं। पानी के भराव से खेतों की जमीन दलदल का रूप ले रही है। काश्तकार मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री को केरिया क्रॉस बांध के दरवाजे लगाने के लिए निवेदन कर चुके हैं।

इनका कहना है...
खेतों में पानी भरा हुआ है। जिससे भूमि बंजर होती जा रही है। कई खेतों के चारो ओर पानी होने से खेत टापू बने हुए हैं। वहां जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा हैं। खेतों में पानी भरा होने से फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे प्रतिवर्ष लाखों रूपए का नुकसान हो रहा है।
जयरामदास वैष्णव, किसान, केरिया

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