बहादुरगढ़. पुलिस ने मांडौठी गांव में हथियार बनाने की फैक्टरी पकड़ी है। यहां से करतार गैंग के शूटरों को हथियार सप्लाई किए जाते थे। यह गांव खूनी गैंगवार के लिए कुख्यात है। अभी 3 अगस्त को कोर्ट से लौट रहे इस गांव के चार युवकों को करतार गैंग के लोगों ने कार पर गोलियां बरसा कर मार डाला था। यह वारदात दुल्हेड़ा गांव में हुई थी।
पुलिस ने छापे के दौरान दुल्हेड़ा हत्याकांड के मुख्य हमलावर और इसी गांव के निवासी चंद्रपाल उर्फ सोनू को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक पीआर सिंह ने बताया कि हथियार बनाने की फैक्टरी मांडौठी निवासी हेमचंद्र उर्फ हेम्मे के मकान में चल रही थी। छापामारी के दौरान हेमचंद्र तो पुलिस के हाथ नहीं लगा, लेकिन उसका पिता पकड़ा गया।
बड़ी संख्या में हथियार मिले
फैक्टरी से 12 बोर के दो पिस्टल, 315 बोर के तीन देसी पिस्टल, प्वाइंट 32 बोर की एक माउजर, 12 बोर के दो अधबने पिस्टल तथा एक छह राउंड का देसी रिवाल्वर बरामद किया है। इसके अलावा किस्म के डेढ़ सौ से अधिक कारतूस भी मिले हैं।
इनमें 12 बोर के 50 कारतूस, 9 एमएम के 35, 32 बोर रिवाल्वर के 5 व 32 बोर पिस्टल के 30, थ्री नाट थ्री का 1 कारतूस, 315 बोर के 13 तथा 22 कारतूस अन्य किस्म के हथियारों के बरामद किए गए हैं। कारतूसों की कुल संख्या 156 है। इसके अलावा हथियार बनाने में काम आने वाली डाई, ग्राइंडर मशीन, ड्रिल मशीन, कटर ब्लेड, हथौड़ा, की- टूल्स, एक अधबनी मैगजीन समेत मिले है।
चीन में बने दो वाकी-टाकी भी मिले
फैक्टरी से पुलिस को दो चाइना मेड वाकी-टाकी भी मिले हैं। दोनों वाकी-टाकी फिलहाल चालू हालत में हैं। इनकी रेंज के बारे में तकनीकी विशेषज्ञों की राय ली जा रही है ताकि यह मालूम किया जा सके कि इन वाकी-टाकी से कितने किलोमीटर दूरी पर आपस में बातचीत की जा सकती है।
अब तक जा चुकी है 30 की जान
मांडौठी में गैंगवार में मारे गए पूर्व सरपंच हंसराज उर्फ सुंडा और फरार चल रहे करतार पक्ष के बीच पिछले बीस साल से रंजिश चल रही है। इसमें दोनों पक्षों की ओर से 30 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं। 3 अगस्त को हंसराज पक्ष के चार लोगों को दुल्हेड़ा गांव में उस समय गोलियां बरसाकर मार डाला गया था जब वे कार से झज्जर कोर्ट से वापस आ रहे थे। इसमें हंसराज के बेटे सुनील उसका साथी संदीप,सतपाल उर्फ सत्ते तथा पेलपा निवासी सोनू शामिल थे। हमले का मास्टर माइंड करतार अपने साथियों समेत फरार है।
पुलिस ने छापे के दौरान दुल्हेड़ा हत्याकांड के मुख्य हमलावर और इसी गांव के निवासी चंद्रपाल उर्फ सोनू को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक पीआर सिंह ने बताया कि हथियार बनाने की फैक्टरी मांडौठी निवासी हेमचंद्र उर्फ हेम्मे के मकान में चल रही थी। छापामारी के दौरान हेमचंद्र तो पुलिस के हाथ नहीं लगा, लेकिन उसका पिता पकड़ा गया।
बड़ी संख्या में हथियार मिले
फैक्टरी से 12 बोर के दो पिस्टल, 315 बोर के तीन देसी पिस्टल, प्वाइंट 32 बोर की एक माउजर, 12 बोर के दो अधबने पिस्टल तथा एक छह राउंड का देसी रिवाल्वर बरामद किया है। इसके अलावा किस्म के डेढ़ सौ से अधिक कारतूस भी मिले हैं।
इनमें 12 बोर के 50 कारतूस, 9 एमएम के 35, 32 बोर रिवाल्वर के 5 व 32 बोर पिस्टल के 30, थ्री नाट थ्री का 1 कारतूस, 315 बोर के 13 तथा 22 कारतूस अन्य किस्म के हथियारों के बरामद किए गए हैं। कारतूसों की कुल संख्या 156 है। इसके अलावा हथियार बनाने में काम आने वाली डाई, ग्राइंडर मशीन, ड्रिल मशीन, कटर ब्लेड, हथौड़ा, की- टूल्स, एक अधबनी मैगजीन समेत मिले है।
चीन में बने दो वाकी-टाकी भी मिले
फैक्टरी से पुलिस को दो चाइना मेड वाकी-टाकी भी मिले हैं। दोनों वाकी-टाकी फिलहाल चालू हालत में हैं। इनकी रेंज के बारे में तकनीकी विशेषज्ञों की राय ली जा रही है ताकि यह मालूम किया जा सके कि इन वाकी-टाकी से कितने किलोमीटर दूरी पर आपस में बातचीत की जा सकती है।
अब तक जा चुकी है 30 की जान
मांडौठी में गैंगवार में मारे गए पूर्व सरपंच हंसराज उर्फ सुंडा और फरार चल रहे करतार पक्ष के बीच पिछले बीस साल से रंजिश चल रही है। इसमें दोनों पक्षों की ओर से 30 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं। 3 अगस्त को हंसराज पक्ष के चार लोगों को दुल्हेड़ा गांव में उस समय गोलियां बरसाकर मार डाला गया था जब वे कार से झज्जर कोर्ट से वापस आ रहे थे। इसमें हंसराज के बेटे सुनील उसका साथी संदीप,सतपाल उर्फ सत्ते तथा पेलपा निवासी सोनू शामिल थे। हमले का मास्टर माइंड करतार अपने साथियों समेत फरार है।
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