शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

जनलोकपाल बगैर नहीं छोड़ेंगे मैदान

जनलोकपाल बगैर नहीं छोड़ेंगे मैदान

नई दिल्ली। जनलोकपाल बिल को लेकर लड़ाई लड़ रहे समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार को 68 घंटे बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। तिहाड़ जेल से अन्ना अपने हजारों समर्थकों के साथ राजघाट होते हुए रामलीला मैदान पहुंचे। रामलीला मैदान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि जब तक लोकपाल बिल संसद में पेश नहीं हो जाता तब तक वह रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे। अन्ना ने कहा कि उनका वजन कुछ कम हुआ है लेकिन इसकी परवाह नहीं है। अगर वजन 10 किलो कम भी हो जाए तो जोश कम नहीं होगा।

अन्ना ने कहा कि लड़ाई सिर्फ लोकपाल बिल के लिए नहीं है बल्कि व्यवस्था में परिवर्तन के लिए है। अन्ना ने कहा कि अंग्रेज देश से चले गए लेकिन भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ। अब देश को लूटने वाले गद्दारों को सबक सिखाना है। उनको नहीं छोड़ना है। अन्ना ने कहा कि कई देशों में क्रांतियां हुई। भारत में भी क्रांति करनी है।

दुनिया में हुई ज्यादातर क्रांतिया खून बहाकर हुई है लेकिन हमने अहिंसक क्रांति की है। भारत में हुई क्रांति के दौरान राष्ट्रीय संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। भारत में हुई क्रांति से दुनिया सीख लेगी। भारत के युवकों ने दिखा दिया है कि अहिंसा से भी क्रांति हो सकती है। इससे पहले अन्ना ने तिहाड़ जेल के बाहर मौजूद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह रहे न रहें लेकिन क्रांति की मशाल जलती रहनी चाहिए। अन्ना ने कहा कि देश को 1947 में आजादी मिली थी लेकिन यह आजादी अभी अधूरी है।

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