शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

‘बेजोड़ है आमेर फोर्ट का स्थापत्य’

जयपुर। ऐतिहासिक धरोहर और संस्कृति से समृद्ध प्रदेश का पहाड़ी किला भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह ले सकेगा। जंतर-मंतर के विश्व विरासत में शामिल होने के साथ शुरू हुई मुहिम के अगले चरण में गुरुवार को आइकॉमोस के सदस्य सीडी वॉन ने आमेर महल का निरीक्षण किया। उन्होंने आर्कियोलोजी और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ केसर क्यारी को देखा, फिर शिला माता मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद शीशमहल को भी देखा। महल में पत्थर की जाली के काम को उन्होंने खूब सराहा। निरीक्षण के दौरान उनके साथ रीमा हूजा, अंजु राजपाल, बीडी गर्ग, पर्यटन सचिव उषा शर्मा, विभाग के इंजीनियर जितेन्द्र जोशी, आर्किटेक्ट शिखा जैन और एएसआई के प्रतिनिधि भी थे।

ये होगा अगला कदम

मॉन्यूमेंट्स और साइट्स की अंतरराष्ट्रीय संस्था आइकॉमोस की टीम की रिपोर्ट यूनेस्को भेजी जाएगी, जिस पर यूनेस्को में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होगी।

देखी जयगढ़ की तोप और लाइट एंड साउंड शो

आमेर महल के बफर जोन में बनी ऐतिहासिक इमारत और स्थापत्य को देखने के बाद टीम ने आमेर से जयगढ़ के बीच बनी सुरंग का दौरा किया। वॉन ने जयगढ़ में रखी जय बान तोप को भी खूब सराहा। उनके भाव देख लग रहा था कि शहर की अनूठी विरासत में शुमार आमेर महल भी यूनेस्को की फेहरिस्त में जगह बना लेगा। शाम को केसर क्यारी से लाइट एंड साउंड शो का भी लुत्फ उठाया।

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