शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

पेंशनर्स की दवाइयों की खरीद बंद

पेंशनर्स की दवाइयों की खरीद बंद

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 2 अक्टूबर से निशुल्क दवा वितरण की योजना अभी से ही पेंशनर्स के लिए जानलेवा साबित हो रही है। स्थितियां ऎसी है कि सहकारिता विभाग के कॉन्फेड डिवीजन के अधिकारियों ने इस योजना के शुरू होने तक सहकारी दवा बाजार की दुकानों के लिए दवाइयां खरीदना ही बंद कर दिया है। ऎसे में 70 पार पेंशनर्स एनओसी लेकर दवाएं लेने के लिए दुकान दर दुकान भटक रह े हैं।

सहकारी दवा बाजार में कई काउन्टरों पर पेंशन डायरी से दवाइयों की मांग गई की तो एक ही जबाव मिला कि ऊपर से सप्लाई बंद है। बाजार में तैनात विभाग के अधिकारियों से पूछा तो पता चला कि सहकारिता विभाग के कॉन्फेड डिवीजन के अफसरों ने निशुल्क दवा वितरण योजना के शुरू होने का हवाल देकर पिछले दस दिन से दवा खरीद ही बंद कर दी है।

हाथ जोड़ते हैं पेंशनर्स

गुरूवार को देखा गया कि मानसरोवर निवासी एक 70 वष्ाीüय मरीज दवाइयों के लिए दुकानों पर मिन्नत करता रहा। वह दवा के लिए दुकानदारों हाथ जोड़ता रहा,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस मरीज का कहना था कि पहले चिकित्सक द्वारा लिखी दवा डिस्पेंसरी के पास स्थित काउन्टर पर मिल जाती थी लेकिन अब यह दवा शहर में सहकारी दवा बाजार के काउन्टर पर नहीं है।

एनओसी तो दे रहे हैं ना

सहकारी दवा बाजार में दवाइयों की किल्लत और दवाइयों की खरीद बंद होने पर सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि दवाइयां नहीं है तो क्या हुआ, हम एनओसी तो दे ही रहे हैं। पेंशनर्स कहीं से भी दवाएं खरीद सकता है। मीणा ने बताया कि आज इस मामले की जानकारी करता हूं कि आखिर पेंशनर्स को दवाइयां क्यों नहीं मिल रही हैं।

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