जयपुर भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें पटवारी, तहसीलदार, थानेदार, जेडीए के पट्टा, रजिस्ट्री व भू रूपांतरण के मामलों की आ रही हैं। भास्कर को पिछले 9 दिन में जयपुर शहर व जिले के 479 भ्रष्टाचार पीड़ितों ने फोन पर आपबीती सुनाई। इनमें से 90 फीसदी का कहना था कि वे थाने, पटवारी, तहसीलदार या जेडीए के अधिकारियों, कर्मचारियों की रिश्वत दिए बिना काम नहीं करने की प्रवृत्ति से परेशान हैं। भ्रष्टाचार पीड़ितों का कहना था कि थाने, पटवारी से लेकर जेडीए के महीनों तक चक्कर काटने के बावजूद उनकी फाइल आगे नहीं खिसकती। थाने वाले उसी का पक्ष लेते हैं जिससे रिश्वत ज्यादा मिलती है। कम रिश्वत या नहीं देने वाले को बस चक्कर कटवाते रहते हैं और रिश्वत के बूते अपराधी और आरोपी बेलगाम धमकियां देते घूमते रहते हैं। दस फीसदी शिकायतें समाज कल्याण विभाग, शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, विद्युत वितरण निगम जैसे विभागों की रही।
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