जींद. सामाजिक प्रतिष्ठा के नाम पर बेटी और उसके प्रेमी की हत्या करने वाले एक व्यक्ति को अदालत ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। युवती की मां को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी है। इस केस में दो अभियुक्तों को बरी भी किया गया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार संगतपुरा गांव के 20 वर्षीय विकास और कृष्णा कालोनी की 18 वर्षीय रीतू के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। विकास आईआईटी की तैयारी कर रहा था तो रीतू पीएमटी की कोचिंग ले रही थी। 13 सितंबर 2010 की सुबह सेक्टर आठ में डेरा सच्चा सौदा सत्संग भवन के पीछे विकास का शव गठरी में बंधा मिला। इसी दिन रीतू की भी हत्या कर दी गई।लड़के के परिजनों ने जब आनर किलिंग का शक जताया तो पुलिस कृष्णा कालोनी में लड़की के घर पहुंची। घर पर ताला लगा होने पर पुलिस टीम लड़की के गांव ब्राह्मणवास पहुंची। वहां पर पता लगा कि रीतू के शव का अलसुबह ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
पुलिस ने रीतू के पिता राम राजी, उसकी पत्नी कैलाशो एवं परिवार के दो अन्य सदस्यों के खिलाफ हत्या, सबूत मिटाने आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। लगभग एक साल बाद अब एडीजे आरएन भारती की अदालत ने राम राजी को हत्या के आरोप में फांसी और सबूत मिटाने के आरोप में दो साल कैद तथा पांच हजार जुर्माना और उसकी पत्नी कैलाशो को उम्रकैद और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने दो अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया है।
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