शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

निहत्थे को शूट करने वाले सैनिक को मृत्युदंड

निहत्थे को शूट करने वाले सैनिक को मृत्युदंड

कराची। पाकिस्तान की एक अदालत ने एक निहत्थे युवक सरफराज शाह को कुछ महीने पूर्व गोली मारने वाले पाकिस्तानी सैनिकों में से एक शाहिद जफर को शुक्रवार को सजा ए मौत सुनाते हुए छह अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

सरफराज के भाई ने इस फैसले पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि वह अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं। उसने इस दौरान इस मामले पर गौर फरमाने के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश का भी शुक्रिया अदा किया। हालांकि सरफराज के परिवार ने कहा है कि जब तक सभी दोषियों को उनके अंजाम तक नहीं पंहुचा दिया जाता तब तक उन्हें चैन नहीं नसीब होगा।

अदालत ने अपने निर्णय में मौत की सजा पाने वाले सैनिक पर दो लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया। आजीवन कारावास का दंड भोगने वाले शेष छह दोषियों पर एक-एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया। इन छह दोषियों में एक आम नागरिक और पांच सैनिक शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि एक पाकिस्तानी ठेकेदार ने सरफराज (22) पर चोरी करने का आरोप लगाते हुए इस वर्ष आठ जून को उसे पाकिस्तानी अर्द्धसैनिक बल के इन सैनिकों के हवाले कर दिया था। सैनिकों ने सरफराज को दो बार गोली मारी थी और इसके बाद भी उसे अस्पताल में दाखिल नहीं कराया और जख्मी हालत में मरने के लिए छोड़ दिया। कुछ देर बाद सरफराज की मौत हो गई थी।

घटनास्थल पर मौजूद एक टेलीवीजन कैमरामैन ने इस पूरी घटना को फिल्मा लिया था जिसे बाद में दुनिया भर के टेलीवीजन चैनलो ने प्रसारित किया। इस मामले को पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खुद से ही संज्ञान में लेते हुए तीस दिन में इस पर अंतिम फैसला लेने का आदेश जारी किया था।

इसमें अभियोजन पक्ष ने 46 गवाहों के नामों को अदालत में पेश किया था। इस घटना के बाद पाकिस्तान में मानवाधिकारों की खराब स्थिति एक बार पुन: उजागर हुई थी और विश्वमंच पर उसकी काफी किरकिरी हुई थी।

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