सीवान. सीवान जिले के हुसैनगंज ब्लाक स्थित हसनपुरा गांव के गौर स्थान पर बरगद पेड़ आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पेड़ के बारे में सुनकर आप एक बार में तो शायद यकीन ही नहीं कर पाएंगे। लेकिन, है सच।
गौर स्थान पर पिछले कई वर्षों से पांच तनों वाला बरगद का पेड़ है। यह पेड़ इस इलाके की पहचान भी है। लेकिन पिछले दिनों यहां एक अजीब वाकया हुआ। भीषण आंधी आई और यह पेड़ गिर गया। लोग निराश हो गए।
साथ ही आई उस भीषण आंधी को भी जमकर कोसा जिसने पहचान बन चुकी इस विशालकाय बरगद को गिरा दिया। लेकिन यह क्या! कुछ दिनों के बाद अचानक यह पेड़ खुद ब खुद खड़ा हो गया। लोग अचरज में आ गए। उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं आ रहा था।
उमड़ा जनसैलाब, बढ़ गई भक्तों की भीड़
इस बात की सूचना जब आसपास के लोगों को मिली तो पेड़ को देखने जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने पेड़ की पूजा करनी शुरू कर दी। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पूजा-पाठ की सामग्री बेचने वालों की भी संख्या बढ़ गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि भीषण आंधी आने के कुछ दिन बाद ही यह चमत्कार हुआ। लोग बताते हैं कि इस पेड़ को मुस्लिम समुदाय के किसी सदस्य ने लगाया था। इस पेड़ के दक्षिण दिशा में जहां शमशान घाट है वहीँ उत्तर दिशा में कब्रिस्तान है। इस पेड़ के बारे में कई जानकारियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं। इस पेड़ के बारे में यह भी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे दिल से यहां मन्नत मांगता है, वो जरुर पूरी होती है।
गौर स्थान पर पिछले कई वर्षों से पांच तनों वाला बरगद का पेड़ है। यह पेड़ इस इलाके की पहचान भी है। लेकिन पिछले दिनों यहां एक अजीब वाकया हुआ। भीषण आंधी आई और यह पेड़ गिर गया। लोग निराश हो गए।
साथ ही आई उस भीषण आंधी को भी जमकर कोसा जिसने पहचान बन चुकी इस विशालकाय बरगद को गिरा दिया। लेकिन यह क्या! कुछ दिनों के बाद अचानक यह पेड़ खुद ब खुद खड़ा हो गया। लोग अचरज में आ गए। उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं आ रहा था।
उमड़ा जनसैलाब, बढ़ गई भक्तों की भीड़
इस बात की सूचना जब आसपास के लोगों को मिली तो पेड़ को देखने जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने पेड़ की पूजा करनी शुरू कर दी। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पूजा-पाठ की सामग्री बेचने वालों की भी संख्या बढ़ गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि भीषण आंधी आने के कुछ दिन बाद ही यह चमत्कार हुआ। लोग बताते हैं कि इस पेड़ को मुस्लिम समुदाय के किसी सदस्य ने लगाया था। इस पेड़ के दक्षिण दिशा में जहां शमशान घाट है वहीँ उत्तर दिशा में कब्रिस्तान है। इस पेड़ के बारे में कई जानकारियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं। इस पेड़ के बारे में यह भी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे दिल से यहां मन्नत मांगता है, वो जरुर पूरी होती है।
सच ऐसा भी है?
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