नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि ऐसे सेक्स वर्कर जिन्हें सेक्स रैकेट से छुड़ाया गया हो, सरकार उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग देने के लिए सुधार घरों में जबरन नहीं रख सकती।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को उन लोगों के लिए योजनाएं बनानी चाहिए, जिन्होंने खुद से यह पेशा छोड़ा है।
जस्टिस काटजू और ज्ञान सुधा मिश्रा की बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं। ऐसी समस्या से लड़ने में केंद्र, राज्य और दिल्ली सरकार भी असफल रही है। पश्चिम बंगाल सरकार के रुख पर कोर्ट ने कहा कि वहां यह समस्या सबसे ज्यादा गंभीर है, फिर भी सख्त कदम नहीं लिए गए।
महिला और बाल विकास मंत्रालय की वित्त सलाहकार संगीता वर्मा के सुझाव को सही ठहराते हुए कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्करों के लिए किसी भी तरह की खास स्कीम की जरूरत नहीं है। बल्कि सभी योजनाओं को कुछ इस तरह बनाना चाहिए कि सेक्स रैकेट से निकलने के बाद वह इनका इस्तेमाल कर सकें।
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