श्री सांवलिया जी महाराज
विश्व की सबसे पवित्र मानी जाने वाली भारत की भूमि पर कई महापुरुष और ईश्वर के जन्म व अवतरित होने के बारे में हम अक्सर सुनते आये हैं. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मंण्डफिया में भी श्री सांवलिया जी महाराज की दिव्य चमत्कारी मूर्ति स्थित है. यह मूर्ति एक विशाल मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर में कृष्ण स्वरुप श्री सांवलिया जी की चमत्कारी मूर्ति विराजमान है, जो सुन्दर मोर मुकुट, हाथों में बंसी, कानो में कुण्डल व रंग बिरंगी पोशाक में सांवली सूरत के नटखट सांवलिया जी सिंहासन पर विराजमान हैं, जिनको देखते ही भक्तजन व यात्रीगण अपने सारे दुःख – दर्द भुलाकर प्रफुल्लित व आनन्दित हो उठते हैं. श्री सांवलिया जी की मूर्ति के अलावा मंदिर में हनुमान जी, शिव-पार्वती जी, गणेश जी, राधा-कृष्ण जी आदि देवताओं की सुन्दर सुन्दर प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं.
यह निम्बाहेड़ा से लगभग ३० किलोमीटर की दुरी पर निम्बाहेड़ा – उदयपुर मार्ग पर स्थित है. यहाँ देश भर से असंख्य भक्तजन व यात्री श्री सांवलिया जी के दर्शन के लिए आते हैं. यहाँ यात्रियों की सुविधा के लिए विशाल धर्मशालाओं का निर्माण करवाया गया है. इस मंदिर की व सांवलिया जी की प्रतिष्ठा का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यहाँ दर्शन के लिए साल के ३६५ ही दिनों मेले जैसा माहोल रहता है.
यह निम्बाहेड़ा से लगभग ३० किलोमीटर की दुरी पर निम्बाहेड़ा – उदयपुर मार्ग पर स्थित है. यहाँ देश भर से असंख्य भक्तजन व यात्री श्री सांवलिया जी के दर्शन के लिए आते हैं. यहाँ यात्रियों की सुविधा के लिए विशाल धर्मशालाओं का निर्माण करवाया गया है. इस मंदिर की व सांवलिया जी की प्रतिष्ठा का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यहाँ दर्शन के लिए साल के ३६५ ही दिनों मेले जैसा माहोल रहता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें