Tu Hi Woh Haseen Hai - Khawab



हाथ दीवाने के दे अल्लाह कुछ ऐसी कलम,

आस्मान पर लीख के जाऊं है उन्ही से प्यार है!



ख़ास लिखा है ख़त मैं, ज़रा आहिस्ता बोलियेगा

भेज रहा हूँ दिल अपना, ज़रा आहिस्ता खोलियेगा

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