शनिवार, 16 जुलाई 2011

पैगाम-ए-मोहब्बत को सीमा पार तक ले जाएंगे पाक यात्री































मुंबई में दो दिन पहले हुए सिलसिलेवार धमाकों की दहशत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तक पहुंची है। थार एक्सप्रेस से भारत पहुंचे पाक यात्रियों व उनके परिजनों में बम धमाकों का खौफ है। इस कारण पाक यात्री वापस अपने मुल्क रवाना होने लगे। जो कुछ दिन इन्होंने हिंदुस्तान में बिताए वे इनके लिए यादगार बन गए। 

 इनमें से कई यात्रियों से बात की। इनकी बात का लब्बोलुबाब यही था कि वे यहां मिले पैगाम-ए-मोहब्बत को सीमा पार तक ले जाएंगे।

भारत में मिला प्यार

हुसैन ने बताया कि भारत में चंद रोज में खूब प्यार और स्नेह मिला। वह इसे कभी नहीं भुला पाएगा। नेमत कहती हैं कि चाहे भारत हो या पाक, आतंकवादी हमले में खून ही बहता है और दोनों के आवाम नहीं चाहते कि खून बहे। असगर अपने हमवतन याकूब को गले लगाते हुए कहते हैं कि हमें इंडिया में जो मोहब्बत मिली उसे थार एक्सप्रेस से सरहद पार ले जा रहे हैं। मोहब्बत का यह पैगाम पाकिस्तान में देंगे।

सूरत से ही लौट आए

पाकिस्तान के कराची में रहने वाले 60 वर्षीय असगर का खून आतंक की बात सुनते ही खोल जाता है। वे मुंबई के रास्ते पर थे। सूरत पहुंचे थे कि मुंबई में धमाकों की खबर मिली। इकलौती बेटी इंशा को कराची में अब्बा जान की चिंता हो गई। उसने फोन कर उनकी खैरियत पूछी। उसे बताया गया कि वे मुंबई नहीं पहुंचे। अभी सूरत में ही हैं तब उसे चैन मिल पाया। 

असगर थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान जाने के लिए जोधपुर स्टेशन पहुंचे थे। उनके चेहरे पर सुकून तो था साथ ही मुंबई में मारे गए लोगों के लिए दर्द भी था। लाहौर से आई नेमत भी पाकिस्तान लौट रही थी। कराची के नॉर्थ नाजिमाबाद से आए फरहान, लॉरेंस रोड के वजीउद्दीन गोधरावाला और याकूब भी दोनों देशों को कड़वाहट भुलाकर अमन-चैन से जीने की बात कहते हैं।

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