गुरुवार, 21 जुलाई 2011

जिन्दगी से हारी थार की लता रूकमा





जिन्दगी से हारी थार की लता रूकमा

बाडमेर विश्व की एक मात्र मांगणियार महिला लोक गायिका जिसे थार की लता कहा  जाता था आज जिन्दगी से जंग हार गइ्र।लमबे अरसे से जिनदगी से जंग लड रही माण्ड गायिका ने अपने साठवे साल मे
मोत के सामने हथियार डाल दिऐं।बाडमेर जिले के उप खण्ड मुख्यालय रामसर में रूकमा ने दोपहर बाद जिन्दगी की अन्तिम सांस लीं ।रूकमा की मौत के साथ ही थार की माण्उ गायिकी में ळाागीदारी सदा के लिऐं खत्म हो गई।पूरे थर क्षैत्र सिन्ध और बाडमेर में यकमा अकेली महिला माण्उ गायिकी थी।गत तीन सालों से मुफलिसी से लउती रही रूकमा अन्तिम समय तक ना तो विधवाएपेंशन की हकदार बनी नाही विकलांग पेंशन कींतमाम प्रयासों के बाद भी यकमा को पेंशन नशीब नहीं हुई।मधूमेह और ब्लड प्रेशर से पीडित रूकमा अपनी मुफलिसी के कारण समय पर दवाईयॉ भी नही खरीद पाती थी।बहरहाल रूकमा की मौत के साथ थार क्षैत्र कह लोक गायिकी माझउ का ऐक युग सदा के लिऐ समाप्त हीे गया।

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