अहमदाबाद। ब्याजखोर विक्रम रबारी अंतत: कानून के शिकंजे में आ ही गया। पुलिस ने विक्रम को जयपुर की एक होटल से गिरफ्तार किया है, जहां वह नकली नाम से 15 जुलाई से रह रहा था। शुक्रवार रात को अहमदाबाद एयरपोर्ट से विक्रम को सीधे वस्त्रापुर स्थित संजीवनी अस्पताल ले जाया गया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में विक्रम रबारी की उधारी वसूली से तंग आकर शेयर ब्रोकर अतुल भाई शाह ने आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा बिल्डर पंकज जादव भेदी भी संदेहास्पद स्थिति में मृत पाए गए थे। इन सबका जिम्मेदार विक्रम रबारी को बताया गया था।
आपको बताते चले कि एक-दो वर्ष पूर्व विक्रम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। लेकिन पहले 2-3 टके की दर से ब्याज से पैसे लेना और उन पैसों को ही 10 टके की दर से मजबूर लोगों को देना विक्रम का पेशा था। इसी तरह विक्रम कुछ ही समय में करोड़पति बन गया था। दो मौतों के बाद जब विक्रम की ब्याजखोरी और उसकी अपार संपत्ति की पोल खुली तबसे ही वह फरार था।
इसके साथ ही विक्रम के भूमितत हो जाने के बाद उसके विदेश भाग जाने की भी बात सामने आई थी। लेकिन फिलहाल यह बताया जा रहा है कि 15 जुलाई से विक्रम, विरम और विष्णु नामक दो साथियों के साथ जयपुर की देवराज होटल में नकली नाम से रुका हुआ था।
पुलिस के बताए अनुसार विक्रम ने पकड़े जाने के डर से बीते बुधवार को सुबह हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन होटल के कर्मचारियांे की उस पर नजर पड़ गई और उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल से विक्रम के डिस्चार्ज होने को इंतजार कर रही पुलिस ने उसे डिस्चार्ज के बाद धर दबोचा और विक्रम को विमान द्वारा अहमदाबाद ले आई।
हालांकि विक्रम की स्थिति अभी कुछ ठीक दिखाई नहीं दे रही है इसलिए पुलिस ने उसे अहमदाबाद के अस्पताल मंे भर्ती कराया है। डॉक्टरों की अनुमति मिलने के बाद पुलिस अब पूछताछ की कार्रवाई शुरू करेगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में विक्रम रबारी की उधारी वसूली से तंग आकर शेयर ब्रोकर अतुल भाई शाह ने आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा बिल्डर पंकज जादव भेदी भी संदेहास्पद स्थिति में मृत पाए गए थे। इन सबका जिम्मेदार विक्रम रबारी को बताया गया था।
आपको बताते चले कि एक-दो वर्ष पूर्व विक्रम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। लेकिन पहले 2-3 टके की दर से ब्याज से पैसे लेना और उन पैसों को ही 10 टके की दर से मजबूर लोगों को देना विक्रम का पेशा था। इसी तरह विक्रम कुछ ही समय में करोड़पति बन गया था। दो मौतों के बाद जब विक्रम की ब्याजखोरी और उसकी अपार संपत्ति की पोल खुली तबसे ही वह फरार था।
इसके साथ ही विक्रम के भूमितत हो जाने के बाद उसके विदेश भाग जाने की भी बात सामने आई थी। लेकिन फिलहाल यह बताया जा रहा है कि 15 जुलाई से विक्रम, विरम और विष्णु नामक दो साथियों के साथ जयपुर की देवराज होटल में नकली नाम से रुका हुआ था।
पुलिस के बताए अनुसार विक्रम ने पकड़े जाने के डर से बीते बुधवार को सुबह हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन होटल के कर्मचारियांे की उस पर नजर पड़ गई और उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल से विक्रम के डिस्चार्ज होने को इंतजार कर रही पुलिस ने उसे डिस्चार्ज के बाद धर दबोचा और विक्रम को विमान द्वारा अहमदाबाद ले आई।
हालांकि विक्रम की स्थिति अभी कुछ ठीक दिखाई नहीं दे रही है इसलिए पुलिस ने उसे अहमदाबाद के अस्पताल मंे भर्ती कराया है। डॉक्टरों की अनुमति मिलने के बाद पुलिस अब पूछताछ की कार्रवाई शुरू करेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें