बॉर्डर पर हथियारों पर अघोषित प्रतिबंध
बाड़मेर। जहां एक ओर सीमावर्ती क्षेत्र में हथियार लेने की उत्कंठ इच्छा लोगों में बढ़ रही है वहां प्रशासन ने इस पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया है। साल में इक्का दुक्का लाइसेंस मुश्किल से जारी हो रहे हंै। हथियारों पर लगी यह रोक सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा और शांति के लिए शुभ संकेत मानी जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्र बाड़मेर में हथियारों के लाइसेंस बड़ी संख्या में जारी होने का सिलसिला वर्ष 2001 से 2005 तक रहा। वष्ाü 2001 में 45, 2002 में 75,2003 में 06,2004 में 21 और 2005 में 20 लाइसेस जारी किए गए। लाइसेंस जारी होने की इस होड़ को देखते हुए कई लोगों ने आवेदन करना प्रारंभ कर दिया।
इधर एक के बाद एक बढ़ रही अपराध की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार के स्तर पर भी इसमें सख्ती बरतने के निर्देश मिल गए। इसके बाद 2006 में 10 और 2007 में 11 लाइसेंस जारी किए गए। इसके बाद तो प्रशासन ने अघोषित प्रतिबंध ही लगा दिया। वष्ज्ञü 2008 में 01,2009 में 06 और 2010 में 02 लाइसेंस ही जारी हुए है।
आवेदनों की कतार
हथियार लाइसेंस को लेकर आवेदनों की संख्या बड़ी संख्या में आ रही है। प्रतिवर्ष पचास से ज्यादा लोग आवेदन कर रहे हंै। इनको जांच के आधार पर खारिज करने और जांच लम्बित रखकर रोका जा रहा है।
लाइसेंस के लिए बड़ी एप्रोच
हथियार लाइसेंस के लिए बड़ी एप्रोच लगाई जा रही है। इक्का दुक्का लाइसेंस जिनको जारी हो रहे हैं उन्होंने भी बड़े स्तर तक पापड़ बेले है।
प्रतिबंध नहीं है
लाइसेंस पर प्रतिबंध नहीं है। पूरी जांच कर लाइसेंस दे रहे हैं। दो लाइसेंस जारी किए है और आठ खारिज हुए है।
- गौरव गोयल,
जिला कलक्टर, बाड़मेर
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