पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश)।। आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के निधन के ढाई महीने बाद पुट्टपर्थी के प्रशांति निलयम आश्रम में उनके कमरे को गुरुवार को जब खोला गया, तो वहां मिली अकूत दौलत से सभी की आंखें फटी की फटी रह गईं। बाबा के कमरे से करोड़ों का सोना, हीरे, जेवरात और भारी मात्रा में करंसी बरामद हुई है। सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने गुरुवार शाम बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर को खोला।
बाबा के निधन के बाद से यह कमरा बंद था। गुरुवार शाम यजुर मंदिर में सबसे पहले ट्रस्टी जस्टिस पी. एन. भगवती, आर.जे. रत्नाकर, एस.वी. गिरी, वी. श्रीनिवासन और बाबा के पर्सनल असिस्टेंट सत्यजीत आए। आधे घंटे बाद स्टेट बैंक के मैनेजर शशि कुमार वहां कमरे की चाबी और तीन कैश काउंटिंग मशीनों को लेकर पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक बाबा के कमरे में अलग-अलग चैंबरों में अकूत दौलत भरी हुई थी। कमरे से बरामद सोने और जेवरात की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। कमरे में कितनी करंसी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 36 घंटे तक मशीनें उसे गिनती रहीं। बाबा की दौलत को गिनने के लिए 15 स्कूली बच्चों समेत 20 लोग लगे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक कमरे से 98 किलो सोना, 12 करोड़ रुपये कैश, 307 किलो चांदी और कई बेशकीमती जेवरात मिले हैं।
स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक सत्य साईं के कमरे से बरामद दौलत को पांच जीपों में भरकर पुट्टपर्थी के बैंक ले जाया गया। कमरे से विदेशी करंसी मिलने की भी खबर है। इस दौरान यजुर मंदिर के बाहर कड़ी सुरक्षा थी और मीडियाकर्मियों को वहां फटकने तक नहीं दिया जा रहा था।
अनुमान है कि यजुर मंदिर में मिली यह दौलत साईं बाबा को दुनियाभर के भक्तों से दान में मिली है। उधर, भक्तों के एक वर्ग का आरोप है कि जब सत्य साईं बाबा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब प्रशांति निलयम से सभी बहुमूल्य वस्तुएं निकाल ली गई थीं। वैसे ट्रस्ट ने इस बात से इनकार किया है। कुछ भक्तों की मांग थी कि उनकी मौजूदगी में यजुर मंदिर के ताले खोले जाएं।
बाबा के निधन के बाद से यह कमरा बंद था। गुरुवार शाम यजुर मंदिर में सबसे पहले ट्रस्टी जस्टिस पी. एन. भगवती, आर.जे. रत्नाकर, एस.वी. गिरी, वी. श्रीनिवासन और बाबा के पर्सनल असिस्टेंट सत्यजीत आए। आधे घंटे बाद स्टेट बैंक के मैनेजर शशि कुमार वहां कमरे की चाबी और तीन कैश काउंटिंग मशीनों को लेकर पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक बाबा के कमरे में अलग-अलग चैंबरों में अकूत दौलत भरी हुई थी। कमरे से बरामद सोने और जेवरात की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। कमरे में कितनी करंसी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 36 घंटे तक मशीनें उसे गिनती रहीं। बाबा की दौलत को गिनने के लिए 15 स्कूली बच्चों समेत 20 लोग लगे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक कमरे से 98 किलो सोना, 12 करोड़ रुपये कैश, 307 किलो चांदी और कई बेशकीमती जेवरात मिले हैं।
स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक सत्य साईं के कमरे से बरामद दौलत को पांच जीपों में भरकर पुट्टपर्थी के बैंक ले जाया गया। कमरे से विदेशी करंसी मिलने की भी खबर है। इस दौरान यजुर मंदिर के बाहर कड़ी सुरक्षा थी और मीडियाकर्मियों को वहां फटकने तक नहीं दिया जा रहा था।
अनुमान है कि यजुर मंदिर में मिली यह दौलत साईं बाबा को दुनियाभर के भक्तों से दान में मिली है। उधर, भक्तों के एक वर्ग का आरोप है कि जब सत्य साईं बाबा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब प्रशांति निलयम से सभी बहुमूल्य वस्तुएं निकाल ली गई थीं। वैसे ट्रस्ट ने इस बात से इनकार किया है। कुछ भक्तों की मांग थी कि उनकी मौजूदगी में यजुर मंदिर के ताले खोले जाएं।
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