रामदेव का ऐलान- अंत तक करेंगे अनशन, माओवादियों ने भी दिया समर्थन
बाबा रामदेव ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत सकारात्मक रही, लेकिन कुछ समस्याएं सामने आईं और कई मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, रामदेव ने कहा कि सरकार ने उनकी भारतीय भाषाओं में कोर्स शुरू करने की मांग मान ली है। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों में भारतीय भाषाओं में कोर्स मुहैया कराने पर राजी हो गई है। इसके लिए मैं सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं।'
इस बीच, बाबा के आंदोलन को माओवादियों ने भी समर्थन दिया है। शुक्रवार को माओवादी नेता आकाश ने पश्चिम बंगाल राज्य समिति की ओर से मीडिया को बताया कि हम हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों के साथ रहे हैं। आरएसएस और भाजपा पहले से बाबा के साथ हैं। इसके अलावा करीब 50 लाख लोग मोबाइल कैंपेन के जरिए खुद को बाबा के आंदोलन के साथ जोड़ चुके हैं।
दोपहर करीब 2 बजे बातचीत शुरू होने और बाबा रामदेव के संबोधन तक का पूरा घटनाक्रम:
दोपहर 1.51: बाबा रामदेव बातचीत के लिए दिल्ली के क्लैरिजेस होटल पहुंचे। वह उस रास्ते से होटल में दाखिल हुए, जिससे स्टाफ आता-जाता है।शाम 6.20: बैठक खत्म। बातचीत नाकाम रहने की खबर आई।
6.29: कपिल सिब्बल ने कहा कि बाबा जो उचित समझेंगे, करेंगे। यह मुद्दा चुटकियों में सुलझाने लायक नहीं है। उन्हें उनकी मांगों पर लिखित जवाब दिया गया है।
6.40: सिब्बल ने कहा कि बाबा को उनकी मांगों में से कई पर लिखित आश्वासन दिया गया है। उनसे बातचीत जारी रहेगी।
6.43: बाबा रामदेव ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी।
6.52: बाबा राजघाट से रामलीला मैदान रवाना। पहले राजघाट से वह भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए जाने वाले थे, लेकिन देर होने के चलते कार्यक्रम टाल दिया।
7.00: बाबा रामदेव रामलीला मैदान पहुंचे। वहां प्रेस कांफ्रेंस की तैयारियां पूरी। बाबा के समर्थकों में उत्साह और जश्न का माहौल
7.18: बाबा मंच पर पहुंचे।
6.29: कपिल सिब्बल ने कहा कि बाबा जो उचित समझेंगे, करेंगे। यह मुद्दा चुटकियों में सुलझाने लायक नहीं है। उन्हें उनकी मांगों पर लिखित जवाब दिया गया है।
6.40: सिब्बल ने कहा कि बाबा को उनकी मांगों में से कई पर लिखित आश्वासन दिया गया है। उनसे बातचीत जारी रहेगी।
6.43: बाबा रामदेव ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी।
6.52: बाबा राजघाट से रामलीला मैदान रवाना। पहले राजघाट से वह भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए जाने वाले थे, लेकिन देर होने के चलते कार्यक्रम टाल दिया।
7.00: बाबा रामदेव रामलीला मैदान पहुंचे। वहां प्रेस कांफ्रेंस की तैयारियां पूरी। बाबा के समर्थकों में उत्साह और जश्न का माहौल
7.18: बाबा मंच पर पहुंचे।
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