जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट मे दर्ज एक बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले में एक महीने पूर्व भगाई गई लड़की को बरामद नहीं कर पाने पर गुरुवार को जालोर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ राजस्थान हाईकोर्ट में पेश हुए। उन्होंने अदालत में शुक्रवार तक का समय मांगा तथा बताया कि पुलिस पार्टी को लड़की व लड़के के पुणे में होने की जानकारी मिली है तथा वहां उसकी तलाश की जा रही है। न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी तथा अवकाश कालीन न्यायाधीश गोविंद माथुर की खंडपीठ ने पुलिस को शुक्रवार तक लड़की को पेश किए जाने के आदेश दिए।
गौरतलब है कि दिनांक 7 जून 2011 को खंडपीठ ने प्रार्थी गुड़ा बालोतान निवासी लीलाधर खत्री की ओर से दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई में जालोर पुलिस को भगाई गई लड़की को दो दिन में पेश करने अथवा इसमें विफल रहने पर जालोर एसपी राहुल बारहठ को पेश होने के आदेश दिए थे।
यह था मामला
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एमपी पारीक व मनोज पारीक ने अदालत में बताया कि 7 मई 2010 को जालोर जिले के गुडा बालोतान निवासी प्रार्थी लीलाधर की करीब 15 वर्षीय पुत्री रेखा को उसी के गांव में रहने वाला लड़का राजू छीपा भगा कर ले गया। प्रार्थी के बार बार आग्रह पर पुलिस थाना आहोर ने 12 मई 2011 को गुमशुदगी की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली,मगर तफ्तीश में आनाकानी करते रहे। इस पर प्रार्थी ने 13 मई 2011 को जालोर स्थित अदालत में शिकायत दर्ज की तो पुलिस ने मामला दर्ज किया। प्रार्थी ने 3 जून 2011 को हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। जिसमें हाईकोर्ट ने पुलिस को 7 जून को भगाई गई लड़की को पेश करने के आदेश दिए थे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एमपी पारीक व मनोज पारीक ने अदालत में बताया कि 7 मई 2010 को जालोर जिले के गुडा बालोतान निवासी प्रार्थी लीलाधर की करीब 15 वर्षीय पुत्री रेखा को उसी के गांव में रहने वाला लड़का राजू छीपा भगा कर ले गया। प्रार्थी के बार बार आग्रह पर पुलिस थाना आहोर ने 12 मई 2011 को गुमशुदगी की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली,मगर तफ्तीश में आनाकानी करते रहे। इस पर प्रार्थी ने 13 मई 2011 को जालोर स्थित अदालत में शिकायत दर्ज की तो पुलिस ने मामला दर्ज किया। प्रार्थी ने 3 जून 2011 को हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। जिसमें हाईकोर्ट ने पुलिस को 7 जून को भगाई गई लड़की को पेश करने के आदेश दिए थे।
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