शिक्षा अधिकार से वंचित नब्बे हजार बच्चे
बाड़मेर। जिले के नब्बे हजार बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। इनको शिक्षा से जोड़ना प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छह से चौदह साल के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाना है, लेकिन जिले की स्थिति विकट है। यहां करीब नब्बे हजार बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। सीमावर्ती क्षेत्र चौहटन में बीस हजार से ज्यादा बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। अन्य ब्लॉक में भी ऎसे बच्चों की संख्या आठ से दस हजार है।
कैसे जुडेंगे शिक्षा से
करीब नब्बे हजार बच्चे शिक्षा से वंचित होना जिले के लिए चिंता का विषय है। इनमें से अधिकांश दूर-दराज की ढाणियों व गांवों में रहते हैं। इनको घरों से लाकर शिक्षा से जोड़ना प्रशासन, शिक्षा विभाग के लिए नामुमकिन नहीं तो मुश्किल अवश्य होगा।
अभियान चलेगा
जिले में शिक्षा से वंचित बच्चों की तादाद 88 हजार से ज्यादा है। इनको शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलेगा। ग्रामीण कार्मिकों की जवाबदेही तय होगी।
- डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी, प्राथमिक शिक्षा बाड़मेर
बाड़मेर। जिले के नब्बे हजार बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। इनको शिक्षा से जोड़ना प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छह से चौदह साल के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाना है, लेकिन जिले की स्थिति विकट है। यहां करीब नब्बे हजार बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। सीमावर्ती क्षेत्र चौहटन में बीस हजार से ज्यादा बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। अन्य ब्लॉक में भी ऎसे बच्चों की संख्या आठ से दस हजार है।
कैसे जुडेंगे शिक्षा से
करीब नब्बे हजार बच्चे शिक्षा से वंचित होना जिले के लिए चिंता का विषय है। इनमें से अधिकांश दूर-दराज की ढाणियों व गांवों में रहते हैं। इनको घरों से लाकर शिक्षा से जोड़ना प्रशासन, शिक्षा विभाग के लिए नामुमकिन नहीं तो मुश्किल अवश्य होगा।
अभियान चलेगा
जिले में शिक्षा से वंचित बच्चों की तादाद 88 हजार से ज्यादा है। इनको शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलेगा। ग्रामीण कार्मिकों की जवाबदेही तय होगी।
- डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी, प्राथमिक शिक्षा बाड़मेर
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