रेत के समंदर में "अजय" का परीक्षण
जैसलमेर। रूस में निर्मित टी-72 टैंक "अजय" के अपग्रेड मॉडल का जैसलमेर जिले में स्थित लाठी फायरिंग रेंज में परीक्षण शुरू किया गया है। इस युद्धक टैंक में स्वदेशी प्रणाली विकसित की गई है। इसकी क्षमता परखने को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा रूस के वैज्ञानिकों की मौजूदगी में परीक्षण हो रहा है।
डीआरडीओ के अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। वर्ष 1965 व 1971 के युद्ध में दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले इस मुख्य युद्धक टैंक में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने काफी बदलाव किए हैं। हालांकि नवीनतम टैंक विकसित करने के कारण रूस ने इसे अपने सैन्य बेड़े से बाहर कर दिया है। इधर, भारतीय वैज्ञानिकों ने टैंक का स्वदेशी इंजन तैयार कर लिया है।
जैसलमेर। रूस में निर्मित टी-72 टैंक "अजय" के अपग्रेड मॉडल का जैसलमेर जिले में स्थित लाठी फायरिंग रेंज में परीक्षण शुरू किया गया है। इस युद्धक टैंक में स्वदेशी प्रणाली विकसित की गई है। इसकी क्षमता परखने को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा रूस के वैज्ञानिकों की मौजूदगी में परीक्षण हो रहा है।
डीआरडीओ के अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। वर्ष 1965 व 1971 के युद्ध में दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले इस मुख्य युद्धक टैंक में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने काफी बदलाव किए हैं। हालांकि नवीनतम टैंक विकसित करने के कारण रूस ने इसे अपने सैन्य बेड़े से बाहर कर दिया है। इधर, भारतीय वैज्ञानिकों ने टैंक का स्वदेशी इंजन तैयार कर लिया है।
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