डीडवाना. नागौर जिले की डीडवाना जेल से भागे कैदियों में से पकड़े दो कैदियों के पास मोबाइल मिले हैं। एक कैदी के साथ उसकी प्रेमिका को भी पुलिस ने पकड़ा है। इन कैदियों ने जेल से भागने में फिल्मी स्टाइल भी अपनाई। कैदियों ने न केवल गुपचुप रूप से आरी की सहायता से सरियों को धीरे-धीरे काटा, बल्कि छत के सरिये काटने के लिए किसी सर्कस के कलाकार की तरह एक-दूसरे के ऊपर खड़े होकर सहायता भी की।
सब जेल से भागे 6 बंदियों में से हरियाणा के फतेहाबाद जिले में दबोचे गए दोनों कैदियों ने इस बात का खुलासा किया है। पुलिस की कड़ी पूछताछ में इन कैदियों ने बताया कि उन्होंने किस तरीके से सरिये काटे और वहां से फरार हुए। कैदियों ने गुपचुप ढंग से जेल में आरी मंगवाई और फिर बैरक के अंदर से ही बैरक के दो सरियों को काटा। बाद में लोहे के एंगल में फंसे सरिये के दूसरे सिरे को उखाड़ कर निकलने के लिए जगह बनाई।
इसके बाद कैदी बाहर निकले और छत के सरिये को काटा। सरिये ऊपर होने के कारण पहले एक कैदी बाल्टी पर खड़ा हुआ। फिर इस कैदी पर एक अन्य कैदी चढ़ा और पास में स्थित एक झरोखे में पैर रखकर उसने छत के सरिये को काटा। बाद में एक-एक कर यहां से भाग छूटे।
6 घंटे कड़ी पूछताछ: पकड़े गए दो कैदियों को लेकर जसवंतगढ़ थानाप्रभारी अमराराम विश्नोई शुक्रवार को यहां पहुंचे। डीडवाना पुलिस थाने में उप पुलिस अधीक्षक हेमाराम ने दोनों बंदियों तथा उनके साथ पकड़ी गई युवती से 6 घंटे तक कड़ी पूछताछ की। पूछताछ में दोनों कैदियों ने कई खुलासे किए, जिनके आधार पर 4 अन्य फरार कैदियों की तलाश की जा रही है।
ऐसे आए पकड़ में: पुलिस उप अधीक्षक हेमाराम ने पत्रकारों को बताया कि कैदियों को जल्द पकड़ने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा ने पुलिस की 4 टीमें गठित कर उन्हें अलग-अलग दिशाओं में भेजा था। जसवंतगढ़ थाना प्रभारी अमराराम विश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम को हरियाणा भेजा गया। इस टीम ने सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर फरार कैदियों की लोकेशन ट्रेस की और कैदी सुरेंद्र सिंह व रमेशचंद्र को फतेहाबाद जिले के गुना कस्बे में पकड़ लिया।
एक ही गाड़ी में भागे थे सारे कैदी: डीएसपी हेमाराम ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि फरार सभी कैदी जेल से निकलने के बाद एक गाड़ी से भागे थे। यह लोग हरियाणा के हिसार तक साथ थे। इसके बाद सभी कैदी अलग -हो गए। दो कैदियों के साथ मिली युवती के बारे में बताया जा रहा है कि वह मुकुंद जैन हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्रसिंह की प्रेमिका है। वह जिले के खींवज गांव की बताई जा रही है। जेल से भागने से पहले ही सुरेंद्रसिंह ने उसे योजना की जानकारी दे दी थी, वह घर से भागकर एक स्थान पर सुरेंद्रसिंह व उसके सहयोगियों का इंतजार कर रही थी। इस युवती के मिलने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि क्या युवती ने इन कैदियों के भागने में सहयोग किया। हालांकि पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
विनोद मीणा की योजना से भागे: सब जेल से भागने की योजना शातिर चोर विनोद मीणा ने बनाई थी। उसने सुरेंद्रसिंह और रमेश सिंह को साथ कर लिया। तीनों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। विनोद मीणा उर्फ राजेश कृषि मंत्री की जीप चोरी का आरोपी है और वाहन चोरी के कई मामले उस पर दर्ज हैं।
लापरवाही या मिलीभगत: जांच में कई बिंदुओं में जेल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस इसे प्रथम दृष्टया लापरवाही मान रही है, लेकिन मिलीभगत की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जेल में आरी कैसे पहुंची। कैदियों द्वारा बैरक व छत के सरिए काट छत से भाग जाना लापरवाही उजागर करती है, लेकिन जेल में मोबाइल मिलने की घटना कथित रूप से मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।
सब जेल से भागे 6 बंदियों में से हरियाणा के फतेहाबाद जिले में दबोचे गए दोनों कैदियों ने इस बात का खुलासा किया है। पुलिस की कड़ी पूछताछ में इन कैदियों ने बताया कि उन्होंने किस तरीके से सरिये काटे और वहां से फरार हुए। कैदियों ने गुपचुप ढंग से जेल में आरी मंगवाई और फिर बैरक के अंदर से ही बैरक के दो सरियों को काटा। बाद में लोहे के एंगल में फंसे सरिये के दूसरे सिरे को उखाड़ कर निकलने के लिए जगह बनाई।
इसके बाद कैदी बाहर निकले और छत के सरिये को काटा। सरिये ऊपर होने के कारण पहले एक कैदी बाल्टी पर खड़ा हुआ। फिर इस कैदी पर एक अन्य कैदी चढ़ा और पास में स्थित एक झरोखे में पैर रखकर उसने छत के सरिये को काटा। बाद में एक-एक कर यहां से भाग छूटे।
6 घंटे कड़ी पूछताछ: पकड़े गए दो कैदियों को लेकर जसवंतगढ़ थानाप्रभारी अमराराम विश्नोई शुक्रवार को यहां पहुंचे। डीडवाना पुलिस थाने में उप पुलिस अधीक्षक हेमाराम ने दोनों बंदियों तथा उनके साथ पकड़ी गई युवती से 6 घंटे तक कड़ी पूछताछ की। पूछताछ में दोनों कैदियों ने कई खुलासे किए, जिनके आधार पर 4 अन्य फरार कैदियों की तलाश की जा रही है।
ऐसे आए पकड़ में: पुलिस उप अधीक्षक हेमाराम ने पत्रकारों को बताया कि कैदियों को जल्द पकड़ने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा ने पुलिस की 4 टीमें गठित कर उन्हें अलग-अलग दिशाओं में भेजा था। जसवंतगढ़ थाना प्रभारी अमराराम विश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम को हरियाणा भेजा गया। इस टीम ने सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर फरार कैदियों की लोकेशन ट्रेस की और कैदी सुरेंद्र सिंह व रमेशचंद्र को फतेहाबाद जिले के गुना कस्बे में पकड़ लिया।
एक ही गाड़ी में भागे थे सारे कैदी: डीएसपी हेमाराम ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि फरार सभी कैदी जेल से निकलने के बाद एक गाड़ी से भागे थे। यह लोग हरियाणा के हिसार तक साथ थे। इसके बाद सभी कैदी अलग -हो गए। दो कैदियों के साथ मिली युवती के बारे में बताया जा रहा है कि वह मुकुंद जैन हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्रसिंह की प्रेमिका है। वह जिले के खींवज गांव की बताई जा रही है। जेल से भागने से पहले ही सुरेंद्रसिंह ने उसे योजना की जानकारी दे दी थी, वह घर से भागकर एक स्थान पर सुरेंद्रसिंह व उसके सहयोगियों का इंतजार कर रही थी। इस युवती के मिलने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि क्या युवती ने इन कैदियों के भागने में सहयोग किया। हालांकि पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
विनोद मीणा की योजना से भागे: सब जेल से भागने की योजना शातिर चोर विनोद मीणा ने बनाई थी। उसने सुरेंद्रसिंह और रमेश सिंह को साथ कर लिया। तीनों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। विनोद मीणा उर्फ राजेश कृषि मंत्री की जीप चोरी का आरोपी है और वाहन चोरी के कई मामले उस पर दर्ज हैं।
लापरवाही या मिलीभगत: जांच में कई बिंदुओं में जेल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस इसे प्रथम दृष्टया लापरवाही मान रही है, लेकिन मिलीभगत की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जेल में आरी कैसे पहुंची। कैदियों द्वारा बैरक व छत के सरिए काट छत से भाग जाना लापरवाही उजागर करती है, लेकिन जेल में मोबाइल मिलने की घटना कथित रूप से मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।
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