कुरुक्षेत्र ।। एनआरआई पिता के बीमे की राशि हड़पने के मकसद से उसके बेटे ने पिता का दाहसंस्कार से लेकर पिंडदान तक कर डाला। उसने पिता का डेथ सर्टिफिकेट बनवाने में भी संकोच नहीं किया, लेकिन क्लेम मिलने से पहले ही जालसाजी से पर्दा उठ गया और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
मामला थाना पिहोवा क्षेत्र का है। जांच अधिकारी फूल सिंह ने बताया कि 23 जनवरी को दिल्ली निवासी चेतन ओबराय व 6 अन्य के खिलाफ फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाने का मामला दर्ज किया गया था। बकौल चेतन, अमेरिका में रहने वाले उसके एनआरआई पिता जनकराज ओबरॉय 22 जून 2010 को सरस्वती घाट पिहोवा आए थे, जहां उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई गई, तो फर्जीरवाड़े में पिहोवा श्मशान घाट के पुरोहित रामलाल को भी शामिल पाया गया। उसने रजिस्टर में लिखा है कि जनकराज का अंतिम संस्कार पिहोवा के पुरोहित हेमंत ने करवाया। गवाह के तौर पर पिहोवा के ही सतपाल नामक पंडे के साइन भी हैं। इन लोगों ने पिहोवा नगरपालिका के तत्कालीन चेयरमैन महंत तरुण दास को भी घटना में शामिल कर लिया, जिन्होंने जनकराज के डेथ सर्टिफिकेट वाली फाइल पर साइन किए। हालांकि तरुण दास का कहना है कि वह चेतन को नहीं जानते। उन्होंने बतौर गवाह उनके पास आए पिहोवा के ही एक व्यक्ति के कहने पर ये साइन किए थे।
फूल सिंह के अनुसार, चेतन दिल्ली के विकासपुरी में रहता है और गुड़गांव के एक कॉल सेंटर में काम करता है। उसके बडे़ भाई हर्ष ओबराय भी अमेरिका में एनआरआई हैं। जनकराज आज भी उन्हीं के साथ रहते हैं। चेतन को पता था कि उसके पिता का अमेरिका में 50 लाख रुपये का बीमा है। फर्जीवाडे़ में चेतन के ताऊ राजेंद्र और एक रिश्तेदार मनोज भाटिया भी शामिल हैं। उच्चस्तरीय जांच में यह भी मालूम हुआ है कि पिहोवा के श्मशान घाट में दाहसंस्कार तो हुआ, लेकिन दिखावे के तौर पर एक कुत्ते का किया गया। पिहोवा थाना प्रभारी यशवंत सिंह यादव ने बताया कि चेतन को सोमवार को अदालत में पेश करके एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
मामला थाना पिहोवा क्षेत्र का है। जांच अधिकारी फूल सिंह ने बताया कि 23 जनवरी को दिल्ली निवासी चेतन ओबराय व 6 अन्य के खिलाफ फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाने का मामला दर्ज किया गया था। बकौल चेतन, अमेरिका में रहने वाले उसके एनआरआई पिता जनकराज ओबरॉय 22 जून 2010 को सरस्वती घाट पिहोवा आए थे, जहां उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई गई, तो फर्जीरवाड़े में पिहोवा श्मशान घाट के पुरोहित रामलाल को भी शामिल पाया गया। उसने रजिस्टर में लिखा है कि जनकराज का अंतिम संस्कार पिहोवा के पुरोहित हेमंत ने करवाया। गवाह के तौर पर पिहोवा के ही सतपाल नामक पंडे के साइन भी हैं। इन लोगों ने पिहोवा नगरपालिका के तत्कालीन चेयरमैन महंत तरुण दास को भी घटना में शामिल कर लिया, जिन्होंने जनकराज के डेथ सर्टिफिकेट वाली फाइल पर साइन किए। हालांकि तरुण दास का कहना है कि वह चेतन को नहीं जानते। उन्होंने बतौर गवाह उनके पास आए पिहोवा के ही एक व्यक्ति के कहने पर ये साइन किए थे।
फूल सिंह के अनुसार, चेतन दिल्ली के विकासपुरी में रहता है और गुड़गांव के एक कॉल सेंटर में काम करता है। उसके बडे़ भाई हर्ष ओबराय भी अमेरिका में एनआरआई हैं। जनकराज आज भी उन्हीं के साथ रहते हैं। चेतन को पता था कि उसके पिता का अमेरिका में 50 लाख रुपये का बीमा है। फर्जीवाडे़ में चेतन के ताऊ राजेंद्र और एक रिश्तेदार मनोज भाटिया भी शामिल हैं। उच्चस्तरीय जांच में यह भी मालूम हुआ है कि पिहोवा के श्मशान घाट में दाहसंस्कार तो हुआ, लेकिन दिखावे के तौर पर एक कुत्ते का किया गया। पिहोवा थाना प्रभारी यशवंत सिंह यादव ने बताया कि चेतन को सोमवार को अदालत में पेश करके एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
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