जोधपुर. राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर भारत सरकार लंबे समय से निर्णय नहीं कर पा रही, वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंसियल अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया में इस भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया है। इससे न केवल राजस्थानी भाषा का मान बढ़ा है, बल्कि इसके जानकारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं।
व्हाइट हाउस द्वारा विभिन्न पदों के लिए मांगे गए आवेदन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव के तहत विभिन्न देशों की क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान की जानकारी मांगी गई है। इसके तहत आवेदन पत्र के पांचवें खंड में दी गई विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भारत से हिंदी के अलावा मराठी, उड़िया, पंजाबी व मारवाड़ी (मायड) सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है। यह पहला मौका है जब मारवाड़ी को इस सूची में शामिल किया गया है। उधर, राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) ने राजस्थानी को देश में संवैधानिक दर्जा दिलाने के अभियान में प्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगा है।
और राजस्थान में अनदेखी: अमेरिका में भले ही मायड भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया हो, लेकिन अपने ही प्रदेश राजस्थान में ही राजस्थानी भाषा को तवज्जो नहीं दी जा रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रदेश में शिक्षक भर्ती से पहले टेट उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता के तहत 31 जुलाई को होने वाली परीक्षा है। इसमें आवेदक हिंदी के अलावा अंग्रेजी, संस्कृत, गुजराती, सिंधी, पंजाबी व उर्दू भाषा में तो परीक्षा दे सकता है, लेकिन इस सूची में राजस्थानी भाषा शामिल नहीं है।
देश-दुनिया के हर हिस्से में राजस्थानी: राजस्थानी लोगों ने अपने व्यापारिक कौशल व मेहनत के बल पर भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है। इसके बावजूद राजस्थानी भाषा को भारत की संवैधानिक भाषा का दर्जा नहीं मिला है। विदेशों में अप्रवासी राजस्थानियों की संस्था राना भाषा की मान्यता के प्रति लोगों को जोड़ रही है। वहीं राज्य में विभिन्न संगठन इसके लिए सक्रिय हैं। इसे गति देने के लिए मानसून सत्र से पहले दिल्ली में धरना देने की योजना है। इसमें प्रदेश के स्थानीय लोगों के साथ-साथ अप्रवासी राजस्थानी भी भाग लेंगे।
‘व्हाइट हाउस ने मारवाड़ी को अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा देकर राजस्थानियों का मान बढ़ाया है। ऐसे में भारत सरकार को अब राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा करनी चाहिए। हम इसके लिए सभी देशों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों को आंदोलन से जोड़ रहे हैं।’ प्रेम भंडारी, अंतरराष्ट्रीय संयोजक, अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति
इस लिंक से देख सकते हैं सूची: व्हाइट हाउस में नौकरी के आवेदन की वेबसाइट एचटीटीपीपी://एपीपी2.व्हाइटहाउस. जीओवी/पीपीओ/ पर सर्च करने पर प्रेसिडेंसियल अपॉइंटमेंट्स एप्लिकेशन का पेज खुलता है। इस पेज पर पेपर एप्लीकेशन के हाईलाइट लिंक पर क्लिक करने पर अप्लाई फॉर ए जॉब का फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। इस फार्म की पांचवीं सूची में अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची के दूसरे भाग में मराठी के बाद मारवाड़ी दर्ज है।
व्हाइट हाउस द्वारा विभिन्न पदों के लिए मांगे गए आवेदन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव के तहत विभिन्न देशों की क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान की जानकारी मांगी गई है। इसके तहत आवेदन पत्र के पांचवें खंड में दी गई विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भारत से हिंदी के अलावा मराठी, उड़िया, पंजाबी व मारवाड़ी (मायड) सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है। यह पहला मौका है जब मारवाड़ी को इस सूची में शामिल किया गया है। उधर, राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) ने राजस्थानी को देश में संवैधानिक दर्जा दिलाने के अभियान में प्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगा है।
और राजस्थान में अनदेखी: अमेरिका में भले ही मायड भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया हो, लेकिन अपने ही प्रदेश राजस्थान में ही राजस्थानी भाषा को तवज्जो नहीं दी जा रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रदेश में शिक्षक भर्ती से पहले टेट उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता के तहत 31 जुलाई को होने वाली परीक्षा है। इसमें आवेदक हिंदी के अलावा अंग्रेजी, संस्कृत, गुजराती, सिंधी, पंजाबी व उर्दू भाषा में तो परीक्षा दे सकता है, लेकिन इस सूची में राजस्थानी भाषा शामिल नहीं है।
देश-दुनिया के हर हिस्से में राजस्थानी: राजस्थानी लोगों ने अपने व्यापारिक कौशल व मेहनत के बल पर भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है। इसके बावजूद राजस्थानी भाषा को भारत की संवैधानिक भाषा का दर्जा नहीं मिला है। विदेशों में अप्रवासी राजस्थानियों की संस्था राना भाषा की मान्यता के प्रति लोगों को जोड़ रही है। वहीं राज्य में विभिन्न संगठन इसके लिए सक्रिय हैं। इसे गति देने के लिए मानसून सत्र से पहले दिल्ली में धरना देने की योजना है। इसमें प्रदेश के स्थानीय लोगों के साथ-साथ अप्रवासी राजस्थानी भी भाग लेंगे।
‘व्हाइट हाउस ने मारवाड़ी को अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा देकर राजस्थानियों का मान बढ़ाया है। ऐसे में भारत सरकार को अब राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा करनी चाहिए। हम इसके लिए सभी देशों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों को आंदोलन से जोड़ रहे हैं।’ प्रेम भंडारी, अंतरराष्ट्रीय संयोजक, अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति
इस लिंक से देख सकते हैं सूची: व्हाइट हाउस में नौकरी के आवेदन की वेबसाइट एचटीटीपीपी://एपीपी2.व्हाइटहाउस. जीओवी/पीपीओ/ पर सर्च करने पर प्रेसिडेंसियल अपॉइंटमेंट्स एप्लिकेशन का पेज खुलता है। इस पेज पर पेपर एप्लीकेशन के हाईलाइट लिंक पर क्लिक करने पर अप्लाई फॉर ए जॉब का फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। इस फार्म की पांचवीं सूची में अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची के दूसरे भाग में मराठी के बाद मारवाड़ी दर्ज है।
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