शुक्रवार, 24 जून 2011

अनोखा संयोगः जन्म से लेकर 8वीं-10वीं का नं. सब एक सा



सीकर. दो भाई अभिषेक काजला और अविनाश काजला। दोनों जुड़वां, उम्र 14 साल। जेरठी गांव के इन दोनों होनहारों ने हाल में दसवीं कक्षा 84.67 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम श्रेणी प्राप्त की है। इसे इत्तफाक कहें या काबलियत, आठवीं बोर्ड परीक्षा में भी दोनों ने 87.13 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
खास बात यह भी है कि लंबाई, पसंद और सपना भी एक है। अभिषेक व अविनाश बताते हैं, ‘सुबह 5.30 बजे नींद से जगने से लेकर रात को सोने तक दोनों हरदम साथ रहते हैं।’ मम्मी सरोज की नजर में, दोनों जब जुड़वां पैदा हुए, तभी इनके पिता से कह दिया था कि दोनों को बराबर देखना चाहती हूं। इसलिए एक-दूसरे को एक जैसे कपड़े पहनाने से लेकर हर चीज में बराबर का ख्याल रखा है। वर्ष 2009 में आठवीं बोर्ड परीक्षा में जब दोनों ने 87.13 फीसदी अंक प्राप्त किए तो लगा था कि उम्मीद भरा सपना पूरा हो रहा है।
हाल ही में दसवीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आया तो पेरेंट्स सहित पूरे गांव में खुशी का माहौल छा गया। दोनों ने 84.67 फीसदी अंकों के साथ फस्र्ट डिवीजन हासिल की। खास बात यह भी है कि हिंदी, अंग्रेजी, साइंस, मैथमेटिक्स व संस्कृत विषय में दोनों ने डिस्टिंक्शन प्राप्त की है। बोर्ड कक्षाओं में एक जैसे प्रतिशत अंक आने से पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों भाई आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहते हैं। इसके लिए अभी से कड़ी मेहनत में जुट गए हैं। अंग्रेजी सीखने के लिए सीकर आकर ट्यूशन भी कर रहे हैं। दोनों को क्रिकेट पसंद है।
दोस्त व टीचर भी पड़ जाते हैं उलझन में: स्कूल में भी टीचर और दोस्त अक्सर उलझ जाते हैं। दोनों की शक्ल, यहां तक की लंबाई भी 5 फिट आठ इंच है। अविनाश व अभिषेक को अक्षयकुमार की फिल्में पसंद हैं, फिल्में साथ बैठकर ही देखते हैं। खाने में भिंडी की सब्जी के शौकीन भाइयों की पसंद का ख्याल पेरेंट्स भी बखूबी रखते हैं। खास यह भी है कि मैथमेटिक्स में दोनों ही होशियार हैं। एडवोकेट पिता विरेंद्र काजला बताते हैं, ‘जब दोनों छोटे थे तो हम भी घर पर उलझन में पड़ जाते थे।
दोनों के जन्म में सिर्फ चार मिनट का अंतर है। दोनों बड़े होकर इंजीनियर बनें, इसके लिए बराबर प्रोत्साहित कर रहा हूं।’ पड़ोसी महेंद्र जांगिड़ भी दोनों भाइयों को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं। उन्होंने बताया कि घर पर इनको सोनू- मोनू के नाम से पुकारते हैं। मेरे घर पर दोनों में कोई भी सुबह-सुबह दूध देने के लिए आता है। नाम पुकारता हूं तो इनके जरिए ही पता चलता है कि सोनू है या मोनू।
जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया: राजकीय अस्पताल में गुरुवार दोपहर को एक महिला ने महिला ने दो जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। जानकारी के अनुसार पार्वती पत्नी जगदीश स्वामी निवासी गांव पिचकराईताल ने साधारण प्रसव के जरिए दो जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। जुड़वा बच्चियां स्वस्थ हैं और उनके पेट जुड़े हुए हैं। डॉ. समीर पंवार ने बच्चियों के स्वास्थ्य की जांच की और दोनों को बीकानेर पीबीएम अस्पताल में भेजकर अलग करवाने की सलाह दी। जुड़वां बच्चियों के जन्म की खबर मिलते ही इन्हें देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गई।

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