हरिद्वार. बाबा रामदेव के कारोबारी साम्राज्य पर उठ रहे सवालों के बीच गुरुवार को उनकी ओर से ट्रस्ट की संपत्ति का ब्यौरा दिया गया, लेकिन कंपनियों की कमाई का ब्यौरा नहीं दिया। एक अध्ययन के मुताबिक हर मिनट बाबा की कंपनियों के 3000 रुपये के उत्पादों की बिक्री होती है। पर इस बारे में उनकी ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई।
गुरुवार की शाम जब बाबा अपने करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने सबसे पहले सशस्त्र सेना बनाने संबंधी अपने बयान पर सफाई दी। इसके बाद उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने अपने ट्रस्ट की ओर से किए जाने वाले कार्यों का बखान शुरू किया। काफी विस्तार से बताने के बाद उन्होंने बताया कि उनके किस ट्रस्ट के पास कितनी संपत्ति है। जिन 4 ट्रस्टों के बारे में बताया गया, उसकी संपत्ति 426 करोड़ और खर्च 751 करोड़ रुपये है। यानी 17 साल में इन ट्रस्टों को 1177 करोड़ रुपये की आय हुई।
रामदेव ने संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत में कहा कि मीडिया ने उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया। उन्होंने कहा कि मेरे बयान पर भ्रम फैल गया। भारतीय संस्कृति और वेदों में शास्त्र का अर्थ ज्ञान और शस्त्र का अर्थ शक्ति बताया है। हमने ज्ञान व शक्ति की हमेशा अराधना की है। हमने अपना ज्ञान और शस्त्र बल बढ़ाकर एक बलशाली राष्ट्र के निर्माण की कोशिश की है। मेरी बातों को प्रसंग से बाहर लिया गया है। मैं जो कहना चाह रहा था उसकी जगह कुछ और ही प्रसारित किया गया। मेरे शब्दों को गलत रूप में प्रवेश किया गया। मेरा निवेदन है कि मेरे शब्दों के अर्थ का अनर्थ न किया जाए।
बाबा ने कहा था कि वह 11000 युवाओं को शस्त्र और शास्त्र का प्रशिक्षण देंगे, जो लोगों को मारेंगे नहीं, लेकिन खुद भी नहीं पिटेंगे।
बालकृष्ण ने ज्यादा समय यह बताने में ही लगाया कि उनकी ट्रस्ट की ओर से जनसेवा के कार्यों पर कितनी रकम खर्च की गई है और क्या-क्या किया गया है। उन्होंने बताया कि 17 साल में ट्रस्ट की ओर से जनहित के काम में 751 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
ट्रस्ट की आय 1177 करोड़ रुपये की है। उन्होंने चार ट्रस्टों के आय-व्यय का मोटा आंकड़ा दिया और फिर कहा कि पूरा ब्योरा ट्रस्ट की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.दिव्ययोगा.कॉम पर उपलब्ध है। साइट पर तीन ट्रस्ट और आचार्यकुल शिक्षा संस्थान की बैलेंसशीट का लिंक दिया गया है, लेकिन इनमें से एक लिंक भी नहीं खुल रहा है।
आचार्य कमाई के बारे में पत्रकारों के सवालों से भी बचते रहे। कंपनियों की आमदनी के बारे में भी नहीं बताया। आचार्य खुद 34 कंपनियों के निदेशक हैं। लेकिन बाबा रामदेव ने यह सफाई जरूर दी कि वे दूसरों की तुलना में काफी सस्ती दवाएं बेचते हैं।
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