दुनिया का सबसे उम्रदराज कैदी रिहा
लखनऊ। गोरखपुर जेल में हत्या के आरोप में बंद दुनिया के सबसे उम्रदराज कैदी बृज बिहारी आखिरकार रिहा हो गया। 108 साल के बिहारी को शुक्रवार शाम सवा सात बजे 28 साल की कैद से मुक्ति मिली।
सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पतल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत को देखते हुए जेल प्रशासन ने मानवीय आधार पर उन्हें स्थायी रूप से अस्पताल की सुविधाएं महैया करवाई थीं।
सूत्रों ने बताया कि,अक्टूबर 2010 में जिला मजिस्ट्रेट ने उत्तरप्रदेश के राज्यपाल को बिहारी को रिहा किए जाने के लिए एक याचिका दायर की थी। पिछले महीने 26 मई को हत्या के आरोप में बिहारी और 10 अन्य को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। लेकिन बिहारी के करीबी रिश्तेदार के भी उस समय जेल में होने के कारण उनकी जमानत नहीं हो सकी। आखिर में शुक्रवार को बिहारी के बेटे ने जमानत का बांड भरकर उनकी रिहाई की राह बनाई है।
उल्लेखनीय है कि बिहारी महाराजगंज जगन्नाथ मंदिर के महंत बनना चाहते थे। लेकिन अपना यह सपना पूरा होते नहीं देख बिहारी ने 84 साल की उम्र में चार लोगों की हत्या की साजिश रची। इस अपराध में वे 15 जून, 1987 से जेल में बंद थे।
लखनऊ। गोरखपुर जेल में हत्या के आरोप में बंद दुनिया के सबसे उम्रदराज कैदी बृज बिहारी आखिरकार रिहा हो गया। 108 साल के बिहारी को शुक्रवार शाम सवा सात बजे 28 साल की कैद से मुक्ति मिली।
सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पतल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत को देखते हुए जेल प्रशासन ने मानवीय आधार पर उन्हें स्थायी रूप से अस्पताल की सुविधाएं महैया करवाई थीं।
सूत्रों ने बताया कि,अक्टूबर 2010 में जिला मजिस्ट्रेट ने उत्तरप्रदेश के राज्यपाल को बिहारी को रिहा किए जाने के लिए एक याचिका दायर की थी। पिछले महीने 26 मई को हत्या के आरोप में बिहारी और 10 अन्य को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। लेकिन बिहारी के करीबी रिश्तेदार के भी उस समय जेल में होने के कारण उनकी जमानत नहीं हो सकी। आखिर में शुक्रवार को बिहारी के बेटे ने जमानत का बांड भरकर उनकी रिहाई की राह बनाई है।
उल्लेखनीय है कि बिहारी महाराजगंज जगन्नाथ मंदिर के महंत बनना चाहते थे। लेकिन अपना यह सपना पूरा होते नहीं देख बिहारी ने 84 साल की उम्र में चार लोगों की हत्या की साजिश रची। इस अपराध में वे 15 जून, 1987 से जेल में बंद थे।
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