शनिवार, 28 मई 2011

भ्रूण हत्या रोकने को अब फोन टेपिंग का सहारा

भ्रूण हत्या रोकने को अब फोन टेपिंग का सहारा 


जयपुर।प्रदेश में बिगड़ते लिंगानुपात की स्थिति सुधारने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अब नई रणनीति बनाई है। इसके तहत विभाग अब फोन टेपिंग का सहारा लेगा। इस नई रणनीति से सोनोग्राफी सेंटर ही नहीं बल्कि स्त्री रोग विशेष्ाज्ञ, सोनोग्राफी करने वाले रेडियोलॉजिस्ट पर भी शिकंजा कसा जाएगा। इन सभी के फोन संयुक्त रूप से टेप किए जाएंगे। हालांकि विभाग के इस कदम का इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन ने विरोध शुरू कर दिया है।
मालूम हो कि हाल ही में प्रदेश में जनसंख्या के जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसमें बालिकाओं की संख्या काफी कम बताई गई है। इसकी वजह से मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को कफी फजीहत झेलनी पड़ी।

यही वजह है कि विभाग एक बार फिर कन्या भ्रूण हत्या रोकने को लेकर सक्रिय हो चुका है। इससे पहले मुखबिर योजना, सतर्कता दल सहित कई कदम उठाए जा चुके हैं। इसके बाद भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले लगातार सामने आते रहे। एक तरफ जनसंख्या के आंकड़े को लेकर हुई फजीहत और दूसरी तरफ प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर सोनोग्राफी सेंटरों की ओर से लिंग परीक्षण किए जाने की आ रही शिकायतों को देखते हुए विभाग ने फोन टेपिंग की रणनीति बनाई है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. समित शर्मा की मानें तो कन्या भ्रूण हत्याओं को रोकने के लिए विभाग किसी भी स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। यही वजह है कि सोनोग्राफी सेंटरों पर कन्या भ्रूण की पहचान करने वाले स्त्री रोग विशेष्ाज्ञ, रोडियोलोजिस्ट व सेंटर संचालक के बीच होने वाली वार्ता को टेप करने की योजना बनाई गई है। फोन टेपिंग के बाद न्यायालय में दोष्ाी चिकित्सकों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद सजा दिलाने में विभाग को आसानी होगी।

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