मंगलवार, 31 मई 2011

भारत में प्रति वर्ष 8 लाख मौतों का कारण है तंबाकू विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज


भारत में प्रति वर्ष 8 लाख मौतों का कारण है तंबाकू

विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज
क्या आप जानते हैं कि भारत में प्रति वर्ष होने वाली 8 लाख मौतों का कारण तंबाकू का सेवन है। यह आंकड़ा हाल ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किया है। बताया गया कि भारत में 8 फीसदी लोग तंबाकू सेवन करते हैं। इसमें सर्वाधिक संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की है। इससे भी चौकाने वाला तथ्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कम उम्र के बच्चे भी इस लत से जुड़े हैं। 

आंकड़ों के आधार पर 10 वर्ष की उम्र से ही बालक तंबाकू सेवन करने लगते हैं। उम्र के बढऩे के साथ साथ इनमें रोग भी जड़े मजबूत कर लेता है। हालांकि सरकारी तौर पर कई नशा मुक्ति निवारण केंद्र भी संचालित हैं, लेकिन इस बुरी लत को छोडऩे के लिए खुद ही पहल करनी होगी। राज्य सरकार ने भी इसके लिए विभिन्न नियम और कानून बनाए हैं, लेकिन इसकी पालना नहीं हो पाती है। सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों और स्कूलों के आसपास आज भी खुले आम तंबाकू बेची जाती है तथा युवा वर्ग भी बेखौफ इसका सेवन करता है।
 

धीरे धीरे फैलते हैं रोग
 
एमबी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों से जब तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर चर्चा की गई तो सामने आया कि तंबाकू सेवन से फैलने वाले रोग धीरे धीरे पैर पसारते हैं। मेडिसिन विभाग के डॉ. वायएन वर्मा कहते हैं कि तंबाकू सेवन करने से भोजन नली सिकुड़ती है और मुंह खुलना बंद हो जाता है। खाना निगलने में परेशानी के साथ साथ सांस लेने में भी तकलीफ होती है। रक्तचाप बढ़ जाता है तथा आंखों से कम दिखाई देने लगता है।
 

विकल्प नहीं तलाशें
 
तंबाकू सेवन और सिगरेट के कश लगाने की इस बुरी लत को छोडऩे के लिए खुद को ही पहल करनी होगी। इस बात को चिकित्सक भी स्वीकार करते हैं। कहते हैं, यदि व्यक्ति खुद इस लत को छोडऩे का मानस बना ले तो यह आसानी से छूट सकती है। इसके लिए जरूरी है कि किसी अन्य विकल्प को नहीं तलाशा जाए।

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