रिफाइनरी की स्थापना के बाद
बाय-प्रोडक्ट से होगा विकास
बाड़मेर
बायतु के लीलाणा गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी की स्थापना के बाद रिफायनरी से बनने वाले बाय प्रोड्क्टस से जिले का महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास होगा। तेल रिफाइन के बाद निकलने वाले अवशेष से बिट्टूमीन व अन्य रसायन से बड़ी इकाइयां लगाई जा सकेगी। इससे क्षेत्र के उद्यमियों को नए उद्योगों से जुडऩे का मौका मिल सकेगा। जिले में हजारों श्रमिकों को रोजगार मुहैया होगा। वहीं राज्य सरकार को भी इंडस्ट्रीज व अन्य छोटे-मोटे उद्योगों के जरिए टैक्स के रूप में करोड़ों रुपए की रेवेन्यू मिलेगी।
जिले में रिफाइनरी की स्थापना को लेकर क्षेत्र के लोगों ने अभी से सपने संजोने प्रारंभ कर दिए हैं। तेल रिफाइन के बाद बाय प्रोडक्ट्स से माल तैयार करने के लिए उद्योग लगाना क्षेत्र के उद्यमियों के लिए नया अनुभव होगा। जिले के उद्यमी इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने में जुटे हुए हैं। क्षेत्र के उद्यमियों का मानना है कि रिफाइनरी लगने के बाद कम से कम 25 किमी के दायरे में औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। नया इंडस्ट्रीयल एरिया बनने के साथ ही अंतर राष्ट्रीय स्तर के उद्योगों से जुडऩे का मौका मिलेगा। जिले को अंतर राष्ट्रीय बाजार मिलेगा: रिफाइनरी के बाय प्रोडक्टस से तैयार उत्पादों को बिक्री को लेकर बाड़मेर में अंतर राष्ट्रीय मार्केट तैयार होगा। यहां बने प्रोडक्टस को राज्य के साथ- साथ देश के अन्य हिस्सों में भी बिक्री के लिए बाजार मिलेगा।
इस क्षेत्र में भी हो सकेगा विस्तार: रिफाइनरी की स्थापना से औद्योगिक विकास के साथ स्थानीय स्तर पर विशाल बाजार भी तैयार होगा। बाहरी श्रमिकों को भी यहां रोजगार मिलने से लोकल बिक्री की डिमांड बढ़ेगी। नई -नई आवासीय कॉलोनियां विकसित होगी। होटल्स निर्माण के साथ ही छोटे-मोटे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
उद्यमी संभावनाएं तलाशने में जुटे
ञ्चरिफाइनरी की स्थापना से जिले का अभूतपूर्व विकास होगा। मोटे तौर पर बायप्रोडक्टस से बिटुमिन्स, एनसलेरी सहायक उद्योग, रसायन आधारित बड़ी इकाइयों की स्थापना हो सकेगी। वहीं मशीनरी प्लांट, मशीनरी रिपेयरिंग के उद्योग भी पनप सकेंगे। नई हाऊसिंग कॉलोनियों का भी विकास होगा। रोजमर्रा की वस्तुओं की भी डिमांड बढऩे से नए मार्केट की स्थापना होगी, वहीं होटल निर्माण में तेजी आएगी।
ओ पी गोस्वामी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, बाड़मेर
ञ्चरिफाइनरी की स्थापना से नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। बायो प्रोडक्ट्स से प्रारंभ होने वाले उद्योगों की स्थापना को लेकर क्षेत्र के उद्यमी संभावनाएं तलाशने में जुटे है। औद्योगिक विकास से हर फील्ड का विस्तार होगा। इससे बेरोजगारों को रोजगार के नए नए अवसर मिल सकेंगे।
रतनलाल वडेरा, अध्यक्ष, ग्वार गम व उद्योग संघ, बाड़मेर
ञ्चबायो प्रोडक्ट के रूप में मोम, डामर, प्लास्टिक बनाने के लिए रॉ मेटेरियल उपलब्ध होने से औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ेगा। बनने वाले नए औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने पर प्लानिंग की जा रही है।
वीरचंद वडेरा, अध्यक्ष, मंडी व्यापार संघ, बाड़मेर
कौन से उद्योग पनपेंगे
रिफाइनरी की स्थापना के बाद क्षेत्र में बायोप्रोडक्ट्स से बिटुमिन्स प्रोसेस, कोलतार, रंग, रसायन, ग्रीस, एरोसाल, इथर, एनसलेरी सहायक उद्योग, मोम, डामर, मिथेन गैस, ईथेन आधारित प्लांट, बोरिंग, मशीनरी प्लांट, मशीनरी रिपेयरिंग इकाइयां पनपेगी।
25 किमी में होगा विकास
रिफाइनरी एक्सपर्ट लोगों का मानना है कि रिफाइनरी स्थल से 25 किमी की दूरी तक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकती है। रिफाइनरी नजदीक होने से कच्चा माल परिवहन में आसानी होगी। इससे उद्यमियों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
एक्सपर्ट व्यू
ञ्चरिफाइनरी की स्थापना के बाद बायोप्रोडक्ट्स इथर, कोलतार, मोम, रंग, रसायन आधारित बड़ी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से जिले का विकास हो सकेगा। मशीनरी आधारित इकाइयों की भी स्थापना होगी। इन इकाइयों की स्थापना से हजारों श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।Ó
जगदीश मेहता
बायतु के लीलाणा गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी की स्थापना के बाद रिफायनरी से बनने वाले बाय प्रोड्क्टस से जिले का महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास होगा। तेल रिफाइन के बाद निकलने वाले अवशेष से बिट्टूमीन व अन्य रसायन से बड़ी इकाइयां लगाई जा सकेगी। इससे क्षेत्र के उद्यमियों को नए उद्योगों से जुडऩे का मौका मिल सकेगा। जिले में हजारों श्रमिकों को रोजगार मुहैया होगा। वहीं राज्य सरकार को भी इंडस्ट्रीज व अन्य छोटे-मोटे उद्योगों के जरिए टैक्स के रूप में करोड़ों रुपए की रेवेन्यू मिलेगी।
जिले में रिफाइनरी की स्थापना को लेकर क्षेत्र के लोगों ने अभी से सपने संजोने प्रारंभ कर दिए हैं। तेल रिफाइन के बाद बाय प्रोडक्ट्स से माल तैयार करने के लिए उद्योग लगाना क्षेत्र के उद्यमियों के लिए नया अनुभव होगा। जिले के उद्यमी इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने में जुटे हुए हैं। क्षेत्र के उद्यमियों का मानना है कि रिफाइनरी लगने के बाद कम से कम 25 किमी के दायरे में औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। नया इंडस्ट्रीयल एरिया बनने के साथ ही अंतर राष्ट्रीय स्तर के उद्योगों से जुडऩे का मौका मिलेगा। जिले को अंतर राष्ट्रीय बाजार मिलेगा: रिफाइनरी के बाय प्रोडक्टस से तैयार उत्पादों को बिक्री को लेकर बाड़मेर में अंतर राष्ट्रीय मार्केट तैयार होगा। यहां बने प्रोडक्टस को राज्य के साथ- साथ देश के अन्य हिस्सों में भी बिक्री के लिए बाजार मिलेगा।
इस क्षेत्र में भी हो सकेगा विस्तार: रिफाइनरी की स्थापना से औद्योगिक विकास के साथ स्थानीय स्तर पर विशाल बाजार भी तैयार होगा। बाहरी श्रमिकों को भी यहां रोजगार मिलने से लोकल बिक्री की डिमांड बढ़ेगी। नई -नई आवासीय कॉलोनियां विकसित होगी। होटल्स निर्माण के साथ ही छोटे-मोटे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
उद्यमी संभावनाएं तलाशने में जुटे
ञ्चरिफाइनरी की स्थापना से जिले का अभूतपूर्व विकास होगा। मोटे तौर पर बायप्रोडक्टस से बिटुमिन्स, एनसलेरी सहायक उद्योग, रसायन आधारित बड़ी इकाइयों की स्थापना हो सकेगी। वहीं मशीनरी प्लांट, मशीनरी रिपेयरिंग के उद्योग भी पनप सकेंगे। नई हाऊसिंग कॉलोनियों का भी विकास होगा। रोजमर्रा की वस्तुओं की भी डिमांड बढऩे से नए मार्केट की स्थापना होगी, वहीं होटल निर्माण में तेजी आएगी।
ओ पी गोस्वामी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, बाड़मेर
ञ्चरिफाइनरी की स्थापना से नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। बायो प्रोडक्ट्स से प्रारंभ होने वाले उद्योगों की स्थापना को लेकर क्षेत्र के उद्यमी संभावनाएं तलाशने में जुटे है। औद्योगिक विकास से हर फील्ड का विस्तार होगा। इससे बेरोजगारों को रोजगार के नए नए अवसर मिल सकेंगे।
रतनलाल वडेरा, अध्यक्ष, ग्वार गम व उद्योग संघ, बाड़मेर
ञ्चबायो प्रोडक्ट के रूप में मोम, डामर, प्लास्टिक बनाने के लिए रॉ मेटेरियल उपलब्ध होने से औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ेगा। बनने वाले नए औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने पर प्लानिंग की जा रही है।
वीरचंद वडेरा, अध्यक्ष, मंडी व्यापार संघ, बाड़मेर
कौन से उद्योग पनपेंगे
रिफाइनरी की स्थापना के बाद क्षेत्र में बायोप्रोडक्ट्स से बिटुमिन्स प्रोसेस, कोलतार, रंग, रसायन, ग्रीस, एरोसाल, इथर, एनसलेरी सहायक उद्योग, मोम, डामर, मिथेन गैस, ईथेन आधारित प्लांट, बोरिंग, मशीनरी प्लांट, मशीनरी रिपेयरिंग इकाइयां पनपेगी।
25 किमी में होगा विकास
रिफाइनरी एक्सपर्ट लोगों का मानना है कि रिफाइनरी स्थल से 25 किमी की दूरी तक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकती है। रिफाइनरी नजदीक होने से कच्चा माल परिवहन में आसानी होगी। इससे उद्यमियों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
एक्सपर्ट व्यू
ञ्चरिफाइनरी की स्थापना के बाद बायोप्रोडक्ट्स इथर, कोलतार, मोम, रंग, रसायन आधारित बड़ी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से जिले का विकास हो सकेगा। मशीनरी आधारित इकाइयों की भी स्थापना होगी। इन इकाइयों की स्थापना से हजारों श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।Ó
जगदीश मेहता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें