आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी
राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये हस्ताक्षर अभियान का आगाज
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवी सूची में शामिल कर मान्यता प्रदान करने के लिए राज्य भर में चलाए जा रहे आन्दोलन की कड़ी में गुरूवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कृष्णा संस्था, गु्रप फोर पीपुल्स, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड डवलपमेन्ट सोसायटी के तत्वाधान में राजधानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर के तत्वाधान में हस्ताक्षर अभियान का आगाज राजस्थानी साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर आरम्भ किया गया। 10 मीटर लम्बे बैनर पर बाड़मेर जिले के निवासियों ने उत्साहपूर्वक राजस्थनी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए अपने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद ने कहा कि राजस्थानी भाषा राजस्थान की जननी है। जननी भाषा को मान्यता का ना मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजस्थान भर में राजस्थानी भाषा बोलने वाले आठ से दस करोड़ जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होने कहा कि बाड़मेर में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिये आन्दोलन का अगाज स्पष्ट कर रहा है कि आम राजस्थानी दिल से अपनी मायड़ भाषा को मान्यता दिलाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होने कहा कि आपणों राजस्थान, आपणी राजस्थानी तर्ज पर राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान कराने के लिए सघर्ष ओर तेज किया जाएगा। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्सकार प्रेम प्रकाश व्यास ने कहा कि अपनी मायड़ भाषा को मान्यता प्रदान करने के लिए जन आन्दोलन करना दुःखदायी है। उन्होने कहा कि राजस्थान का गौरव है राजस्थानी भाषा। इस अवसर पर चन्द्रभान सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थानी भाषा मॉ के आंचल से निकलती है। मां के आंचल से निकली मायड़ भाषा को मान्यता मिलना जरूरी है। इस अवसर पर साहित्यकार राजेन्द्र मोहन ने कहा कि जब हमारे घर में शादी विवाह, जन्मोत्सव, पर्व तीज त्यौहार के गीत राजस्थानी में गाए जाते है। राजस्थानी भाषा हमारे हदय में बसी है। राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर के संयोजक रिड़द्यमलसिह दांता ने कहा कि मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता प्रदान करने के लिये पूरा प्रयास किया जाएगा। आन्दोलन को ओर तेज किया जाएगा। समिति सदस्य सुलतानसिह रेडाणा ने कहा कि बाड़मेर जिले के निवासियों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए आयोजित प्रथम चरण हस्ताक्षर अभियान में जो उत्साह दिखाया वो काबिलए-तारिफ है। इस अवसर पर चन्दनसिंह भाटी ने बाड़मेर की जनता से आहवान किया कि राष्ट्रीय कार्यक्रम जनगणना में प्रथम भाषा के रूप में हर व्यक्ति राजस्थानी भाषा को दर्ज कराए। राजस्थानी भाषा एक भाषा ना होकर वृहद संस्कृति है। इस अवसर पर लक्ष्मण वडेरा, उदाराम मेघवाल पूर्व प्रधान, गोरधनसिह राठौड़, गोविन्दसिह राजपुरोहित, विजय कुमार, सहित अभिभावकों, शिक्षकों तथा आमजन ने इस अभियान को भरपूर समर्थन दिया।
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