करोड़पति बीपीएल!
बाड़मेर। अनुसूचित जाति के एक बीपीएल के खाते में एक ही दिन में करीब डेढ़ करोड़ रूपए जमा होने और इस राशि से कई लोगों को भुगतान व व्यवसायिक भूखण्ड की खरीद किए जाने का मामला सामने आया है।
चौहटन के देवपुरा गांव निवासी भगाराम पुत्र चिमाराम मेघवाल का वर्ष 2002 बीपीएल में चयन हुआ। भगाराम की पत्नी के पास गुजारे लायक राशि नहीं होने से वृद्धावस्था पेंशन के 500 रूपए मासिक दिए जा रहे हंै। इसी भगाराम के नाम से वर्ष 2005 में बाड़मेर शहर के निकट दो बीघा जमीन क्रय की गई। लाखों में हुए इस सौदे के बावजूद वह बीपीएल सूची में ही रहा। इतना ही नहीं बाद में इस गरीब ने नगर पालिका में 18 लाख 25 हजार नगद जमा करवा कर इस दो बीघा जमीन का व्यावसायिक में भू उपयोग परिवर्तन करवाया और एक लाख दस हजार रूपए देकर जमीन का पंजीयन कराया।
इसके बाद वर्ष 2010 में बीपीएल भगाराम ने एक करोड़ 43 लाख रूपए में इस व्यावसायिक जमीन का बेचान जोधपुर के एक बिल्डर को किया और यह राशि 23 दिसंबर को उसके खाते में जमा हुई। भगाराम ने इस राशि में से कई लोगों को राशि का भुगतान किया और अब भी उसके खाते में 17 लाख 30 हजार रूपए शेष है।
बीपीएल के इस्तेमाल का आरोप
मैने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है। यह गंभीर मामला है। इस बीपीएल परिवार के नाम का इस्तेमाल किया गया है। प्रभावशाली लोग बाड़मेर में ऎसा कर रहे हंै। इस मामले के पीछे ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्यमंत्री का दामाद है। इसलिए मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और दलितों का इस्तेमाल रूकना चाहिए।
-उदाराम मेघवाल, पूर्व प्रधान, शिव
मैने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है। यह गंभीर मामला है। इस बीपीएल परिवार के नाम का इस्तेमाल किया गया है। प्रभावशाली लोग बाड़मेर में ऎसा कर रहे हंै। इस मामले के पीछे ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्यमंत्री का दामाद है। इसलिए मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और दलितों का इस्तेमाल रूकना चाहिए।
-उदाराम मेघवाल, पूर्व प्रधान, शिव
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