शनिवार, 11 दिसंबर 2010

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गांव का झगड़ा कचहरी नहीं पहुंचे 
 
बाड़मेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण न्यायालय खोलने की शुरूआत कर दी गई है। दस दिन पहले चालीस ग्रामीण न्यायालय प्रारंभ किए गए है। कुल डेढ़ सौ ग्राम न्यायालय खोले जाएंगे। गांव का झगड़ा गांव में ही सुलट जाए इसके लिए यह प्रयास है। कचहरी जाने में समय और धन की बर्बादी होती है और गांव में विवाद बढ़ता है। सांजटा गांव में शुक्रवार को प्रशासन गांवों के संग शिविर का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे गहलोत ने यहां मौजूद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि 28 दिन में लगे प्रशासन गांवो के संग शिविर में सालों के अटके कार्य हाथों हाथ हुए है। 

शिविर में लोक अदालत में हाथों हाथ फैसले होना बड़ा कार्य है। उन्होंने कहा कि पचास हजार शिक्षकों की भर्ती प्रदेश में की जाएगी। बाड़मेर में शिक्षकों के पद ज्यादा रिक्त है,यहां प्राथमिकता से नियुक्ति होगी। बिजली,पानी, बीपीएल को सहायता, सड़क मरम्मत व निर्माण का कार्य प्राथमिकता से करवाया जाएगा। सामाजिक कल्याण योजनाओं पर एक हजार करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हंै। इससे जरूरतमंद को फायदा मिलेगा।
 

पंचायतें सशक्त
गहलोत ने कहा कि पंचायतों के एक लाख तैंतीस हजार प्रतिनिधियों को सशक्त किया गया है। पंचायतों में सभी रिक्त पद भरे जाएंगे और ये प्रतिनिधि पांच विभागों की मॉनीटरिंग करेंगे ताकि लोगों को बेहतर सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि जमाना बदल गया है अब बाड़मेर के लोग अपने आप को बदलें। बच्चों को शिक्षा से जोड़ें और आगे बढ़ाएं। सरकार पूरी मदद कर रही है अब आप लोगों का जागरूक होना जरूरी है।
 

बाड़मेर से विशष लगाव
राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि प्रशासन गांवों के संग शिविर को लेकर मुख्यमंत्री की कार्य योजना तगड़ी है, इससे शिविर सफल हो रहे हंै। रास्तों का विवाद खत्म करने के लिए कानून बनाकर प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ दिया गया है। राजस्व मंत्री ने जिले की समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रयास की बात कही। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्यमंत्री अमीनखां ने कहा कि शिविर गरीब और असहाय लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री की आम आदमी को राहत पहुंचाने की सोच की जितनी तारीफ की जाए कम है। विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री का बाड़मेर से विशेष लगाव है। उन्होंने बाड़मेर लिफ्ट कैनाल, बाड़मेर में ओवरब्रिज और अन्य कई कार्य तत्परता से करवाए है। विधायक ने भूमि अवाप्ति की समस्या, लिफ्ट कैनाल के दूसरे चरण का कार्य तत्परता से करवाने की मांग की। इस मौके पर नागौर सांसद ज्योति मिर्घा, विधायक पदमाराम मेघवाल, प्रधान सोहनलाल भांभू, सरपंच बन्नूदेवी, जिला परिषद सदस्य दीपाराम चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
 

मुख्यमंत्री ने पूछा "गोत कौन लगाता है?"
बाड़मेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिविर के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान तसल्ली से सारी प्रगति को टटोला।
 
मुख्यमंत्री ने शिविर में पहुंचते ही पहले सभी काउंटर पर पहुंचकर प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने पेंशन के लिए पीपीओ दूसरे दिन जारी होने की बात सामने आने पर जिला कलक्टर गौरव गोयल से तत्काल सवाल किया किया कि ऎसा क्यों हो रहा है? जिला कलक्टर ने बिजली व इंटरनेट की समस्या बताई,इस पर मुख्यमंत्री ने उसी दिन पीपीओ जारी करने की बात कही। राजीव गांधी विद्युतिकरण योजना में केवल पांच हजार कनेक्शन होने पर गहलोत ने कहा कि यह प्रगति कमजोर है। मार्च तक काम नहीं हो पाएगा। इसमें गति की जरूरत है,इसके लिए व्यक्तिश: मॉनीटरिंग की जाए।
 

उन्होंने किसी बीपीएल से रूपए लेने वाले को दण्डित करने के निर्देश दिए। शिक्षा अधिकारियों से कहा कि यहां विद्यालय छोड़ने वाले बच्चे ज्यादा है,ऎसा क्यों है? बच्चे विद्यालय नहीं छोड़े यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी। वन विभाग के उपवन संरक्षक से सवाल किया कि जिले में पॉलीथिन की रोकथाम हो रही है या नहीं? इस पर डीएफओ से स्पष्ट जवाब देते नहीं बना।
 

जिला कलक्टर गौरव गोयल व उपखण्ड अधिकारी गुड़ामालानी सी एल देवासी ने तत्काल बात को संभाल लिया। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने प्रगति की जानकारी पूछने से पहले ही सवाल किया कि एडवांस टीम आती है या फिर आज ही आए हों। शिविर में एडवांस टीम भेजने के निर्देश दिए। डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि 16 कृषि कनेक्शन बकाया है तो गहलोत ने कहा कि ये बकाया नहीं रहने चाहिए। गहलोत ने राजस्व से संबंधित अधिकारियों से भी सवाल कर प्रगति की जानकारी ली।
 

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