शुक्रवार, 21 मई 2010

BARMER NEWS TRACK

Googleइंडियन आइडल-5’ में दिल जीता बाड़मेर के स्वरूप खान ने
बाड़मेर के बईया के रहने वाले स्वरूप खान की संगीत के प्रति दीवानगी देखने लायक है। बचपन से ही अपने परिजनों के साथ लोक संगीत में अपने आप को पारंगत करने में जुटा स्वरूप खान आज ‘इंडियन आइडल-5’ के अंतिम 10 प्रतिभागियों में सलेक्ट हो गया है। स्वरूप खान के चयन पर बाड़मेरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।स्थानीय लोक कलाकार पूर्व में भी देश-विदेश में अपनी गायकी का लोहा मनवा चुके हैं। बॉलीवुड व हॉलीवुड में परफॉर्मेंस देने के बाद अब इंडियन आइडल भी लोक कलाकारों की गायकी से अछूता नहीं रहा और स्वरूप खान को अंतिम 16 में जगह मिल गई। अहमदाबाद में ऑडिशन देने के बाद स्वरूप का चयन मुम्बई के लिए हुआ। वहां सात दिन के रिहर्सल के बाद 150 में उसने जगह बनाई। उसके बाद 70 प्रतिभागियों में से सलेक्ट कर उसे अंतिम 40 में लिया गया। स्वरूप ने 40 प्रतिभागियों के ऑडिशन में भी अपनी छाप छोड़ी और 25 प्रतिभागियों में सलेक्ट हुआ। आखिर में उसने अंतिम ऑडिशन में निर्णायकों का दिल जीत कर अंतिम 10 में जगह बनाई।बईया निवासी नियाज खां के 19 वर्षीय पुत्र स्वरूप खान को शुरू से ही गायकी का शौक था। उसने अपने चाचा अनवर खां से यह हुनर सीखा। अनवर खां के साथ स्वरूप खान ने विदेशों में कई प्रोग्राम किए और ख्याति अर्जित की। जैसलमेर के लोक कलाकारों में स्वरूप खान सूफी गायन के जादूगर माने जाते हैं। उनकी गायकी ने निर्णायक अनु मलिक, सुनिधि चौहान व सलीम मर्चेंट को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वरूप खान इससे पूर्व अंग्रेजी फिल्म ‘मिल्क एंड ओपियम’ में मुख्य किरदार निभा चुका है।लोकसंगीतकापरचमस्थानीय मांगणियार कलाकारों ने लोक संस्कृति को संगीत के माध्यम से जीवित रखा है। वे निरंतर लोक संगीत को विख्यात करने में लगे हुए हैं। और तो और, अब यह संगीत इस जाति के लोगों की आजीविका का साधन बन चुका है। नन्हें कलाकारों से लेकर बुजुर्ग कलाकार आज भी शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को भावविभोर कर रहे हैं।स्वरूपकीआवाजमेंदमहै‘गुणसार लोक कला संस्थान’ के अध्यक्ष बक्श खां ने बताया कि स्वरूप की आवाज में दम है और उसकी संगीत के प्रति दीवानगी उसको आगे तक ले जाएगी। वह लोक संगीत के साथ-साथ फिल्मी गीत भी सधे हुए सुरों में गा सकता है। बक्श खां ने बताया कि स्वरूप खां की हौसला अफजाई के लिए संस्थान उसे वोट करने की अपील करेगा
बाड़मेर: पुलिसकर्मी ने पत्नी की हत्या की
बाड़मेर: राजस्‍थान के मरूस्‍थली जिले बाड़मेर के मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन के सरकारी आवास में एक पुलिसकर्मी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस लाइन में घटित इस हत्याकांड से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।बाड़मेर पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष चालके ने बताया कि पुलिस विभाग में कार्यरत सिपाही राणाराम ने गुरुवार प्रातः अपने सरकारी आवास में सो रही पत्नी के सिर पर गैस की टंकी से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। पत्नी की हत्या कर राणाराम ने स्वयं घर से बाहर आकर पड़ोसियों को पत्नी की हत्या के बारे में बताया। इसके बाद पड़ोसियों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी।सूचना मिलने के बाद पुलिस दल ने घटनास्थल पर पहुंच कर आरोपी पुलिसकर्मी को हिरासत में ले लिया। पुलिस के आला अधिकारियों ने घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का मौका मुआयना किया। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। इस संबंध में पुलिस थाना कोतवाली में हत्या का मामला दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी गई है।
जयपुर हाइवे जाम किया
बाड़मेर राजसमंद जिले के ईसरमंड के जंगलों में कथित तौर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बिलाड़ा निवासी तस्कर छोटूराम जाट का शव गुरुवार को यहां पहुंचा। छोटूराम के शव को उसके समर्थकों ने कापरड़ा के मुख्य बस स्टैंड पर ही रोक लिया और करीब डेढ़ घंटे तक जोधपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 112 को जाम कर दिया। आक्रोशित ग्रामीण बाड़मेर जिले के अंतर्गत कल्याणपुर थाना प्रभारी के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर उसे बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारे लगाते रहे। बाद में पुलिस व स्थानीय राजनेताओं की समझाइश और आश्वासन से वे रास्ता खोलने पर राजी हो गए। गौरतलब है कि पुलिस ने छोटूराम जाट के मंगलवार को ईसरमंड के जंगलों में मुठभेड़ में मारे जाने की बात कही थी। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां उसके परिजनों ने यह कहते हुए पोस्टमार्टम करवाने और शव उठाने से मना कर दिया कि छोटूराम के सरेंडर करने के बावजूद पुलिस ने उसे गोली मार दी। बुधवार देर रात तक वे हॉस्पिटल के बाहर धरना देकर बैठे रहे। बाद में राजसमंद एसपी के मुकदमा दर्ज किए जाने की बात कहने पर वे पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव छोटूराम के पैतृक गांव भेज दिया गया।

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