रविवार, 16 जून 2013

थार रेगिस्तान ..जन्हा रेत भी पिघलती हें ..देखिये आश्चर्यजनक दृश्य







थार रेगिस्तान ..जन्हा रेत भी पिघलती हें ..देखिये आश्चर्यजनक दृश्य




बाड़मेर आपने ग्लेशियर से बर्फ पिघलते हुए देखि होगी .आज हम आपको गर्मी में रेत के धोरो को पिघलते हुए दिखाते हें .रेत के विशाल टीब्बे जन्हा सामान्यत शांत और निश्छल अटल रहते हें वहीं गर्मी के मौसम में रेत के धोरें समंदर में बदल जाते हें .सैंड ड्युन्स एक स्थान से दुसरे स्थान पर चले जाते हें .धोरों की रेत मानो पिघलने लगी हो .बेहद खूबसूरत नजारा होता हें .सनसनाती हवाओं के बीच बलखाती बालुई मिटटी नागिन की माफिक एक स्थान से दुसरे स्थान की और चलती हें .ऐसे दृश्य विहंगम होते हें .हालांकि रेगिस्तानी इलाकों में रहने वालो के लिए ये दृश्य आम दिनों की तरह होते हें ,मगर जो लोग इन इलाको से दूर रहते हें उनके लिए ऐसे नज़ारे देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं .


भारत पाकिस्तान की सरहद पर स्थित सीमावर्ती बाड़मेर जिला अपने रेगिस्तानी धोरो की खूबसूरती के कारन विश्व भर में चर्चित हें ,थार क्षेत्र रेगिस्तानी इलाका हें ,भारत के पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के रेगिस्तानी इलाके इसमे शामिल हें .यंहा का रेगिस्तान मौसम के अनुकूल अपने आप को ढाल देते हें .सर्दी के मौसम में बेहद ठंडा हो जा हें यह इलाका .सर्दी जमकर पड़ती हें .कारण धोरों की बालुई रेत जल्दी ठंडी होती हें ,इसी तरह गर्मी के मौसम में रेगिसतानी इलाको में पारा सातवें आसमान पर पहुँच जाता हें .भीषण गर्मी आम आदमी की जान निकाल देती हें .पेंतालिस से अड़तालीस डिग्री का तापमान साते जो .इस मान्यतः रहता ही हें .वहीं धोरों के बीच का तापमान पचास डिग्री से ऊपर चला जाता हें .इस क्षेत्र के गाँव गाँव में यह दृश्य मिल जायेंगे .रेतीले रेगिस्तान की छटा निराली हें .प्रक्रति ने इसमे कई रंग भरे हें जो सिर्फ देखने से तालुक रखते हें .रेत के बहते झरने ,रेत का समंदर .पिघलती रेत ,सनसनाती रेत ,उड़ती रेत आदि कई दृश्य दीखते हें .इस बार हमने इसे अपने कैमरे किया आपके लिए

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