शनिवार, 3 नवंबर 2018

वसुंधरा राजे घिर गई अपने चहेतों में,चौकड़ी ले डूबी राजे को*

*वसुंधरा राजे घिर गई अपने चहेतों में,चौकड़ी ले डूबी राजे को*

*बाड़मेर न्यूज ट्रैक गुजरात चुनाव के बाद से लगातार आपको बता रहा कि वसुंधरा राजे अपने जिन भरोसे के नेताओ पर भाजपा के समानांतर संगठन चला रही है वो ही उनके साथ धोखा करेंगे। यह भी बताया था कि वसुंधरा राजे के ही विश्वशनीय मंत्री उन्हें हराने में लगे है। अब यह बात स्पस्ट हो गई। वसुंधरा राजे ने अपने इस कार्यकाल में मंत्रियों और उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहने की बजाय फ़ाइल अपने विश्वशनीय तन्मय कुमार ,या राजेन्द्र राठौड़,यूनुस खान के माध्यम से ही मंगवा के उसका निस्तारण करती रही।ऐसे ही भाजपा विधायकों के कामकाज,सरकार के कामकाज,राजपूतो और राणा राजपूतो की नाराजगी का मामला,आनंदपाल का मामला, सामराउ प्रकरण,मानवेन्द्र सिंह मसला,सहित जितने भी मामले थे सबमे उन्होंने अपनी तरफ से कुछ करने की बजाय उनके विश्वशनीय नेताओ ने जो भी फीड बेक दिया उसी को सच मांन कर आगे की कार्यवाही भी उन्ही पे छोड दी।।विश्वशनीय नेताओ ने वसुंधरा राजे के विश्वास के साथ जो धोखा किया उसका अहसास उन्हें अब हुआ।वही केंद्रीय नेतृत्व भी वसुंधरा राजे पर जो भरोसा किया उन्हें जमीनी हकीकत अब पता चली तो उनकी जमीन खिसक गई।।भाजपा के बुरी स्थति के लिए खुद वसुंधरा राजे जिम्मेदार है।।उनके विश्वशनीय नेताओ ने जिन जिन को जिताऊ और लोकप्रिय उम्मीदवार बताया उनके सिंगल पैनल नाम केंद्रीय संगठन को भेज दिए।जब यह सूची अमित शाह के पास पहुंची और उन्होंने अपने स्तर पर करवाये गए लगभग चार सर्वे रिपोर्ट से उन नामो को टेली किया तो वसुंधरा राजे की 90 की सूची में दस बारह नामो को छोड़ शेष बुरी तरह हारने वाले नाम थे। अमित शाह को यह सूची नागवार गुजरी।।उन्होंने उस सूची को तत्काल रोक नए नाम मांगे। अब हो सकता  अमित शाह के द्वारा करवाये सर्वे में जो नाम जिताऊ उम्मीदवार के रूप में आये है उन्ही पर मोहर लगे।।हमने पहले भी बताया कि वसुंधरा राजे के विश्वशनीय चौकड़ी ने उन्हें लगातार गलत फीडबैक दिया ।जिस पर वसुंधरा राजे ने विश्वास कर लिया। अब हालात बिगड़ गए भाजपा के। कई विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरों की तलाश शुरू हो गई।।दीपावली तक अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत और चंद्रशेखर के साथ नामो पर मोहर लगा सकते है। अमित शाह ने वीटो पावर अपने हाथ मे ले लिए।जोधपुर संभाग में भाजपा को चार सीट और बीकानेर में भी तीन चार सीट पर ही जीत की संभावना बताई सर्वे में। अमित शाह ने हालात काबू करने के लिए गजेंद सिंह शेखवत को बीकानेर भेजने का निर्णय लिया।।बीकानेर में भाजपा की स्थिति और बुरी है।सबसे सुरक्षित सिध्दि कुमारी भी चुनाव हारने वालो के सर्वे सूची में है।।देवी सिंह भाटी ने स्थतिया भांप खुद चुनाव लड़ने की बजाय अपनी पुत्र वधु को मैदान में उतारने की तैयारी में लगे है।।जोधपुर संभाग में भाजपा को एक एक् सीट पाली,जोधपुर,जालोर में मिलने की संभावना बताई।।खैर वसुंधरा राजे के वजीरों में उनके साथ ही गेम खेल दिया।।।

बाड़मेर। पेपर लीक प्रकरण को उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा को पुलिस ने सार्वजनिक स्थान से धक्का-मुक्की कर लिया हिरासत में, पत्रकारों में भारी रोष ,सीएमओ ने लिया प्रसंज्ञान

बाड़मेर। पेपर लीक प्रकरण को उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा को पुलिस ने सार्वजनिक स्थान से धक्का-मुक्की कर लिया हिरासत में, पत्रकारों में भारी रोष ,सीएमओ ने लिया प्रसंज्ञान




बाड़मेर। बाड़मेर पुलिस ने पेपर लीक प्रकरण के मामले में मनमानी व द्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए प्रकरण को उजागर करने वाले जिले के वरिष्ठ पत्रकार प्रेमदान देथा शुक्रवार को सार्वजनिक स्थान से धक्का-मुक्की कर लिया हिरासत में ले लिया। जिसके बाद से ही बाड़मेर पुलिस के प्रति पत्रकारों में रोष व्यापत है। मीडिया ने सदर थानाधिकारी से पत्रकार को हिरासत में लेने की वजह पूछी गई तो उन्हें 'पेपर लीक होने का मामला' बताते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया। वहीं पत्रकार को एविडेन्स के रूप में हिरासत में लेने की बात कही।






अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए पत्रकार को लिया हिरासत मे

दरअसल, गुरुवार को बाड़मेर जिले भर मे 17 परीक्षा केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी अध्यापको के लिए हिन्दी विषय की परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसका पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसी मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार ने इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर पेपर लीक होने की खबर चलाई थी वहीं पेपर लीक होने की सूचना बाड़मेर जिला प्रशासन को भी दी थी। जिसके आरपीएससी ने बाड़मेर जिला प्रशासन को शाम तक पेपर लीक के संबंध मे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये थे। पेपर लीक के मामले मे अपराधियों को ढूंंढने मे बाड़मेर पुलिस नाकामयाब रही और पत्रकार प्रेमदान को हिरासत मे ले लिया और सोर्स बताने की बात कही गई। प्रेमदान देथा ने बताया कि इससे पूर्व बाड़मेर जिला कलक्टर व एडीएम राकेश कुमार ने उनपर मुकदमा होने की भी धमकी दी। इस तरह की कार्यबाही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है। पुलिस शायद यह भूल गई है कि किसी पत्रकार को किसी समाचार का सूत्र (सोर्स) बताने के लिए बाध्य नही किया जा सकता।



सीएमओ ने लिया प्रसंज्ञान
मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रसंज्ञान लिया है। बाड़मेर पुलिस की इस तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ पुलिस मुख्यालय भी सख्त हो गया।एडीजी क्राइम पीके सिंह ने जोधपुर रेंज के आईजी संजीव नार्जरी को बाड़मेर पुलिस की कार्रवाई की जांच के आदेश दिए हैं। पेपर लीक प्रकरण में अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस की ओर से की गई। इस मनमानी कार्रवाई की चौतरफा कड़ी निंदा होने के बाद पुलिस ने प्रेमदान को कुछ समय बाद रिहा कर दिया।

गुरुवार, 1 नवंबर 2018

*मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में जुटे भाजपाई,मानवेन्द्र के बढ़ते कद ने परेशानी बढ़ाई भाजपा की*

*मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में जुटे भाजपाई,मानवेन्द्र के बढ़ते कद ने परेशानी  बढ़ाई भाजपा की*

*थार की राजीनीति में चुनाव की चौपालें जमने के साथ भावी उम्मीदवारों के चर्चे आम हो रहे है।।मानवेन्द्र सिंह के भाजपा छोड़ने के साथ ही भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही।।भाजपा के पास मानवेन्द्र सिंह के रूप में एक कद्दावर नेता था उनके पार्टी छोड़ने के साथ अब पार्टी में नेतृत्व का संकट आन पड़ा है।

गत चुनाव में भाजपा की दोनो जिलो की सीट पर प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह की पसन्द और उनके रिकमेंड से उतारे थे। मानवेन्द सिंह के कारण ही चौहटन में तरुण कागा, बायतु से कैलाश चौधरी,बाड़मेर से डॉ प्रियंका,सिवाणा से हमीर सिंह ,जेसलमेर से छोटू सिंह मानवेन्द्र की पसन्द थे ।प्रियंका को छोड़ शेष को जिताने में मानवेन्द्र की भूमिका को नकारा नही जा सकता।।आज बदले हालात में दोनो जिलो में भाजपा संगठन बेहद कमजोर है।।पूरे जिले में भाजपा में कोई सर्वमान्य नेता नह है। तन सिंह चौहान तेज़ी से ध्रु तारे की तरह बाड़मेर की राजनीति में छाए थे।वसुंधरा राजे की नजदीकियों के चलते भी चर्चा में थे।। मगर बदले हालात में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर तन सिंह चौहान ने चुनाव रणनीति और चुनावी चौसर से अपने आपको अलग कर दिया।।वसुंधरा राजे जसवंत सिंह के प्रभाव को खत्म कर तन सिंह को उनके स्थान पर प्रभावि बनाने के हर सम्भव  प्रयास किये मगर सफलता नही मिले।उस पर मानवेन्द्र सिंह को को कांग्रेस में आने के बाद जो कद मिला है दोनो जिलो में कांग्रेस्सियो ने जिस तरह मानवेन्द्र को गले लगाया उसने उससे भाजपा की परेशानियां बढ़ गई।।मानवेन्द्र के स्वागत में कांग्रेसियों के साथ स्वाभिमानी सेना और भाजपा के कई नेता खुले में दिखे।।भाजपा अभी टिकटों की उधेड़बुन से बाहर निकल नही पा रही।इधर मानवेन्द्र ने कांग्रेस में अल्प समय मे झंडे गाड़ दिए।।भाजपा मानवेन्द्र सिंह का तोड़ ढूंढने में लगी है।।पूरे संभाग में मानवेन्द्र सिंह के कद का कोई नेता भाजपा को नही मिला तो आखिरकार कोलायत के विधायक देवी सिंह भाटी को तोड़ खोजने की कमान सौंपी है।।।मानवेन्द्र सिंह की स्वाभिमान सेना जिले की सभी सात सीट प्रभावित कर रहे है। यहां तक कि इस बार बायतु चोहटन में जिस उम्मीदवार को मानवेन्द्र समर्थक वोट मिलेंगे वही जीतेगा यह तय है।।जाट राजपूत एकता के जो प्रयास कल हेमाराम चौधरी और मानवेन्द्र सिंह की मुलाकात में दिखे उससे कई नेताओं के पेट मे मरोड़ उठी है। भाजपा में इस वक़्त एक मात्र चेहरा कर्नल सोनाराम है। लेकिन सोनाराम को भाजपा पे और भाजपा को सोनाराम पे भरोसा नही।।सोनाराम को ओसियां टिकट ऑफर करना अविश्वास का बड़ा कारण है।।जेसलमेर में भाजपा के पास चार चेहरे है मगर वर्तमान विधायक छोटू सिंह ,विक्रम सिंह,सांग सिंह,डॉ जालम सिंह भाटी भाजपा के चेहरे है जिनमे से जिताऊ उम्मीदवार विक्रम सिंह को माना जा सकता है। मानवेन्द्र सिंह का कल 36 कौम से जिस कदर समर्थन मिला भाजपा सकते में आ गई।।मानवेन्द्र का तोड़ सिर्फ मानवेन्द्र खुद है जो इस वक़्त भाजपा में नही है।।

*जेसलमेर में मानवेन्द्र सिंह के निवास पर समर्थकों की भारी भीड़,पीकरण में जोरदार स्वागत

*जेसलमेर में मानवेन्द्र सिंह के निवास पर समर्थकों की भारी भीड़,पीकरण में जोरदार स्वागत*

*जेसलमेर कर्नल मानवेन्द्र सिंह के जजेसलमेर स्थूत रावलकोट निवास में आज मिलने वालों का तांता लगा रहा। काँग्रेसस के दिग्गज नेताओं सहित स्वाभिमान कार्यकर्ता,विभिन समाजो के प्रतिनिधियों,भाजपा के कई कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद थे।।उम्मेद सिंह तंवर,जनक सिंह भाटी,सुनीता भाटी,छोटू खान,खट्टन खान,सवाई सिंह देवड़ा,दलपत सिंह सत्तो,मुकेश गज्जा,पर्वत सिंह भाटी पार्षद, मनोहर सिंह कुंडा,स्वरूप सिंह मोढा,जुगत सिंह ,सहित कई लोग उनसे मिलने पहुंचे।।ब्याड में पोकरण के लिए रवाना हुए जेसलमेर से पोकरण पूरे रास्ते उनका जोरदार स्वागत हुअपोकरण में कांग्रेस कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व बिधायक साले मोहम्मद,सांकड़ा प्रधान सहित कांग्रेस के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।।मानवेन्द्र सिंह के साथ चित्रा सिंह थे।।*

*राजस्थान अमित शाह की वसुंधरा राजे की सूची को ना ना* *जयपुर: सीएम राजे की 90 सीटों की सिंगल पैनल सूची देख भड़के अमित शाह*


*राजस्थान अमित शाह की वसुंधरा राजे की सूची को ना ना*

*जयपुर: सीएम राजे की 90 सीटों की सिंगल पैनल सूची देख भड़के अमित शाह*

जयपुर।

राजस्थान की सत्ता में बरक़रार रहने की उम्मीद और सरकार बदलने की परम्परा को ख़त्म करने के मिशन में इन दिनों भाजपा चुनौतीपूर्ण दौर से गुज़र रही है। 200 विधानसभा सीटों पर जिताऊ उम्मीदवार तय करने के लिए सीएम वसुंधरा राजे सहित तमाम आला नेताओं की दिल्ली भागदौड़ भी कुछ ज़्यादा ही होने लगी है। इसी क्रम में बुधवार को सीएम राजे और कुछ नेता प्रदेश में रायशुमारी और कई दौर की बैठकों में तय हुए नामों के पैनल को लेकर आलाकमान पहुंचे। पार्टी सुप्रीमों अमित शाह के साथ इन नेताओं की बैठक में प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने पर कोई नतीजा नहीं निकल सका

सूत्र बताते हैं कि शाह की नाराज़गी खासतौर से प्रदेश नेतृत्व की ओर से करीब 92 सीटों पर तय किये गए सिंगल पैनल को लेकर थी। बताते हैं कि शाह ने इन सीटों पर सिंगल पैनल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि जिन सीटों पर सिंगल नाम तय किये गए वे सीएम राजे के करीबी, भरोसेमंद और समर्थक नेताओं में शुमार हैं।

शाह ने सिंगल पैनल लेने से किया इंकार
राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों को लेकर दिल्ली में बुधवार को अंतिम फैसला नहीं हो सका। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ राज्य के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। इसमें प्रदेश संगठन ने शाह को 92 विधानसभा सीटों पर सिंगल पैनल थमा दिया। यानी इन सीटों पर राज्य इकाई ने अपनी तरफ से प्रत्याशी तय करके शाह को बताए। लेकिन, शाह ने सिंगल पैनल पर इनकार कर दिया।

संगठन ने करीब 39 सीटों पर दो नाम दिए। शेष सीटों पर 3 से 4 नामों का प्रस्ताव रखा गया है। सूत्रों की माने तो तमाम सर्वेक्षण और रायशुमारी के बाद भी बुधवार को 50 से 60 नामों पर आंशिक सहमति बन पाई।

सीएम राजे ने रखा था ये पक्ष
राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह के साथ बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो लोग पार्टी के साथ लंबे समय से जुड़े हैं, उनकी अनदेखी उचित नहीं होगी। वसुंधरा समर्थक उम्मीदवारों की सूची 100 से ज्यादा होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने उस पर विचार करने में असमर्थता जता दी।

रात को जावड़ेकर के घर जुटे
शाह के यहां बैठक खत्म होने के बाद राजस्थान के सभी नेता देर रात तक प्रकाश जावड़ेकर के घर फिर जुटे। यहां नए सिरे से उम्मीदवारों के नाम पर मंथन शुरू हुआ। यह मीटिंग देर रात तक चलती रही।

रवानगी से पहले सीएम की माथुर से चर्चा
इस बीच दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर के घर जाकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद ओम माथुर ने कहा कि अभी तक सभी सीटों को लेकर पार्टी में सहमति नहीं बनी है।