बुधवार, 3 अक्तूबर 2018

जैसलमेर बुजूर्ग बने सलाहकार, युवाओं को दे मौका भाजपा के लिए नया युवा चेहरा रहेगा फायदेमंद

जैसलमेर बुजूर्ग बने सलाहकार, युवाओं को दे मौका

भाजपा के लिए नया युवा चेहरा रहेगा फायदेमंद

भैरूसिंह भाटी तेजपाला

जैसलमेर। युवा, युवा कहकर मात्र युवाओं को लुभाना मात्र ठगने जैसा है। हां अगर चुनाव में भी युवाओं को मौका दे तो फिर बात बनती है। वर्तमान में जिले की परिस्थिति को देखते हुए पूर्व विधायक व विधायक पर दांव खेलना भाजपा को महंगा पड़ सकता है। दोनो नेताओं को जैसलमेर की जनता ने सेवा का मौका दे दिया है और परख भी लिया है। अब उनको युवाओं का सलाहकार बनकर युवा को मौका देना चाहिए। अब युवाओं का गाईड बनकर जिले के चहुंमुखी विकास में भागीदारी बनना चाहिए। पर कुर्सी का मोह नहीं छूट रहा है। दोनों द्वारा वही रटी-रटायी बात सामने की जाती है। जिले के विकास का कोई विजन नहीं, अकाल का दंष झेलने वाले इस अति पिछड़े जिले के लिए कोई विषेष तोहफा नहीं। युवाओं को रोजगार मिले। खनिज, उद्योग, बिजली, पानी, षिक्षा आदि पर बात हो। कुछ नया कर गुजरने की तमन्ना रखने वाला जैसलमेर को तेज तर्रार युवा लीडर की जरूरत है। मात्र एक जमीन आवंटन वो भी कभी नहरी या बारानी की टर्र-टर्र रट कर बैठे है। मजे की बात यह है कि इन कठपुतली नेताओं के कारण जिले की हजारों बीघा जमीन बाहरी लोगों को आवंटन कर दी गई। तब इन नेताओं को किसानों का हक दिखाई नहीं दे रहा था। अब जब चुनाव नजदीक है तो टिकट पाने के लिए कभी बारानी-कभी नहरी भूमि आवंटन की आड़ लेकर किसानों के हक को ढाल बनाया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि धरतीपुत्र की परेषानी व समस्याओं को कोई नहीं सुन रहा है। बस किसानों के नाम पर कुर्सी पाने की लालसा रखने वाले नेताओं को जनता भी मुंह तोड़ जवाब देने के मूड में दिखाई दे रही है। अब मतदाता की भी सोच बहुत ज्यादा बदल चुकी है। मतदाता बहुत ही समझदार है। किसान, मजदूर, बेरोजगार, गांव के गरीब, आर्थिक रूप से पिछड़े व्यक्तियों की उन्नति व उनको आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए मदद करने वाले युवा को इस बार पार्टी को मौका देना चाहिए।

किस्सा कुर्सी का

कुर्सी का मोह छूट नहीं रहा है। कुर्सी पानी की लालसा में पार्टी लाईन को भी दरकिनार कर देते है। सब को अपने स्वार्थ की पड़ी है। उनको बस कुर्सी चाहिए। जनता के सुख-दुःख में भागीदार बनने के बजाय अपनी कुर्सी बचाने व पाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते है। इनका स्वाभिमान, कर्तव्य, संकल्प, गौरव, परोपकारी मन बरसाती मेढ़क की तरह है। जैसे ही चुनाव नजदीक आते है टर्र-टर्र शुरू कर देते है। आखिर चुनाव के समय ही  गौरव, संकल्प और स्वाभिमान क्यों याद आता है, जनता तो पांच साल तक वही रहती है वही रहेगी, उनका गौरव कब आएगा, उनके लिए संकल्प क्यों नही लिया जाता,जनता का भी स्वाभिमान है उनको हर वक्त तार तार किया जाता है उसका क्या?

कर्नल मान्वेन्द्र सिंह जसोल के मारवाड़ में उठे सियासी तुफान से राजस्थान में बन रहे है नए राजनैतिक समीकरण

कर्नल मान्वेन्द्र सिंह जसोल के मारवाड़ में उठे सियासी तुफान से राजस्थान में बन रहे है नए राजनैतिक समीकरण


(शरीफ मोहम्मद खिलजी)

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कहते है राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता, कभी वंसुधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री की ताजपोशी करने वाले जंसवत सिंह जसोल का परिवार आज बीजेपी छोड़ चुका है। राजस्थान में जनसंघ और बीजेपी का कमल खिलाने में राजपूतों का अहम रोल रहा है। पूर्व केन्द्रीय वित्त, विदेश और रक्षा मंत्री जंसवत सिंह जसोल और भूतपूर्व उपराष्ट्रपति एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत राजपूतानें में बीजेपी की रीढ़ की हड्डी रहें। जंसवत सिंह जसोल की केन्द्रीय भूमिका रही, वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हमेशा संकटमोचक की भूमिका में रहे। उनकी छवि भी संघ और बीजेपी के नेताओं से विपरीत थी, वे राजपूत समुदाय के साथ छत्तीस कौम में सर्वमान्य रहें।पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जसोल ने अपना अंतिम चुनाव गृहनगर बाडमेर - जैसलमेर से लडने की इच्छा जाहिर की लेकिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे सिंधिया ने जसोल की टिकट कटवाकर कुछ दिनों पूर्व ही कांग्रेस से बीजेपी में आए सोनाराम चौधरी को टिकट दिलवाई।और इसे मुंछों की लडाई घोषित कर जसोल को हराने में पुरा दम लगा दिया। जसोल चुनाव हार गए और इसके साथ ही राजपूतानें के एक मजबूत राजनेता नेता का बीजेपी से पतन होने लगा।
गौर करने वाली बात ये है मुख्यमंत्री वंसुधरा की ताजपोशी करने में जंसवत सिंह जसोल और भैरासिंह शेखावत की मुख्य भूमिका रही। आज दोनों ही परिवारों को सिंधिया ने हाशिए पर डाल रखा है, शेखावत के सगे भतिजे प्रतापसिंह खाचारियावास सींधिया के इरादे भापंकर कई वर्ष पूर्व बीजेपी से कांग्रेस में आए और आज कांग्रेस के स्थापित नेता है, शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी बीजेपी के विधायक जरुर है लेकिन सींधिया ने उन्हें बिल्कुल हाशिए पर डाल रखा है।उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। भैंरोसिंह शैखावत के देहावसान के बाद से ही राजवी हाशिए पर है।कुछ ऐसा ही हाल जंसवत सिंह जसोल के पुत्र शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्र् सिंह जसोल का हुआ। पिछले साढे चार साल में मुख्यमंत्री सिंधिया ने जसोल परिवार को बिल्कुल हाशिए पर डाल रखा था।मानवेंद्र सिंह अपने  पिता जसवंत सिंह बीमार होने की वजह से सक्रिय राजनीति से काफी लंबे वक्त से दूर थे, दूसरी तरफ, विधायक मानवेंद्र सिंह की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ अदावत जारी रही. आलम यह हुआ  कि  कुछ दिनों पूर्व अपनी गौरव यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री राजे ने उनके जिले में जाने के बावजूद उनके विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना मुनासिब नहीं समझा, यह बात मानवेंद्र सिंह को अखर गई।
जसवंत सिंह की हार के बाद भी शिव से विधायक मानवेंद्र सिंह को पार्टी के भीतर या राजस्थान में सरकार के भीतर कोई पद नहीं दिया गया. अपनी उपेक्षा से परेशान मानवेंद्र सिंह की तरफ से मारवाड़ के रण में स्वाभिमान रैली के रूप में कदम उठाया गया। मारवाड़ के रेतीले धोरों में हजारों समर्थकों की उपस्थिति में उन्होंने बीजेपी से नाता तोडऩे का एलान कर दिया। दरअसल मानवेंद्र को पता था कि राजस्थान में राजपूत समुदाय के भीतर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ पहले से ही गुस्सा है. अगर इस समुदाय की मुख्यमंत्री के खिलाफ नाराजगी को भुनाना है तो यह सही वक्त होगा। मानवेंद्र सिंह राजपूत समुदाय के उस गुस्से के प्रतीक के तौर पर अपने-आप को स्थापित कर दिया, मानवेंद्र सिंह को पता है कि वसुंधरा के खिलाफ ताल ठोंक कर इस बार वो समाज के नायक बन सकते हैं।
हालांकि राजपूत समुदाय के भीतर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ नाराजगी कई मुद्दों को लेकर है. सबसे ताजा नाराजगी तो कुछ महीनों पूर्व बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर है. बीजेपी आलाकमान केंद्रीय मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष के पद पर बैठाना चाहता था. लेकिन, मुख्यमंत्री के विरोध करने के चलते ही शेखावत का पत्ता कट गया. राजपूत समुदाय इस बात को भुला नहीं पा रहा है. मुख्यमंत्री के खिलाफ इस पूरे इलाके में काफी गुस्सा है.
इसके अलावा जोधपुर के समरऊ की  घटना को लेकर भी राजपूत समुदाय के भीतर गुस्सा है, आनन्दपाल प्रकरण की आग अभी ठंडी नहीं हुई है। हजारों राजपूत युवाओं पर मुकदमें दर्ज है।चतुर सिंह एनकाउंटर का भी मारवाड़ में काफी असर पडने वाला है।

इस कारण है नाराजगी

वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पहली बार मुख्यमंत्री बनाने में भैरों सिंह शेखावत के साथ-साथ जसवंत सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही,. लेकिन बाद में वसुंधरा राजे ने भैरों सिंह  के साथ ही जसवंत सिंह को तवज्जो देनी कम कर दी थी। केन्द्र की राजनीति में व्यस्त जसवंत सिंह ने इसे अपना अपमान माना। इसके अलावा दोनों के बीच रिश्ते खराब होने का एक और कारण वर्चस्व की लड़ाई भी थी। दोनों के बीच की कड़ुवाहट यहां तक बढ़ गई थी कि वसुंधरा राजे को देवी के रूप में पूजे जाने पर जसवंत सिंह की पत्नी शीतल कंवर ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज करवा दिया था। इसके कुछ ही दिनों बाद जसवंत सिंह ने अपने पैतृक गांव जसोल में रियाण का आयोजन किया। रियाण में एक-दूसरे को रस्म के रूप में अफीम की मनुहार की जाती है। वसुंधरा के इशारे पर पुलिस ने उनके खिलाफ अफीम परोसने का मामला दर्ज कर लिया था। दोनों के बीच तल्ख हुए रिश्तों के बीच कहा जाता इसी आपसी कलह के कारण वसुंधरा राजे ने भी उनका टिकट कटवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2014 के चुनावों में भी उन्हें हराने के लिए वसुंधरा ने खुद को पूरी तरह से बाड़मेर-जैसलमेर में झोंक दिया था और जसवंत को प्रतिष्ठा का सवाल बने चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। चुनाव के थोड़े दिन पश्चात जसवंत बीमार पड़ गए और अभी तक उनकी स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हो पाया है।मारवाड़ क्षेत्र में गौरव यात्रा के दौरान पचपदरा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जोधपुर के राजा गज सिंह एक साथ दिखे थें माना जा रहा है कि जसोल परिवार की बेरुखी की वजह से नाराज राजपूतों को संदेश देने के लिए राजे ने यह दांव खेला था। क्योंकि जोधपुर के महाराजा भी मारवाड़ की राजनीति में राजपूतों पर काफी असर डालते है।


उल्लेखनीय है कि मारवाड़ में जोधपुर संभाग के 6 जिले-बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही की कुल 33 सीट और नागौर जिले की 10 सीटों को मिलाकर कुल 43 विधानसभा क्षेत्र हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे मारवाड़ में पिछले चुनाव में बीजेपी ने 39 सीट जीत कर इस गढ़ को ढहा दिया. कांग्रेस के खाते में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सीट समेत महज तीन सीट आई जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया था।
वर्तमान में राजपूत और उनसे जुड़ी अन्य जातियां बीजेपी से नाराज है। मारवाड़ की कई विधानसभा सीटों पर परिणाम को प्रभावित करने में राजपूतों की बड़ी भूमिका है. साथ ही राजपूतों से जुड़े राजपुरोहित, चारण, प्रजापत और अन्य पिछड़ी जातियां भी कांग्रेस की तरफ रुख करेंगी। राजस्थान में बीजेपी के परंपरागत वोट राजपूतों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर नाराजगी, जसोल परिवार का बीजेपी छोडना और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष न बनाने को लेकर तल्खी और बढ़ गई है.
मारवाड़ क्षेत्र में राजपुरोहित अच्छी संख्या है जो एससी-एसटी एक्ट को लेकर स्थानीय बीजेपी के रुख से नाराज बताए जा रहें हैं. वहीं आनंदपाल के एनकाउंटर की वजह से रावणा राजपूत भी खासा नाराज हैं. इन समुदायों के मानवेंद्र सिंह की रैली में मौजूदगी ने बीजेपी के लिए चिंताजनक है।

जसोल परिवार की मुसलमानों में अच्छी पकड़

मानवेंद्र सिंह के बीजेपी छोडने से कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम वोट भी उसकी तरफ रुख करेंगे. जासोल परिवार का बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के मुसलमानों में अच्छी पकड़ है. इसी वजह से 2014 लोकसभा चुनाव में बाड़मेर सीट पर बीजेपी और जसवंत सिंह में सीधी लड़ाई होने के चलते कांग्रेस तीसरे स्थान पर चली गई थी. बाड़मेर लोकसभा सीट पर 20 प्रतिशत मुस्लिम वोट हैं जो जसोल परिवार के समर्थक हैं. इसकी वजह यह है कि सीमावर्ती जिले में रहने वाले ज्यादातर मुस्लिम परिवारों के पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रिश्ते हैं.
इसलिए इन्हें सिंधी मुस्लिम भी कहते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह हिंगलाज यात्रा के माध्यम से सिंधी मुसलमानों का दर्द समझा था. और उन्हें भारत की तरफ रहने वाले रिश्तेदारों से जोड़ने के लिए थार एक्सप्रेस भी चलवाई. जिसकी वजह से इस क्षेत्र के मुस्लिमों पर जसोल परिवार का खासा प्रभाव है।
राजस्थान के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मानवेंद्र के इस कदम से कभी कांग्रेस का गढ़ रहे मारवाड़ में उसको फायदा होगा. क्योंकि राजपूत, मुस्लिम और उनसे जुड़े अन्य समुदाय कांग्रेस के साथ आएंगे।
मानवेंद्र सिंह की स्वाभिमान रैली में साफ हो गया कि बाड़मेर की राजनीति का ऊंट कांग्रेस की तरफ बैठने वाले है. मानवेंद्र के समर्थन में बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, सिरोही, पाली और जोधपुर के राजपूत नेताओं  के साथ जसवंत सिंह और मानवेंद्र सिंह का बरसों से साथ निभा रही जातियों के नेता एक जाजम पर इकट्ठा हुए।  मानवेंद्र ने स्वाभिमान रैली के जरिये अपनी नई राजनीतिक पारी का आगाज कर खुद के साथ हुई नाइंसाफी का बदला लेने की तैयारी शुरू कर दी। आज बाडमेर सियासत का रणक्षेत्र  बन चुका है। मानवेंद्र की हुंकार से राज्य में राजनैतिक समीकरण बदल रहे है।

पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों की धरती पर सियासी तूफान की आहट साफ सुनाई पड़ रही है. वहां राजनीति का मिजाज गर्म है और नेताओं के तेवर तीखे हो चुके है। विधानसभा चुनाव से पहले ही बाड़मेर राजनीति का चर्चित युद्ध क्षेत्र बनकर उभरा है. यहां धर्म के साथ जाति चुनाव में एक बार फिर बड़ा मुद्दा होगा. क्षेत्रीय अस्मिता के साथ नेताओं से जनता के रिश्ते भी कसौटी पर होंगे. एक दल से दूसरे दल में नेताओं की आवाजाही से रेगिस्तान में जबरदस्त सियासी घमासान की संभावनाएं हैं।



शरीफ मोहम्मद खिलजी
(लेखक युवा राजनैतिक विश्लेषक है)

धोरीमन्ना बाड़मेर बिवाहित दो मासूमो के साथ कुएं में कूदी, खुद बची,मासूमो की मौत

धोरीमन्ना बाड़मेर बिवाहित दो मासूमो के साथ कुएं में कूदी, खुद बची,मासूमो की मौत


दो मासूमों के साथ कुएं में कूदी विवाहिता
पानी में डूबने से दोनों मासूमों की मौत
विवाहिता को बचाया, गंभीर हालत में पहुंचाया अस्पताल
सांचौर के निजी अस्पताल में चल रहा है इलाज
धोरीमन्ना पुलिस पहुंची मौके पर
थाना क्षेत्र के आलेटी गांव का मामला

खिलाड़ियों के साथ धोखा प्रतिभाशाली खिलाड़ी कुछ समय के लिये पर सरकार के लिये नही

खिलाड़ियों के साथ धोखा

प्रतिभाशाली खिलाड़ी कुछ समय के लिये पर सरकार के लिये नही

जयपुर। कांस्टेबल भर्ती में खेल कोटे में चल रही गड़बड़ जालो के चलते प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन नही हो पा रहा है क्योंकि किसी ना किसी नियम का हवाला देकर भर्ती को पूरी की जा रही है। खिलाड़ियों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि  हम खिलाड़ियों को न्याय मिलनी चाहिए। ओर हमें मिली हुई नोकरी हमारे हाथ से जा रही हमारी सालों की मेहनत खराब जा रही है और कहा कि नोटिफिकेशन में यह सब नही बताया और अब अलग-अलग नियमो का हवाला देकर हमे मिले पुरस्कारो का भी अपमान किया जा रहा है। वही खिलाड़ियों ने अपना आक्रोश मुख्यमंत्री पर जताया।

राजस्थान में खिलाड़ियों के साथ धोखा कैसे आगे बढ़ेगे खिलाड़ी-
खिलाड़ी मानसिक एवं समय के अभाव में तैयारी भी ठीक से नही कर पा रहे है। अब इस धांधली के चलते खिलाड़ीयों का अपने राज्य और देश के लिए पदक जीतने का सपना पूरा कैसे होगा। इसी के मामले की गंभीरता से जांच के लिये मुख्यमंत्री राजे और खेलमंत्री कर्नल राज्यवर्धन को अवगत कराने का फैसला किया। जिससे जिन खिलाड़ियों की वजह से सरकार में वा-वाही लूटते है देखे वो खिलाड़ियों के प्रति कितने सचेत है।

खिलाड़ी अपना हुनर दिखाये या काटते रहे चक्कर-
मुख्यालय की लापरवाही के चलते खिलाड़ी परेशानी झेल रहे है। खिलाड़ियों ने बताया कि हमने राष्ट्रीय खेलो में कई मेडल जीते है पर यहां इस भर्ती में धांधली हो रही है। हम जैसो को भर्ती से दूर रखा जा रहा है और भर्ती में मनमर्जी की जा रही है परन्तु हम चुप नही बैठेगे। हम खिलाड़ी सालों से मेहनत करके मेडल जीतते है और ज्यादातर खिलाड़ी गरीब परिवार से होते है फिर वो अपने देश के लिए पदक जीतने के लिए दिन-रात एक करते है और बदलें में उनके साथ ही दोखा हो रहा है। जिससे मायूस खिलाड़ी वर्ग आगे नही बढ़ पा रहे है। खिलाड़ियों ने इतना तक कहा है कि हम लोगो को समय पे डाइट भी नही मिल पाती है। हमे जॉब मिल जाती है तो हम लोगो की ये समस्या दूर हो जाती है। इस के चलते हम ओर अधिक मेडल अपने राज्य ओर अपने देश के जीत पाएंगे। खिलाड़ियों ने बताया कि हमे ये बता देते की उस जिले में इतनी पोस्ट है ओर उस जिले में कितनी पोस्ट है तो हम दूसरा जिला लगा देते, जहाँ से हमारा हो सकता था। अदर जिले की पोस्ट खाली जा रही है क्यों कि किसीने वहां से फॉर्म ही नही भरा क्यों कि विज्ञप्ति में ऐसा कुछ नही दे रखा था। हमने जयपुर इसलिए लगाया कि राजस्थान का सबसे बड़ा स्टेडियम जयपुर में है और हमे प्रैक्टिस करने में आसानी होगी इस लिए ज्यादातर खिलाड़ियों ने जयपुर जिला भरा। कुल 260 पोस्ट थी ओर सलेक्ट 146 को किया था उनमे से भी अधिकतर खिलाड़ी बहार हो गए है विज्ञप्ति जिले मेरिट के बारे में कुछ नही दे रखा था सभी गमो में पोस्ट विभाजित कर रखी थी उनको भी पूरा नही भरा जा रहा है स्टेट लेवल की स्पोर्ट्स की वेकेशन थी डिस्टिक लेवल पे मेरिट निकालनी ही नही थी। सभी खिलाड़ियों आज एस एम स्टेडियम भी गए ओर पुलिस हेड क्वाटर भी गये पर इनकी किसी ने नही सुनी जब राज्य ओर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की ही कोई नही सुन रहा तो आम लोगों की तो कोन सुनेगा।

*IPS ने पुलिस महानिदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया

*IPS ने पुलिस महानिदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया*

जयपुर/  प्रदेश  के चर्चित बहुचर्चित अनेकों विवादों से सामना कर चुके
IPS पंकज चौधरी ने शिप्रापथ थाने मे अपने ही आला मुखिया पुलिस महानिदेशक ओ पी महरोत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी हे . श्री चौधरी ने
महानिदेशक के साथ हनुमानगढ़ के पाँच जाँच अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवायी हे . IPS पंकज चौधरी के अनुसार महानिदेशक की शह व षड्यंत्र के तहत उनकी पत्नी मुकुल चौधरी के खिलाफ बेबुनियाद तरिके से गिरफ़्तारी वारंट जारी करवाये हे . मुकुल की छवि धूमिल करने की नियत से सरकार के दबाव मे आकर फ़र्ज़ी तरिके से उनकी पत्नी को गिरफ्तार करना चाहती हे पुलिस . श्री चौधरी ने कहा उनकी पत्नी मुकुल चौधरी झालरापाटन से मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हे सरकार इसी से बौखला कर उनकी पत्नी को बदनाम करने की नियत से फ़र्ज़ी रपट दर्ज कर उन्है गिरफ्तार करना चाहती हे .
अब देखना यह हे कि आखिर शिप्रापथ पुलिस अपने महानिदेशक के खिलाफ कार्यवाही करती हे या मामले को रफादफा ❓
पंकज चौधरी बहुत ही ज़िद्दी व बोल्ड IPS माने जाते हे वह कहते हे न्याय के लिए वह अन्तिम छोर तक लड़ाई लड़ेंगे ओर सच को जनता के सामने लाकर रहेंगे

चित्तौडगढ युवक की आंखे निकाल निर्मम हत्या,लोगो मे आक्रोश

चित्तौडगढ युवक की आंखे निकाल निर्मम हत्या,लोगो मे आक्रोश

अज्ञात बदमाषो द्वारा युवक की आखे निकाल कर निर्मम हत्या कर लाष को कुए डाले के मामले मे। ग्रामीणो बाजार बंद रख किया प्रदर्षन, आरोपी की गिरफतारी की कर रहे थे मांग जिला प्रषासन के आष्वासन पर आज दूसरे दिन खुलें रहे बाजार , चप्पे चप्पे पर पुलिस बल रहा तैनात । घटना के 48 घण्टे बित जाने के बाद भी  पुलिस के हाथ खाली । पुलिस द्वारा सादलखेडा गाव मे सर्च आपरेषन चलाकर किय हत्यार बरामद । आर्म्स एक्ट मे एक को किया गिरफतार  न्यायायीक अभिरक्षा मे भेजा ।
वीओ
चित्तौडगढ जिले के निकुम्भ थाना क्षेत्र के सादलखेडा निवासी  आदिल नाम के व्यक्ति के कुए मे पानी के उपर एक लाश तैरती नजर आई जिस पर आसिफ ने निकुम्भ थाने मे जाकर सूचना दी  की, सादलखेडा गाव स्थित उसके खेत पर बने कुए मे एक लाष तैर रही है। जिस पर निकुम्भ पुलिस घटना स्थल पर पहुची ओर ग्रामीणो की मदद से षव को बाहर निकाला । तो मृत्क की दोनो आखे नही थी । और षरीर पर चोट के निषान भी थे। जिसे प्रथम दृश्टिया यह प्रति हो रहा था। किसी ने उसकी हत्याकर कुऐ मे डाल दिया हो। उसकी पहचान आकोला खेडा निवासी गोपाल गाडरी के रूप मे हुई । पुलिस ने परिजनो को सुचना दी । जिस पर परिजनो ने षव का पीएम करवाने से इनकार कर दिया।परिजनो व ग्रामीणो और बंजरग दल के कार्यकर्ताओ ने खेत मालिक आसिफ पर ही हत्या का आरोप लगाते हुए। उसकी गिरफतारी की मांग करते हुए निकुम्भ चोराहे व आकोलागढ व चिकारडा के बाजारो को बंद करवाकर रास्ता जाम करते हुए दुकानो मे तोड फोड आगजनी करते हुए आरोपी की गिरफतारी की मांग करने लगे। जिस पर निकुम्भ थाना सहित आस पास के थानो से जाप्ता तैनात किया गया । जिला मुख्यालय से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलवाकर तैनात किया गया । घटना की गम्भीरता को देखते हुए, चित्तौडगढ जिला कलेक्टर इन्द्र जित सिह ,पुलिस अधिक्षक मनोज चौधरी , अतिरिक्त पुलिस अधिक्ष विपीन षर्मा भी घटना स्थल पर पहुचे। उग्र भीड को खदेडने के लिये । पुलिस ,द्वारा लाठी चार्ज भी किया। और लोगो से समझाईस की। वही मृत्क के षव का पी एम उदयपुर महाराणा प्रताप चिकित्सालय मे मेडिकल बोर्ड से करवाया । और षव परिजनो को सोपा पुलिस की मौजुदगी मे षव का अन्तिम संस्कार किया गया। घटना दूसरे दिन पुलिस की मोजुदगी मे बाजार खुल रहे । वही दूसरी ओर पुलिस द्वारा सादल खेडा गाव सर्च आवरेषन चलाकर कर गाव से हत्यार बरामद कर आर्मस एक्ट मे एक आरोपी को गिरफतार किया।
वीओ 1
राजु खान ने बताया कि की मेर पिताजी को फंसाया जा रहा है। उन्होन तो स्वय निकुम्भ थाने जाकर पुलिस को सुचना दी थी की मेरे खेत पर बने कुए मे एक लाष तैर रही है। जिसे पर पुलिस को लेकर सादलखेडा स्थित कुए पर पहुच थे। ओर और ग्रामीणो की मदद से षव बाहर निकलवाया था। वह दोषी होते तो पुलिस को नही बताते है। उसने कहा की यह तो एक हादसा है।
वीओ 2
मृत्क के चाचा का लडका यानी भाई राम लाल ने बताया कि मेरा भाई बहुत सीघा था और उसका किसी से कोई विवाद व झगडा भी नही था । व सादलखेडा निवासी आसिफ खाने खेत मे पाती दार था । उसकी की हत्या खेत मालिक ने ही की है। जिसे पुलिस प्रषासन जल्द गिरफतार करे नही तो आने वाले समय मे प्रषासन को मामले को सम्भालन मे पसीन आ जायगा।
वीओ 3
किषन लाल वार्ड पंच आकोला गढ  ने बताया कि गोपाल गायरी के एक पाच साल की बच्ची है। और एक बुढा बाप है। और बुढा दादा है। और उसकी बुढी मां है । सबसे यही सहारा था । जिसकी हत्या कर दी गई है।  हम सरकार और प्रषासन से मांग करते है की आरोपी को जल्द से जल्द गिरफतार कर आरोपी को कडी से कडी सजा दिलाई जाये। और उसके परिवार को सरकार आर्थिक सहायता दी जाये।
वीओ 4
अरिक्त पुलिस अधिक्षक विपीन षर्मा ने बताया कि चित्तौडगढ जिलें के निकुम्भ थाना क्षेत्र के सादल खेडा गाव मे असिफ के खेत पर बने कुए मे आकोला गढ निवासी गोपाल गायरी की लाष तैरती हुई मिल थी। जिसे पुलिस ने ग्रामीणो की मदद से कुए से बाहर निकाला था। मृत्क गोपाल की दोनो आखे निकल रखी थी ।षरी पर चोटो के निषान थे। जिस पर परिजनो ने खेत माली आसिफ पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए गिरफतारी की मां को लेकर षव का पीएम करवाने से मना कर दिया था। और प्रदर्षन करते हुए गाजार बंद करवा दिये थे और निकुम्भ चोराहे पर आसिफ के बन रहे नये मकान मे आगजनी और तोड फोड कर दी थी जिस पर पुलिस ने भीड को खदेडा और परिजनो व ग्रामीणो से समणई की ओर आरोपीयो की जल्द गिरफतार को आष्वासन दियज्ञं और मृत्क के पिता व भाई की रिर्पोट पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपीयो की तलाष की जा रही है।और मृत्क के षव का उदयपुर मेडिकल बोर्ड से पीएमू करवाकर अतिंम संस्कार कर दिया गया है। और पुलिस ,द्वारा सादल खेडा मे सर्च आपरेषन चलाकर  कर तलवार व हत्यार बरामद करे एक आरोपी को गिरफतार किया है। उसे जेल भेज दिया गया। है आज दिन भर भारी पुलिस बल की तेनाती के बीच निकुम्भ चोराहा , चिकरडा सहित आस पास के गावो और चौराहो पर बाजार खुले रहे ओर लोग आसानी से खरीद दारी करते रहे।
वीओ 5
नारायण लाल मृत्क को दादा ने बताया कि मरे पोते गोपाल को आसिफ ने फोन कर बुलवाया ओर उसकी हत्या कर कुए मे फैक दिया है। मै पुलिस प्रषासन से मांग करता हु की आरोपी को जल्द गिरफतार कर कडी से कडी सजा दिलाई जाये। यह कहते कहते पोते की मौत के दुख से बुढी आखो मे आसु बहने लगे।  

बाड़मेर जेठ द्वारा बहु की हत्या कर स्वयं द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना, घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती


बाड़मेर जेठ द्वारा बहु की हत्या कर स्वयं द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना, घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती
                     

  आज दिनांक 02.10.2018 को वक्त 11.22 एएम पर जरिये टेलिफोन पुलिस थाना सेड़वा पर इत्तला मिली की सरहद सोनडी मे किसनाराम पुत्र सुरजमल जाति विश्नोई नि. भीये की बेरी, सोनडी की पत्नी की सदिग्ध अवस्था मे मृत्यु हो गई है जिस पर थानाधिकारी मय जाब्ता के मौका पर पहुचे। मौका पर एक महिला की लाश उसके घर के बाहर पडी हुई थी गांव के काफी लोग इक्कटे हो रखे थे जानकारी करने पर लाश श्रीमती विरमा देवी पत्नी किशनाराम जाति विश्नोई उम्र 40 साल निवासी भीये की बेरी सोनडी की होना बताया। मृतका के पिता व अन्य परिजन भी मौके पर मिले। जहॉ पर मृतका के पिता श्री भगवानाराम पुत्र नरसीगाराम जाति विश्नोई निवासी भलीसर पुलिस थाना धोरीमना द्वारा एक लिखित रिपोर्ट इस मजमुन की पेश की कि मेरी पुत्री विरमा की शादी आज से करीबन 18 वर्ष पूर्व किशनाराम के साथ की हुई थी। मेरा जवाई किशनाराम मजदुरी करने गुजरात गया हुआ है। मेरी पुत्री विरमा ने रिश्ते मे जेठ लगने वाला नेनाराम पुत्र पुरखाराम विश्नोई भीये की बेरी सोनडी से कुए का पानी बाजरी पीलाने हेतु ले रखा है। आज सुबह मेरे पास फोन आया कि आपकी पुत्री विरमा से मुलजिम नेनाराम बाजरी मे पानी पीलाने की बात को लेकर झगडा कर रहा है। तब मै मेरे साथ रामकिशन पुत्र नरसिगाराम व हरिराम पुत्र विरमाराम गाडी से गांव भीये की बेरी पहुचे तो मेरी पुत्री विरमा की लाश ढाणी के बाहर पडी थी। मेरे दोहिता सुरेश ने मुझे बताया कि आज सुबह मेरी माता विरमा के साथ मुलजिम नेनाराम गाली गलोच कर रहा था कि आज मै तुझे मारे बगैर नही छोडुगा। फिर सुरेश व उसकी बहिन स्कुल चले गये जाने के बाद घर पर मेरा भोला भाला दोहिता संतोष था। तब मुलजिम नेनाराम ने मौका पाकर मेरी पुत्री विरमा के साथ मारपीट कर गला घोट कर हत्या कर दी तथा हत्या करने के बाद मुलजिम पैदल दोडकर अपने खेत मे लगी ट्रांसफारमर डिपी पर चढकर आत्महत्या का प्रयास किया मगर लाईट कटने से बच गया। जिसको इलाज हेतु धोरीमना ले कर गये है। मेरी पुत्री विरमा की हत्या करवाने मे मुलजिम भगवाना राम पुत्र चोथाराम व पांचुदेवी पत्नी नेनाराम का भी हाथ है वगैरा। जिस पर थानाधिकारी सेड़वा द्वारा उच्च अधिकारियो सुचित करने पर वृताधिकारी वृत चौहटन भी घटनास्थल पर पहुॅचे। पुलिस द्वारा मौका की कार्यावाही कर मृतका की लाश का पोस्टमार्टम कर लाश अंतिम सस्कार हेतु प्रार्थी को सुपर्द की गई। परिवादी द्वारा पेश रिपोर्ट पर पुलिस थाना सेड़वा पर प्रकरण संख्या 110 दिनांक 02.10.2018 धारा धारा 302,309,120बी भादसं मे दर्ज कर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। मुलजिम नेनाराम झुलसने से जैर इलाज राजकीय चिकित्साल बाडम़ेर मे भर्ती है  जिसकी कार्यवाही व निगरानी हेतु पुलिस थाना सेड़वा से श्री तनसिह हैडकानि मय जाब्ता को राजकीय चिकित्साल बाडम़ेर मे तैनात किया गया है।


अवैध शराब जब्त करने में सफलता


पुलिस थाना चौहटन :- श्री मुलाराम हैड कानि. पुलिस थाना चौहटन मय पुलिस जाब्ता द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर सरहद कापराउ में मुलजिम देवीसिंह पुत्र राणसिंह जाति राजपूत निवासी हरसाणी के कब्जा से बिना लाईसेन्स 12 बोतल अग्रेजी शराब जब्त कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर म्गबपेम ।बज के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
                                     
                                                                  प

मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

राजस्थान की 'सियासी गद्दी' को लेकर बोले तिवाड़ी

राजस्थान की 'सियासी गद्दी' को लेकर बोले तिवाड़ी

जयपुर ।

राजस्थान में चल रही आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में अब भारत वाहिनी पार्टी भी शामिल हो गई है। प्रदेश में 200 सीटों पर चुनाव लड़ने के आह्वान के साथ ही पार्टी इन दिनों तैयारियों में भी जुट गई है। राजस्थान में भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा है कि प्रदेश में 1952 से ही तीसरी ताकत का वर्चस्व रहा है। रामराज परिषद, स्वतंत्र पार्टी, लोकदल और जनता दल के साथ ही निर्दलियों का भी बोलबाला रहा है।



भारत वाहिनी पार्टी प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में मंगलवार को तिवाड़ी ने उद्देश्यों और भावी योजनाओं पर बात करते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि एकदम से आकर नहीं जीत सकते, लेकिन वे ये भूल जाते हैं कि तृणमूल कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू ने जितनी जल्दी सरकार बनाई, उतना ही जल्दी राजस्थान में भी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो भाजपा का कोर वोट बैंक राजपूत, ब्राह्मण और व्यापारी भाजपा को छोड़कर भारत वाहिनी की ओर मुड़ गया है।



तिवाड़ी ने कहा कि हमारे सबसे बड़े मुद्दे सामाजिक समरसता, आर्थिक न्याय, ऊर्जा स्वाधीनता, किसान को इंसेंटिव, पानी, रोजगार और शिक्षा का रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में द्वेष और वैमनस्यता की जगह नवनिर्माण को अपनाएंगे।


बता दें कि भारतीय जनता पार्टी से लम्बे समय से नाराज़ चल सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पहले बीजेपी से इस्तीफा दे, नई पार्टी भारत वाहिनी बना प्रदेश में चुनावी एेलान कर दिया था। तिवाड़ी ने कई बार राजस्थान में मजबूत तीसरा मोर्चा बनाने की घोषणा भी की थी। तिवाड़ी ने राजस्थान से सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ भारत वाहिनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतारा था।



चुनावी साल में पार्टी मानकर चल रही है कि प्रदेश में सरकार विरोधी माहौल है और चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज लोग उनके साथ आ सकते हैं और इसका फायदा पार्टी को मिलेगा। ऐसे में पार्टी हर क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती है। साथ ही खुद तिवाड़ी पार्टी के प्रचार में भी जुटे हैं। ऐसे में भारत वाहिनी बीजेपी के कई क्षेत्रों की सीटों के लिए खतरा भी पैदा कर सकती है।

4 अक्टूबर को राजस्थान में अमित शाह

4 अक्टूबर को राजस्थान में अमित शाह

झुंझुनूं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चार अक्टूबर को सीकर के दौरे पर रहेंगे।

रेगिस्तान से गुजरात के बनासकांठा के रण तक तेल-गैस खोज के लिए बनेंगे 41 नए ब्लॉक

रेगिस्तान से गुजरात के बनासकांठा के रण तक तेल-गैस खोज के लिए बनेंगे 41 नए ब्लॉक

राजस्थान के रेगिस्तान से गुजरात के बनासकांठा के रण तक 41 नए ब्लॉक में तेल-गैस खोज के लिए केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय, केयर्न और वेदांता ने प्रोफिट कांट्रेक्ट शेयर पर सोमवार को हस्ताक्षर कर दिए हैं। 2021 तक देश में 4 अरब डॉलर के करीब का निवेश वेदांता समूह इस तेल-खोज पर करेगा। इन 41 ब्लॉक में से सर्वाधिक बाड़मेर में दस एवं एक ब्लॉक जैसलमेर में हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल और केयर्न के सीईओ सुधीर माथुर मौजूद रहे।




देश में ५४ नए ब्लॉक आवंटित हुए है इसमें से ४१ वेदांता समूह को मिले हैं। इन पर चार सौ अरब डॉलर का निवेश होगा। बाड़मेर ब्लॉक में अभी २.५० लाख बैरल प्रतिदिन तेल का उत्पादन हो रहा है, २०२१ तक चार लाख बैरल प्रतिदिन का उत्पादन होगा। अनुमानित ३० अरब रुपए का निवेश आने वाले तीन साल में बाड़मेर में होगा।

रिफाइनरी को लेकर तैयार
गौरतलब है कि १६ जनवरी को प्रधानमंत्री ने पचपदरा में राज्य की रिफाइनरी का कार्य शुभारंभ किया था। तब बाड़मेर रिफाइनरी के लिए पांच लाख बैरल तेल की जरूरत की बात कही थी। साथ ही करीब एक लाख करोड़ के कार्य प्रारंभ कर नई तेल खोज का आश्वासन केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने दिया था। रिफाइनरी निर्माण में अभी करीब चार साल लगेंगे। इतने ही समय में तेल खोज का यह कार्य बाड़मेर-जैसलमेर में होगा।

बाड़मेर से बनासकांठा तक
नए ब्लॉक में बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, सांचौर से लेकर गुजरात के बनासकांठा तक तेल का रूट मैप है। यहां तेल-गैस खोज का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।



2021 तक किया जाएगा निवेश
४१ नए ब्लॉक वेदांता को हुए आवंटित
०४ अरब डॉलर देश में होगा निवेश
४१ नए ब्लॉक देश में, १० बाड़मेर को
३० अरब का होगा राज्य में निवेश




राजस्थान सरकार प्रदेश की तेल की प्यास बुझाने के लिए पूर्णजोर से लगी हुई है। बाड़मेर में रिफाइनरी का प्रोजेक्ट का कार्य भी इसलिए शुरू हुआ। राजस्थान सरकार ने तेल खोज के लिए बाड़मेर बेसिन में 500 कुएं खोदने का फैसला जो लिया, यह काम उससे भी जुडा है.

राजस्थान में रोडवेज हड़ताल के बीच कर्मचारी ने किया सुसाइड

राजस्थान में रोडवेज हड़ताल के बीच कर्मचारी ने किया सुसाइड

जयपुर। राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को 16 दिन हो रहे हैं, लेकिन सरकार और हड़ताली कर्मचारियों के बीच गतिरोध ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच राजधानी जयपुर से आई एक खबर ने हड़कंप मचा दिया। दरअसल, रोडवेज के एक रिटायर्ड कर्मचारी ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। रोडवेज हड़ताल के दौरान किसी कर्मचारी के सुसाइड करने का संभवतया ये पहला मामला है।





जानकारी के अनुसार रिटायर रोडवेज कर्मी ने जयपुर के सिविल लाइन्स फाटक के नज़दीक ट्रेन के आगे छलांग लगा डाली। इस दौरान उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रारम्भिक जानकारी में सामने आया है कि रोडवेज का ये रिटायर्ड कर्मचारी रिटारमेंट की राशि नहीं मिलने से परेशान चल रहा था। मृतक की शिनाख्त वीरेंद्र सिंह के तौर पर हुई है। अशोक नगर थाना पुलिस ने फ़िलहाल शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाकर पड़ताल शुरू कर दी है।

सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

जैसलमेर पुलिस थाना सदर द्वारा अवैध खनन परिवहन वालों के खिलाफ कार्यवाही

जैसलमेर
पुलिस थाना सदर द्वारा अवैध खनन परिवहन वालों के खिलाफ कार्यवाही



 पुलिस अधीक्षक जैसलमेर जगदीश चन्द्र शर्मा के आदेशानुसार गोपाललाल शर्मा वृताधिकारी वृत जैसलमेर के निर्देश में  थानाधिकारी पुलिस थाना सदर जैसलमेर कान्तासिह ढिल्लो के नेतृत्व में टीम गठित कर हैड कानि. शैलाराम मय कानि. खीमसिह, गोमसिह व कमलसिह चालक  मय सरकारी वाहन के रवाना होकर हल्का गश्त करता हुआ बरमसर फॉटा पर पहुचॉ तो लाणेला की तरफ से एक ट्रक आरजे 15 जीऐ 4915 आया जिसे रूकवाकर चैक किया तो उसमे अवैध बंजरी भरी हुई पाई गयी तो चालक नखतसिह पुत्र महिंगसिह जाति राजपुत उम्र 29 साल निवासी पन्ना घाटी एरिया रायसर शेरगढ जिला जोधपुर को अवैध बंजरी भरने व परिवहन करने के लाईसेस के बारे मे पुछा तो अपने पास कोई वैध लाईसेस होना नही बताया। जिस पर टीम द्वारा उक्त ट्रक को लेकर थाना पहुचॉ व अवैध बजरी भरने व परिवहन करने पर चालक नखतसिह पुत्र महिंगसिह जाति राजपुत उम्र 29 साल निवासी पन्ना घाटी एरिया रायसर शेरगढ जिला जोधपुर के विरूद्व प्रकरण दर्ज किया गया।

पुलिस थाना सदर द्वारा क्षमता से अधिक सवारियॉ भरने एवं वाहन को लापरवाही से चलाने वाले के खिलाफ कार्यवाही
वाहन में भरे थे 37 यात्री जिसमे 17 बच्चे व 20 महिलाऐ व पुरूष शामिल


        आज दिनाक 1.10.2018 को सुबह इन्दौर के रहने वाले चार परिवार जिसमे 17 बच्चे 20 महिला व पुरूष कुल 37 व्यक्ति एक मैजिक टैम्पो मे सवार होकर तनोट माता मन्दिर दर्शन करने के लिये बरमसर रोड से जा रहे थे तो टैम्पो चड़ाई आने के कारण आगे नही चल के टैम्पो वापस पिछे आने लगा। तो वहॉ खडे लोगो ने टैम्पो के पीछे वाले टायरो पर पत्थर लगाकर रोक लिया वरना 37 यात्रियो की जान खतरे मे पड़ सकती थी इसी दौरान मन् एसएचओ द्वारा मौका पर पहुचकर टैम्पो को सीज कर लिया गया। तथा ड्राईवर को गिरफतार करके उसके खिलाफ 279.337 भादस का प्रकरण दर्ज किया गया।
पुलिस थाना सदर जैसलमेर द्वारा इन्दौर के यात्रियो को नई गाडी करवाकर दर्शन करने हेतु तनोट माता के मन्दिर भेजा
तनोट माता के दर्शन करने जाने वाले इन्दौर के यात्रियो को वहॉ होटल पर रोककर तीन यात्रियो को साथ लेकर हनुमान चौराहा पहुच कर पुलिस द्वारा नई गाडी करवाकर तनोट माता मन्दिर दर्शन के लिये रवाना किया गया। क्षमता से अधिक यात्रि/सवारी भरने पर जिसमे अधिकाश बच्चे हो उन ड्राईवरो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जावेगा।

बाड़मेर कार्य में लापरवाही बरतने पर असाड़ी पटवारी निलंबित

बाड़मेर कार्य में लापरवाही बरतने पर असाड़ी पटवारी निलंबित



बाड़मेर, 01 अक्टूबर। सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने एवं कई अनियमितताएं सामने आने के बाद जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने असाड़ी के पटवारी को निलंबित कर दिया।
जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया असाड़ी में कार्यरत पटवारी पंकज को सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी बंधङा के पटवारी नन्द लाल को अनियमितताएं बरतने पर निलंबित किया गया था।

*वाशप जेसलमेर स्वच्छ जल स्वच्छ भारत कार्यक्रम के लिए महारानी सा रासेश्वरी राज्य लक्ष्मी की आम जन से अपील*

*वाशप जेसलमेर स्वच्छ जल स्वच्छ भारत कार्यक्रम के लिए महारानी सा रासेश्वरी राज्य लक्ष्मी की आम जन से अपील*

जैसलमेर। NDTV और Global Citizen India द्वारा आयोजित गाँधी जयंती के अवसर पर मुझे जैसलमेर में कल 'वाशप जैसलमेर- स्वच्छ जल, स्वच्छ भारत' समारोह में वक्ताओं में से एक होने का विशेषाधिकार मिला है। मैं किले की संस्कृति और विरासत और इसे संरक्षित करने की आवश्यकताओं के बारे में बात करने की आशा करती हूँ। अन्य वक्ताओं, जिनको मैं उत्सुकता से सुनने के लिए तत्पर हूँ, वे है फ़्रेडरीका जो पर्यटन और इस पर स्वच्छता के प्रभाव के बारे में बात करेंगी, मेरे बेटे युवराज चैतन्यराज सिंह जो युवाओं से अपील करने के लिए तत्पर है कि वे किले की सफाई करने के लिए आगे आएं, डॉ दुबे जो हमे स्वास्थ्य के बुरे और भले के बारे में समझायेंगे, संजना मल्होत्रा जो ग्रामीण स्वच्छता और इसमे युवाओं को कैसे शामिल कर सकते हैं और आकांक्षी मंगनियार सलीम खान द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन किया जाएगा। मैं उन विचारों और जानकारी के आदान-प्रदान के बारे में उत्साहित हूँ जो कल होंगे, और मैं आप सब को वहाँ देखने के लिए उत्सुक हूँ।

*बाड़मेर विधानसभा चुनाव तब से अब तक* *राजनीती के कई रंग दिखे बाड़मेर के अब तक के चुनावो में* *सात बार कांग्रेस और सात बार गैर कांग्रेस जीत पाई यह सीट*

*बाड़मेर विधानसभा चुनाव तब से अब तक*

*राजनीती के कई रंग दिखे बाड़मेर के अब तक के चुनावो में*

*सात बार कांग्रेस और सात बार गैर कांग्रेस जीत पाई यह सीट*

चन्दन सिंह भाटी

सरहदी बाड़मेर जिले में विधानसभा चुनाव पहले चुनाव 1952 से आरम्भ हो गए थे। बाड़मेर जिले की राजनीती आज़ादी के बाद हर पांच साल बाद करवटें बदलती रही। कांग्रेस और गैर कांग्रेस के कई बार दिलचस्प मुकाबले हुए। चौदह बार हुए विधानसभा चुनावो में सात बार कांग्रेस और सात बार गैर कांग्रेस फ़तेह हासिल कर चुकी हें। जिसमें विरधी चंद जैन चार बार सर्वाधिक बाड़मेर से विधायक रहे ,वाही तन सिंह महेचा और मेवाराम जैन दो बार गंगा राम चौधरी तीन बार ,रावत उम्मेद सिंह ,तगाराम चौधरी ,पंडित देवदत्त तिवारी , एक एक बार विधायक रहे। जातिगत आंकड़ो की राह पर चली हें बाड़मेर की राजनीती। बाड़मेर विधानसभा चुनावो में अब तक सिर्फ तीन महिलाओ ने चुनाव लड़ा जिसमे किसी को सफलता ना मिली।

*बाड़मेर विधान सभा मे इस बार कुल 2,32,229 मतदाता है जिसमे 1,22,803 पुरुष और 1,09,426 महिला मतदाता है।।इस साल कोई इकतीस हजार मतदाता बढ़े है।।*

*जातिगत आंकड़े:बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ो की बात करे तो करीब 14 हजार राजपूत,24 हजार राणा राजपूत,42 हजार जाट,पैंतीस से चालीस हजार अनुसूचित जाति जनजाति,17 हजार मुसलमान ,12 हजार जैन ,इतने ही ब्राह्मण है।।जाट,मुस्लिम मेघवाल का गठबंधन कांग्रेस को मजबूत बनाता है।।*

*प्रथम चुनाव 1952*

राजस्थान विधान सभा के लिए प्रथम चुनाव चार से चौबीस जनवरी 1952 तक यानि बीस दिन तक चला था। बाड़मेर ऐ विधानसभा क्षेत्र से राम राज्य परिषद् के तन सिंह महेचा ने कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 1655 मतों से हरा पहले विधायक बनाने का इतिहास रच विधानसभा पहुंचे।


*दूसरा विधानसभा चुनाव 1957*


दुसरे चुनावो में बाड़मेर विधानसभा सीट स्वतंत्र रूप से अलग हो चुकी थी। दुसरे चुनावो में राम राज्य परिषद् के तन सिंह महेचा दूसरी बार लगातार मैदान में उतारे तथा कांग्रेस की महिला प्रत्यासी रुख्मानी देवी को हराया। तन सिंह को 9866 ,रुख्मानी देवी को 5507 तथा निर्दलीय अचलाराम को 498 मत मिले। तन सिंह ने 4359 मतों से चुनाव जीता।

*तीसरा चुनाव 1962*

तीसरे विधान सभा के लिए चुनाव उनीस फरवरी को हुआ जिसमे बाड़मेर विधानसभा के 63502 मतदाताओं में से 27813 ने मत डाले ,राम राज्य परिषद् के रावत उम्मेद सिंह को 13254 कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 11936 ,निर्दलीय जोधारण को 1130 मत मिले। इस प्रकार निर्दलीय उम्मेद सिंह विधायक बन विधानसभा पहुंचे

*चौथा चुनाव 1967*

चौथी विधानसभा के लिए हुए चुनावो में कांग्रेस के विरधी चंद जैन ने रावत उम्मेद सिंह को सोलह हज़ार से अधिक मतों से हरा कर विधानसभा पहुंचे


*पांचवा चुनाव 1972*

पांचवी विधान सभा के चुनाव छ मार्च को आयोजित हुए जिसमे बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र के ७९१५० मतदाताओ में से 45765 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमे कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 22141 स्वतंत्र पार्टी के रावत उम्मेदसिंह को 14026 ,अमराराम को 7749 हरिराम को 678 मत मिले इस प्रकार कांग्रेस के विरधी चंद जैन पहली बार 8837 ,मतों से विजयी बन कर विधायक बने

*छठा चुनाव 1977*

छठी विधानसभा के लिए इकतीस जून को चुनाव हुए जिसमे बाड़मेर के 80908 मतदाताओं में से 46703 मतदाताओ ने 96 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले। इन चुनावो में कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 26729 जनता पार्टी के रावत उमेदसिंह को 17892 कवेंद्र कुमार को 1168 मत मिले। विरधी चंद तिसरी बार 8837 मतो से जीत कर विधायक बने

*सातवाँ चुनाव 1980*


सातवी विधानसभा के लिए इकतीस मई को चुनाव हुए जिसमे बाड़मेर के 93773 मतदाताओ में से 54848 मतदाताओ ने 111 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले इन चुनावो में कांग्रेस ने पंडित देव दत्त तिवाड़ी को मैदान में उतारा तो भाजपा ने पहली बार अपना उम्मीदवार रतन लाल बोहरा को उतरा। इन चुनावो में पंडित को 23320 रतनलाल को 15682 पुनमचंद को 5058 अग्रेन्द्र कुमार को 116 मत मिले। कांग्रेस के देव डट तिवाड़ी 7638 मतो से विजयी रहे


*आठवां चुनाव 1985*

आठवीं विधानसभा चुनावो के लिए पांच मार्च को वोट पड़े जिसमे बाड़मेर के 118871 मतदाताओ में से 63098 मतदाताओ ने 143 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले। इन चुनावो में लोकदल के गंगाराम चौधरी को 29134 ,कांग्रेस के रिखबदास जैन को 25718 अग्रेन्द्र कुमार को 2311 द्वारकेश को 1984 सफी को 1052 मोहम्मद अयूब को 344 और अन्य सात उम्मीदवारों को तिहाई अंको में तीन सौ और उससे कम मत मिले। इन चुनावो में लोकदल के गंगाराम ने 3416 मतों से विजय हासिल की


*नवा चुनाव 1990*

नवी विधानसभा के गठन के लिए राजस्थान में सत्ताईस फरवरी को चुनाव रखे गए ,इन चुनावो में बाड़मेर के 141885 मतदाताओ में से 78285 मतदाताओ ने 162 मतदान केंडो पर वोट डाले। इन चुनावो में रिकार्ड तेबिस उम्मीदवार मैदान में थे ,जिनमे जनता दल के गंगाराम चौधरी को 34371 कांग्रेस के हेमाराम चौधरी को 21363 हरी सिंह राठोड को 15062 मत मिले शेष उम्मीदवारों को चार सौ से कम मत मिले। गंगाराम ने यह चुनाव 13008 मतों से जीता


*दशवाँ चुनाव 1995*

 दशवीं विधानसभा के लिए राजस्थान में हुए चुनावो में बाड़मेर के 151091 मतदाताओ में से 82888 मतदाताओ ने भाग लिया। १७० मतदान केन्द्रों पर वोट पड़े। इन चुनावो में उनीस उम्मीदवार मैडम में उतरे जिसमे भाजपा समर्थित निर्दलीय गंगाराम चौधरी को 36578 कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 33101 मत मिले। निर्दलीय फुसाराम को 8335 अन्य उन्न्निद्वारो को सात सौ और उससे कम मत मिले। गंगाराम ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीत तिकड़ी बनाई ,विशेषता रही की तीनो चुनाव अलग अलद दलों से लड़े


*ग्याहरवी विधानसभा चुनाव 1998*


ग्यारहवी विधानसभा के लिए हुए मध्यावधि चुनाव पच्चीस नवम्बर को हुए जिसमे बाड़मेर के 168541 मतदाताओ में से 100994 मतदाताओ ने वोट डाले। २७४ मतदान केन्द्रों पर पड़े मतों में कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 66616 भाजपा के तगाराम चौधरी को 33005 मत मिले सीधे मुकाबले में विरधी चंद जैन को 33111 मतो से जीत हासिल हुई।


*बहरावी विधानसभा 2003*

बहरावी विधानसभा के लिए एक दिसंबर को चुनाव हुए जिसमे बाड़मेर के 193536 मतदाताओ में से 119036 मतदाताओ ने मत डाले जिसमे भाजपा के तगाराम को 65780 कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 35252 इनेलो के उम्मेदाराम को 7528 मत श्रवण चन्देल को 5156 मत राजेंद्र को 2436 नानक दास को 1456 पप्पू देवी को 1029 मत मिले। इस प्रकार भाजपा के तगाराम में पिछली हार का बदला लेते हुए विस्धि चंद जैन को 30523 मतो से हराया


*तेरहवी विधानसभा 2008*

तेरहवीं विधानसभा के लिए चार दिसंबर को मतदान हुआ जिसमे बाड़मेर के 180127 मतदाताओ में से 118085 मत पड़े। इन चुनावो में कांग्रेस के मेवाराम जैन को 62219 भाजपा की मृदुरेखा चौधरी को 38125 बसपा के कंवराज सिंह को 6908 लूनाराम को 3626 सवाई सिंह को 2945 सफी मोहम्मद को 1796 ,हरखाराम मेघवाल को 1703 नानकदास को 1666 मत मिले। कांग्रेस के मेवाराम जैन 24044 मतों से विजयी रहे।।

*चौदहवी विधान सभा चुनाव 2013

बाड़मेर. विधानसभा क्षेत्र में बीएसपी के चंद्रप्रकाश को 1921, सीपीआई के नानकदास धारीवाल को 1557, भाजपा की डॉ. प्रियंका चौधरी को 58042, कांग्रेस के मेवाराम जैन को 63955, बीवाईएस के मदन मोहन को 2249, जागो पार्टी के लालचन्द गोदारा को 684, शिव सेना के हुक्मीचंद लूणिया को 443, निर्दलीय बन्नाराम दर्जी को 595, भवानीसिंह को 1059, डॉ. मृदुरेखा चौधरी को 19518, शंकरलाल को 2279, सफी मोहम्मद को 2221 तथा हरीश चंडक 1412 मत मिले.इस प्रकार लगातार दूसरी बार कांग्रेस के मेवाराम जैन जीतने में कामयाब रहे।।जाट वोटों के प्रियंका चौधरी,मेवाराम जैन और मृदुरेखा चौधरी के बीच होने से मेवाराम जैन की राह आसान हुई।।

2018 में क्या हुआ

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चला था, कांग्रेस की ओर से मेवाराम जैन, भाजपा की ओर से कर्नल सोनाराम चौधरी और निर्दलीय के तौर पर डॉ राहुल बामणिया ताल ठोक रहे थे. तीनों ही नेताओं का अपना-अलग अलग वर्चस्व था. जहां मेवाराम जैन को जनता का नेता माना जाता है, तो वहीं कर्नल सोनाराम चौधरी के लिए कहा गया कि उन्होंने जिद करके बाड़मेर की टिकट ली, क्योंकि वह मेवाराम जैन को हराना चाहते थे, जबकि अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चे ने राहुल बामणिया को अपना उम्मीदवार बनाया. तीनों नेताओं का मकसद साफ था कि जिला मुख्यालय जीतेंगे तो पूरे इलाके में उसका ठरका रहेगा. वहीं कहा जाता है कि कांग्रेस का वोट काटने के लिए 2018 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने भी अपनी पार्टी से एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया था, ताकि कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके. हालांकि सारे समीकरण फेल हो गए और मेवाराम जैन लगातार तीसरी बार बाड़मेर सीट 30 से विजयी हुए.