शनिवार, 9 जून 2018

गंगानगर में बरसात से धुली गर्मी तो जयपुर में बूंदाबांदी, पूर्वी इलाकों में बरिश के आसार

गंगानगर में बरसात से धुली गर्मी तो जयपुर में बूंदाबांदी, पूर्वी इलाकों में बरिश के आसार
गंगानगर में बरसात से धुली गर्मी तो जयपुर में बूंदाबांदी, पूर्वी इलाकों में बरिश के आसारजयपुर। जयपुर सहित राजस्थान के कुछ इलाको में शनिवार को बरसात हुई। श्रीगंगानगर में हल्की बारिश तो जयपुर के आमेर में बूंदाबाई हुई। जयपुर में सुबह से ही बादल छाए रहे। वहीं पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में शुक्रवार दोपहर व बीती देर रात हुई बारिश से थोड़े समय के लिए गर्मी से राहत दलाई, लेकिन रात का तामपान कुछ शहरों में फिर बढ़ गया। बीती रात नौ शहरों को तापमान 30 डिग्री के पार रहा। जयपुर में रात का तापमान करीब एक डिग्री नीचे तो आया, लेकिन यह अभी भी 30 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। मौसम विभाग ने पश्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया था जबकि यहां के श्रीगंगानगर में सुबह ही बरसात आ गई।
पूर्वी राजस्थान में आ सकती है बारिश
- मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान में बिजली गरजने के साथ हल्की बरसात हो सकती है। वहीं शुक्रवार की तरह पश्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क बना रहेगा।
जयपुर
- मौसम विभाग के अनुसार जयपुर में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। आंधी व हल्की बरसात हो सकती है। यहां अधिकतम व न्यूनतम तापमान 43 व न्यूनतम तापमान 31 डिग्री रहने का अनुमान है।
- जयपुर में सुबह 10 बजे अधिकतम तापमान 34 डिग्री तो नमी 55 प्रतिशत रही। यहां हवा की गति तीन किमी प्रति घंटा रही।

राजस्थान: 80 रुपए से नीचे आए पेट्रोल के दाम अब 79.78 पर पहुंचे, डीजल 72.71 पर आया



राजस्थान: 80 रुपए से नीचे आए पेट्रोल के दाम अब 79.78 पर पहुंचे, डीजल 72.71 पर आया

राजस्थान: 80 रुपए से नीचे आए पेट्रोल के दाम अब 79.78 पर पहुंचे, डीजल 72.71 पर आया



जयपुर. पेट्रोल के दाम पिछले 11 दिनों से लगातार कम हो रहे हैं। आखिर शनिवार को दाम घटते-घटते 80 रुपए से नीचे आ गए। शनिवार को पेट्रोल की कीमतों में सबसे ज्यादा 40 पैसे की गिरावट देखने को मिली। इससे पहले 10 दिनों में पेट्रोल के दामों में कुल 1.04 पैसे की कमी आई थी। जिसके बाद पैट्रोल 79.78 पैसे पहुंच गया। वहीं, डीजल 72.71 रुपए प्रति लीटर हो गया है। 30 मई के बाद से ही पेट्रोल और डीजल के दाम दाम लगातार कम हुए हैं। जिससे लोगों में कुछ राहत जरूर है।- इससे पहले 14 मई से 29 मई तक पेट्रोल डीजल के दामों में लगातार उछाल देखने को मिला था। इस दौरान पेट्रोल 3.67 रुपए से ज्यादा का उछाल आया था। वहीं इसी अवधि में डीजल के दामों में भी 3.15 रुपए की वृद्धि हुई थी।

ये है 20 साल की लुटेरी दुल्हन, 3 साल में की तीन फर्जी शादियां और कमाए 10 लाख

ये है 20 साल की लुटेरी दुल्हन, 3 साल में की तीन फर्जी शादियां और कमाए 10 लाख

ये है 20 साल की लुटेरी दुल्हन, 3 साल में की तीन फर्जी शादियां और कमाए 10 लाख
उदयपुर. 15 अप्रैल को ससुराल से भागी लुटेरी दुल्हन को पुलिस ने गुरुवार को डूंगरपुर से गिरफ्तार किया। कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार, फर्जी शादी कर पैसे एेंठने वाली दुल्हन कर्नाटक की नेत्रावती ने एक साल में दूसरी और 3 साल में 3 फर्जी शादियां कीं और करीब 10 लाख रुपए कमाए। पूछताछ में उसने बताया, कर्नाटक स्थित उसके गांव में तो अधिकतर घरों में युवतियों की एेसी ही शादी होती है। पैसों के लालच में ससुराल बदलती रहती हैं। उसे भी उसकी मां कौशल्या ही इस धंधे में लेकर आई। हाल ही में लुटेरी दुल्हन अशोक जैन के साथ शादी कर कुछ समय तो उनके साथ रही, फिर 15 अप्रैल को भागकर कर्नाटक अपने गांव पहुंच गई।

- दोबारा दलाल से संपर्क कर डूंगरपुर के भरत जैन से 9 मई को 4.50 लाख रुपए लेकर शादी की। वहां से भी भागकर किसी और से शादी करने की तैयारी में थी लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

मां के कहने पर बन गई लुटेरी दुल्हन, 17 साल की उम्र में पहली शादी की, एक साल में ही तलाक फिर दो शादियां

- थानाधिकारी ने बताया, उसकी मां कौशल्या ही उसे इस धंधे में लेकर आई। नेत्रावती 17 साल की थी तब घर वालों ने रिश्तेदारों की पहचान पर समाज में ही शादी की थी।- एक साल ससुराल में रही फिर तलाक हो गया। फिर मां के कहने पर दलालों से संपर्क बनाया और जावरमाइंस में अशोक जैन से शादी हुई।- यहां पर करीब 5 लाख रुपए लिए। 15 अप्रैल को यहां से भागने के बाद कर्नाटक गई और पैसे घर पर दे दिए। डूंगरपुर में भी 4.50 लाख रुपए लेकर शादी की।यह था मामला : डूंगरपुर के गोल मार्केट निवासी अनिल जैन ने 15 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि अनिल के छोटे भाई अशोक कुमार जैन की शादी पिछले साल 17 जुलाई को बेलगांव (कर्नाटक) निवासी मैत्रावती से हुई थी। मैत्रावती मात्र दो महीने ससुराल में रहने के बाद फरार हो गई।







*बाड़मेर ग्रुप फ़ॉर पीपल की महिला विंग ने कच्ची बस्ती राम नगर में वस्त्र,जल का वितरण किया*

पेयजल समस्या से जूझ रहे रामनगर निवासियो को ग्रुप फ़ॉर पीपल महिला विंग ने दी राहत,पानी के टेंकर डलवाए*





*बाड़मेर सामाजिक सरोकार और नवाचार के प्रतीक ग्रुप फ़ॉर पीपल की महिला विंग ने शहर की कच्ची बस्ती रामनगर में पेयजल की किल्लत देखते हुए वहां के निवासियों को राहत प्रदान करते हुए पानी के चार टेंकर डलवा उनजे तत्काल राहत प्रदान की।।ग्रुप अध्यक्ष आज़ाद सिंह राठौड़ ने बताया कि ग्रुप की महिला विंग संयोजिका ज्योति पनपालिया के नेतृव में महिला विंग द्वारा शुक्रवार को राम नगर कच्ची बस्ती म वस्त्र वितरण किये गए।इस दौरान बस्ती की महिलाओं ने पानी की समस्या के बारे में ग्रुप को अवगत कराया।।लम्बे समय से इस बस्ती में पानी नही आने के कारण लोग एक एक बूंद के मोहताज हो गए।महिला विंग की सदस्यो ज्योति पनपालिया,गीता माहेश्वरी,सुचित्रा छंगाणी और नीतू राठी द्वारा तत्काल चार टेंकर पेयजल के सहयोगार्थ मंगवाए गए।।बस्ती में पानी के टेंकर आने के बाद ग्रुप मेम्बर्स में व्यवस्थित तरीके से हर परिवार को पीने का पानी उपलब्ध कराता।।ज्योति पनपालिया ने बताया कि बस्ती में पेयजल की जरूरत देखते हुए व्यक्तिगत स्तर पर महिला विंग सदस्यो ने आर्थिक सहयोग कर पानी के टेंकर मंगवा कर समस्या का अस्थायी समाधान कर तत्काल राहत देने का प्रयास किया।।शनिवार को भी दो टेंकर और डलवाए गए।।

*वस्त्र वितरण किये*

*बाड़मेर ग्रुप फ़ॉर पीपल की महिला विंग ने कच्ची बस्ती राम नगर में वस्त्र,जल का वितरण  किया*

बाड़मेर सामाजिक सरोकार और नवाचार के प्रतीक ग्रुप फ़ॉर पीपल महिला विंग ने  जरूरतमंद परिवारो को वस्त्र और जल की समस्या का निस्तारण किया।ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि महिला विंग सदस्यो ने करीब 50 परिवारो को वस्त्र वितरण एवं बीस हज़ार लीटर जल की व्यवस्था भी की। श्रीमती ज्योति पनपालिया,गरिमा सिंह,नीतू राठी,गीता माहेश्वरी,सुचित्रा छंगाणी एवं चाईल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं सहित कई सदस्य उपस्थित थे। ज्योति पनपालिया ने बताया की वस्त्र बैंक की स्थापना कर  रखी हे जिसमे भामाशाहो द्वारा भेंट किये वस्त्रो का वितरण किया गया। इन परिवारों परिवारों को कर पर्व की खुशियां बाँटी। आगामी दिनों में भी वस्त्र वितरण किये जायेंगे।

बुधवार, 23 मई 2018

बाड़मेर। बहुचर्चित टांका घोटाला प्रकरण- 22 साल बाद भी एसीबी 11 चालान पेश नही कर पाई , आखिर किसके दबाव में चालान पेंडिंग

बाड़मेर। बहुचर्चित टांका घोटाला प्रकरण- 22 साल बाद भी एसीबी 11 चालान पेश नही कर पाई , आखिर किसके दबाव में चालान पेंडिंग 




बाड़मेर 33 साल साल पुराने बाड़मेर के बहुचर्चित टांका घोटाला प्रकरण में 22 साल बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। ब्यूरो ने अब तक 27 चालान पेश किए जबकि 11 चालान अभी तक पेंडिंग पड़े है। इन बकाया चालान ने रसूखदार जन प्रतिनिधी शामिल है।।
घोटाला के लिए इमेज परिणाम

सूत्रों की माने तो रसूखदार जन प्रतिनिधि की चालान फ़ाइल ही तत्कालीन राज्य गृह मंत्री ने गायब करवा इन्हें बचा लिया। मगर अब चुनावी साल में इन फाइलों से धूल की जमा परते शीघ्र हटने के संकेत है।।सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार जल्द बकाया चालान पेश करने जा रही है।


वर्ष 1987 में बाड़मेर के शिव तहसील क्षेत्र में 2994 टांकाें के निर्माण के नाम पर घोटाला कर करोड़ों रुपए का गबन कर लिया था। इसके बाद शिकायतें हुई और वर्ष 1996 में पूरे मामले की जांच एसीबी को सौंप दी गई। एसीबी ने 38 मुकदमे दर्ज कर लिए, लेकिन जांच पूरी नहीं हुई है। एसीबी ने हाल ही में 30 मार्च 16 के बाद एक भी चालान न्यायालय में पेश नही किया है। इस समेत अब तक एसीबी ने 27 में चालान पेश किया है, जबकि 11 में चालान शेष है। मामले में कई रसूखदार आरोपियों ने राजनीतिक दबाव डलवाकर इस जांच प्रक्रिया की गति धीमी कर दी है। घोटाले के कई आरोपी अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत हो चुके हैं। कइयों की मृत्यु हो गई है। यहां तक कि एक आरोपी तो भारत छोड़कर पाकिस्तान चला गया है।


वर्ष 1987 में शिव तहसील क्षेत्र के 2994 टांकों का बिना निर्माण किए भुगतान उठा कर गबन कर लिया गया। उस समय यह राशि 150 लाख रुपए थी। एसीबी ने कुल 101 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए वर्ष 1996 में 38 प्रकरण दर्ज किए थे। इनकी जांच आज दिन तक चल रही है। 38 में से 27 प्रकरण में चालान पेश किए जा चुके है, जबकि 11 प्रकरण की जांच भी अब तक शेष है। 1987 में शिव तहसील क्षेत्र में कुल 10420 सार्वजनिक टांकों की स्वीकृतियां जारी की गई। इनमें 2994 टांकों का कागजों में निर्माण दर्शाकर गबन किया था।
घोटाला के लिए इमेज परिणाम


जांच जुटाने के लिए मशक्कत
1996में टांका घोटाला प्रकरण दर्ज हुआ था। इसमें जांच सबूत जुटाने के लिए एसीबी को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। रजिस्टर कागजात पानी से खराब होने के कारण एसीबी ने लेमीनेशन भी करवाया है। अब तक 27 चालान पेश किए जा चुके है।




..ऐसे तो 20 साल और लग जाएंगे
जांचको देखा जाए तो इस प्रकरण में 20 साल तक का समय और लग जाएगा। अब तक एसीबी ने 38 मुकदमों में केवल 27 चालान ही पेश किए है। अब तक किसी को सजा होना तो दूर, सभी के खिलाफ चालान भी पेश नहीं हुए है।

आधे सेवानिवृत,कुछ भगवान को प्यारे

टांकाघोटाला प्रकरण में दोषी अधिकारी कार्मिकों में आधे के करीब तो सेवानिवृत हो गए है। वहीं कुछ की मौत हो जाने से उनके नाम भी प्रकरण से हटा दिए गए है।


जानिए यह है बहुचर्चित टांका घोटाला
वर्ष1987-88 में बाड़मेर जिले के शिव तहसील क्षेत्र अकाल राहत कार्याे के अंतर्गत 10420 टांके स्वीकृत हुए थे। इनमें 2994 टांकों का निर्माण नहीं होने के बावजूद भी अधिकारियों कार्मिकों ने मिलीभगत कर भुगतान उठा लिया गया। 1 अक्टूबर 1996 को विशिष्ट शासन सचिव सहायता के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर संजय दीक्षित ने पूरे मामले की जांच एसीबी को सौंपी थी। इसमें टांकों के गबन का मामला उजागर हुआ। करीब 300 लोगों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ 38 मुकदमे दर्ज करवाए गए। इस प्रकरण में विकास अधिकारी, ग्रामसेवक, पटवारी, सरपंच, पूर्व सरपंच सहित कई कार्मिकों जन प्रतिनिधियों को दोषी ठहराया गया है।




कब कितने चालान पेश
वर्ष         -    चालान

2012      -       2
2013    
  -       9
2014      -       6
2015      -       1
2016       -      8

कुल
      -        27




266 आरोपियों के खिलाफ दर्ज है 38 मुकदमे
टांकाघोटाला प्रकरण में एसीबी की जांच में 266 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। इनके खिलाफ 1996 में 38 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें तत्कालीन विकास अधिकारी शिव मोहनलाल विश्नोई, सीताराम, मुबीन खां, अंबाराम, बलवंत सिंह, रोशन खां, हैदरअली, पदमाराम, आलम खां, हसन खां, लक्ष्मणसिंह, मेहरदीन , रेवती दान, समे खां, दुर्जनसिंह, खंगाराम, भंवरदान, गेनसिंह, मुकनाराम, राजाराम, भूरा राम, गुमानसिंह, उदाराम, मेवाराम,आसूलाल, सूर्यप्रकाश, जोरसिंह, भारतसिंह, गिरीशचंद्र, ईमाम खां, गेमरसिंह, गोरखाराम,कांभूराम, मुकाराम, मोडाराम, धुड़ाराम, भभूतसिंह, मुराददान, हुकमसिंह, किशोरसिंह, इंद्रसिंह, फतेहसिंह, टीकमाराम, बाबूलाल, केशाराम, जगदीशप्रसाद, भीखसिंह, बख्ताराम, अमृतलाल, बारथाराम, डूंगराराम, शोभसिंह, दुर्गाराम, बीसाराम, रुघसिंह, सवाईसिंह, कमाल खां, मोहम्मद रहीम, भक्तिराम, गणपतसिंह, बोहरीदास, एसबी राव, तालेबरसिंह, जालमसिंह, भीयल खां, चंदनसिंह, जयराम, गुलाबसिंह, खेतसिंह, गेमराराम, भीखाराम, शोभाराम, उकाराम, रासाराम, जुगतसिंह, जगतसिंह, गुलामाराम, चनणा, खीमदान, हरीसिंह, दुर्गादान, आईदानराम, चुतरसिंह, शंकरलाल, तख्तसिंह, उम्मेद खां, पुरुषोत्तमदास, गौरीशंकर, शंकरपुरी, अमोलकचंद, रमेश कुमार, जैताराम, देराबरसिंह, छगनलाल, बंशीधर, दीपसिंह, सफी मोहम्मद, चंन्दसिंह, शोरसिंह, चानणमल, ईलसिंह मुख्य आरोपियों समेत कुल 266 आरोपी है।