सोमवार, 1 अगस्त 2016

बाड़मेर 104 में गूंजी किलकारी

बाड़मेर 104 में गूंजी किलकारी


बाड़मेर धनाऊ- जिले के सरहदी माखन का तला निवासी डोली देवी पत्नी दलाराम के लिए 104 किसी वरदान से कम नही हुआ यु की रविवार को डोली देवी को जब प्रसव पीड़ा महसूस हुई तो परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धनाऊ जाने के लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत संचालित 104 एम्बुलेंस को बुलाया इस पर एम्बुलेंस ड्राइवर बालाराम चौधरी  डोली देवी को एम्बुलेंस में लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए तो बीच रास्ते में ही डोली देवी के 104 में सुरक्षित तरीके से प्रसव हो गया।
जच्चा-बच्चा दोनों को अस्पताल पहुँचाने पर डॉ.महेंद्र यादव के निर्देशन में एएनएम पार्वती चौधरी ने प्रसूता का आवश्यक उपचार किया।
फिहलाल प्रसूता एवं नवजात दोनों के किसी प्रकार की कोई परेशानी नही है।

बाड़मेर घायल सफ़ेद चिंकारा को उपचार के लिए जोधपुर भेज डी ऍफ़ ओ ने

बाड़मेर घायल सफ़ेद चिंकारा को उपचार के लिए जोधपुर भेज डी ऍफ़ ओ ने
फाइल फोटो 

बाड़मेर जिले के वृहद् वन्य जीव श्रृंखला में चमत्कारी सफ़ेद चिकारा प्रजाति धोरीमन्ना  के जिप्सम बाहुल्य क्षेत्र झाखरड़ा में 1999 में अस्तित्व में आई थी।तत्कालीन उप वन सरंक्षक भरत तैमानि युवा पत्रकार दिनेश बोथरा चन्दन सिंह भाटी की खोज के जरिये सफ़ेद चिंकारा की प्रजाति सामने आई थी।यह विश्व की दुर्लभ प्रजाति हैं। उस वक़्त इनके सरंक्षण के लिए झाखरड़ा को सरंक्षित क्षेत्र घोषित कर तारबन्दी कराई थी।उस ववत छ चिंकारा सफ़ेद थे।।बाद में उनकी तरफ ध्यान देना बन्द हुआ।कल सफ़ेद चिंकारा दुर्घटना में घायल हो गया।।उप वन सरंक्षक  लक्ष्मण लाल गर्ग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए उसे तत्काल जोधपुर उपचार के लिए डॉ श्रवण सिंह राठौड़ के पास रेस्क्यू वाहन से भेजा तथा बेहतर उपचार की अनुसंशा भी की।जिसके चलते चिंकारा को बेहतर उपचार मिला।चिंकारा सोडियार के आसपास दुर्घटनाग्रस्त होने से आगे पीछे के पांवो में चोट आ गयी थी।।उपचार के बाद सफ़ेद चिंकारा ठीक हैं।उप वन सरंक्षक की संवेदन शीलता को सलाम।सफ़ेद चिंकारा 1999 में अस्तित्व में आने के बाद वन्य जीव गणना में कभी नही। दर्शाया।।पुरे भारत में मात्र बाड़मेर जिले में ही सफ़ेद चिंकारा हैं।