शुक्रवार, 1 जनवरी 2016

बाडमेर। तिलवाड़ा पशु मेले की तैयारियां संबंधित बैठक 4 को

बाडमेर। तिलवाड़ा पशु मेले की तैयारियां संबंधित बैठक 4 को

बाडमेर। श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा की प्रबंधकारिणी की प्रथम बैठक जिला कलक्टर सुधीर कुमार शर्मा की अध्यक्षता में 4 जनवरी को दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल में रखी गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डा.बी.आर.जैदिया ने बताया कि इस बैठक में जन प्रतिनिधियो  एवं संबंधित अधिकारियो को आमंत्रित किया गया है। इस दौरान मेले की तिथि निर्धारण, कानून व्यवस्था, परिवहन सुविधा, राशन, चारा व्यवस्था, उप समितियो  के गठन, खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमो  के आयोजन, बैंक एवं पोस्ट आफिस की व्यवस्था, पशु प्रदर्शनी आयोजित करने संबंधित विभिन्न मुददो  पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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अजमेर। शौचालय निर्माण में अजमेर राजस्थान में प्रथम

अजमेर। शौचालय निर्माण में अजमेर राजस्थान में प्रथम


अजमेर। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत अजमेर जिले ने प्रदेश में सर्वाधिक शौचालयों का निर्माण कराया है। जिले में अब तक 85 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने सभी से अभियान में सक्रिय सहयोग का आग्रह किया है।

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जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अजमेर जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत अब तक अजमेर जिले में एक लाख 81 हजार एक शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। यह संख्या प्रदेश में सर्वाधिक है। अजमेर जिले में अब तक 85 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। शेष ग्राम पंचायतों में तेजी से कार्य चल रहा है।
जिला कलक्टर डाॅ. मलिक ने बताया कि अजमेर जिले में किशनगढ़ ब्लाॅक में 13, अंराई में 11, भिनाय में 5, जवाजा में 5, केकड़ी में 9, मसूदा में 7, पीसांगन में 11, श्रीनगर में 17 एवं सरवाड़ में 7 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। इन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने में जिले के जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय नागरिकों सहित प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों का सक्रिय सहयोग रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि जिले में शेष रही ग्राम पंचायतों को खुले मंे शौच से मुक्त करने में समाज के सभी वर्ग सक्रिय सहयोग करे। सरकार द्वारा शौचालय निर्माण कराने वाले परिवारों को आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है। प्रत्येक परिवार को 12 हजार रूपये शौचालय निर्माण पर दिए जा रहे है।
डाॅ. मलिक ने कहा कि खुले में शौच एक अभिशाप है। बालिकाओं और महिलाओं को खुले में शौच के कारण कई तरह की परेशानियों से रोजाना जूझना पड़ता है। इससे उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है। बुजुर्गो को भी परेशानी होती है। हम सब मिलकर इस अभिशाप से मुक्ति के लिए प्रयास करे तो निश्चित सफलता हासिल होगी।