गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

आरएएस के 7 मार्च तक के साक्षात्कार स्थगित, लोक सेवा आयोग ने दिया आदेश

अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आरएएस मुख्य परीक्षा 2012 के 3 से 7 मार्च तक के साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए हैं। हाईकोर्ट में प्रकरण विचाराधीन होने को देखते हुए आयोग ने यह निर्णय किया है। आयोग सचिव निष्काम दिवाकर के मुताबिक आरएएस परीक्षा के तहत 3 मार्च से साक्षात्कार शुरू होने वाले थे।
आरएएस के 7 मार्च तक के साक्षात्कार स्थगित, लोक सेवा आयोग ने दिया आदेश
मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसे देखते हुए फिलहाल 7 मार्च तक के साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए हैं। इन तारीखों में जिन अभ्यर्थियों के साक्षात्कार आयोजित होने थे उनको साक्षात्कार तिथि से अवगत करा दिया जाएगा। 8 व 9 मार्च को अवकाश है। वहीं 10 मार्च से जिन अभ्यर्थियों के साक्षात्कार हैं, वे यथावत रहेंगे।

3 को फैसला नहीं तो आगे बढ़ सकता है कार्यक्रम : कोर्ट का डिसीजन 3 मार्च को आने वाला है। आयोग प्रबंधन मान कर चल रहा है कि फैसला आयोग के पक्ष में ही आएगा। फिर भी यदि कोर्ट का कोई और आदेश आता है, तो आयोग साक्षात्कार का कार्यक्रम और आगे बढ़ा सकता है। आयोग की ओर से 3 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजे गए हैं।

जवान ने 5 साथियों को भूना, फिर की खुदकुशी

जम्मू। जम्मू कश्मीर के गंदरबल कैम्प में सेना एक जवान ने अपने पांच साथियों की गोली मार कर हत्या कर दी।
इस वारदात के बाद उसने खुद को भी गोली मार दी। एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। सेना ने घटना की पुष्टि करते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। हत्या क्यों की गई इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सकता है।

अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय रायफल्स का सैनिक साफापोरा शिविर में क्रोधित हो उठा जिसके बाद उसकी सहकर्मियों के साथ तीखी बहस भी हुई।

उन्होंने कहा कि बहस के बाद सैनिक ने अंधाधुंध गोलियां चलाई जिससे राष्ट्रीय रायफल के पांच सैनिकों की मौत हो गई। इस गोलीबारी के बाद नाराज सैनिक ने गोली मार कर आत्महत्या कर ली।

सेना के श्रीनगर स्थित 15 काप्र्स के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल एन.एन.जोशी ने बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह घटना 26-27 फरवरी की दरम्यानी रात को हुई।

जम्मू एवं कश्मीर में पिछले 24 सालों में सुरक्षा बलों की तैनाती के दौरान उनके बीच आपसी गोलीबारी की घटना देखी गई है। इस तरह की घटनाएं प्रतिकूल परिस्थितियों में उनकी तैनाती, लंबे समय से घर से दूरी, मनोरंजन के साधनों की कमी से उपजे तनाव की वजह से होती हैं।

राहुल गांधी के गाल पर चुंबन की बौछार

जोरहाट। पूर्वोत्तर दौरे पर राहुल गांधी के साथ बुधवार को दिलचस्प वाकया हुआ। असम के जोरहाट में सभा में चर्चा चल ही रही थी कुछ देर बाद कार्यक्रम समाप्ति पर था तब कुछ महिलाओं ने राहुल से हाथ मिलाने की गुजारिश की।
राहुल उनके हाथ मिलाते तभी एक महिला ने उन्हें गालों पर तो दूसरी महिला ने माथे पर चूम लिया। फिर क्या था कई अन्य महिलाएं भी उठ खड़ी हुईं और राहुल को चूमने और उनके सिर पर हाथ फेरने की होड़ लग गई। राहुल कुछ देर के लिए इससे हैरान दिए और मुस्कराकर रह गए।

बाद में उनके सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं को रोकने की कोशिश की और राहुल ने खुद को उनसे अलग कर वहां से विदा ली। सभा में राहुल ने युवाओं से कहा, उद्यम के लिए बैंक से जुड़ने की जरूरत है।

जैसे अमरीका में दिवालिया होने पर नजरिया है, एक बार विफल, दूसरी कोशिश होगी। अपने यहां नजरिया बदलना होगा।

बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

देखिये तस्वीरे फर्स्ट लुक जैसलमेर में अदभुत देवा फोर्ट


























देखिये तस्वीरे फर्स्ट लुक जैसलमेर में अदभुत देवा फोर्ट 

जैसलमेर राज्य मे हर २०-३० किलोमीटर के फासले पर छोटे-छोटे दुर्ग दृष्टिगोचर होते हैं, ये दुर्ग विगत १००० वर्षो के इतिहास के मूक गवाह हैं। मध्ययुगीन इतिहास में इनका परम महत्व था। ये राजनैतिक आवश्यकतानुसार निर्मित कराए जाते थे। दुर्ग निर्माण में सुंदरता के स्थान पर मजबूती तथा सुरक्षा को ध्यान में रखा जाता था। परंतु यहां के दुर्ग मजबूती के साथ-साथ सुंदरता को भी ध्यान मं रखकर बनाया गया था। दुर्गो में एक ही मुख्य द्वारा रखने के परंपरा रही है। दुर्ग मुख्यतः पत्थरों द्वारा निर्मित हैं, परंतु किशनगढ़, शाहगढ़ देवा आदि दुर्ग इसके अपवाद हैं। ये दुर्ग पक्की ईंटों के बने हैं। प्रत्येक दुर्ग में चार या इससे अधिक बुर्ज बनाए जाते थे। ये दुर्ग को मजबूती, सुंदरता व सामरिक महत्व प्रदान करते थे।देवा फोर्ट जिसे स्थानीय भाषा में कोट भी कहा जाता हें बेहद सुन्दर और आकर्षक हें।   इसका अपना ऐतिहासिक महत्त्व हें। 

पनडुब्बी दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल जोशी का इस्तीफा



नौसेना प्रमुख एडमिरल डी. के. जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बुधवार की सुबह ही हुई आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया. रक्षा मंत्रालय ने नौसेना प्रमुख का इस्तीफा स्वीकार लिया है. वाइस एडमिरल रॉबिन धवन नियमित प्रमुख की नियुक्ति होने तक कार्यवाहक नौसेना प्रमुख का कार्य संभालेंगे.
एडमिरल डीके जोशी की फाइल फोटो
रूस निर्मित पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न बुधवार को ही मुंबई तट से 80 किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें सात नौसैनिक जख्मी हुए जबकि दो अभी भी लापता हैं. दुर्घटना के समय पनडुब्बी में 70 अधिकारी और सैन्यकर्मी मौजूद थे और यह पानी के अंदर थी.

1988 में सेना में शामिल किए गए सिंधुरत्न का हाल ही में मुंबई में मरम्मत करवाया गया था और दिसम्बर में इसे वापस नौसेना को सौंपा गया था. अभी इसे दो अभ्यास से गुजरना था- एक बंदरगाह पर और दूसरा समुद्र में. इसके बाद इसे अभियान तैनाती की मंजूरी दी जानी थी. जब दुर्घटना हुई तो यह समुद्र में अभ्यास पर थी.

सात महीने में तीसरी पनडुब्बी दुर्घटना
भारतीय नौसेना युद्धक के दुर्घटनाग्रस्त होने की यह दसवीं घटना है और पिछले सात महीने में यह तीसरी पनडुब्बी दुर्घटना है. करीब एक महीने पहले आईएनएस सिंधुघोष उस समय बाल-बाल बच गयी जब कम ज्वार के दौरान इसने मुंबई बंदरगाह पर प्रवेश किया और यह दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची. आईएनएस सिंधुरक्षक पिछले वर्ष मुंबई बंदरगाह के पास डूब गई जिससे उस पर सवार सभी 18 कर्मियों की मौत हो गई. रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने इस मुद्दे पर नौसेना से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

इस महीने की शुरुआत में युद्धक पोत आईएनएस ऐरावत दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके बाद कमांडिंग अधिकारी को कमान ड्यूटी से हटा दिया गया.

पश्चिमी कमान में कई दुर्घटनाओं से नौसेना मुख्यालय चिंतित है और इस मुद्दे पर उसने पश्चिमी नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा को तलब किया है.